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अपराध दिल्ली

अंतरराज्यीय ऑटो-लिफ्टर गिरोह का पर्दाफाश, गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार , 8 लग्जरी कारें व चाबियां बरामद।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आईएससी/अपराध शाखा की टीम ने आज  3 ऑटो-लिफ्टर्स को गिरफ्तार किया हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम मंजीत सिंह उर्फ़ बाबा, उम्र 35 वर्ष, निवासी राजसी अंडरी, थाना कोंडवा, जिला पुणे, महाराष्ट्र, मुनीर खान उर्फ़ मौलाना, उम्र 42 वर्ष, निवासी सुयास निसर्ग सोसाइटी, हांडीवाड़ी रोड, हडपासर, थाना कोंडवा, पुणे, महाराष्ट्र और अब्दुल रहीम, उम्र 32 वर्ष, निवासी ईसीपी वास्तो सोसाइटी, हांडीवाड़ी रोड, हड़पासर, थाना कोंडवा, पुणे, महाराष्ट्र हैं. इस गिरफ़्तारी से वाहन चोरी के 4 मामले सुलझा लिए गए हैं व आगे की जाँच जारी है जिससे वाहन चोरी के कई अन्य मामलों के सुलझने की सम्भावना है। 

विशेष डीसीपी अपराध रविंद्र सिंह यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 12 अक्टूबर 2023 को एक किआ सेल्टोस कार की चोरी की ई-एफआईआर नंबर – 031603/2023, धारा 379 भारतीय दण्ड संहिता, थाना प्रसाद नगर, दिल्ली में दर्ज की गई । बाद में मामले की आगे की जांच आईएससी/अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी गई थी। आईएससी /अपराध शाखा की एक टीम को मामले पर काम करने और आरोपितों को पकड़ने का निर्देश दिया गया था।  संदिग्धों के बारे में तकनीकी व मुखबिरों के माध्यम से जानकारी एकत्र की गई। सहायक उप-निरीक्षक शैलेंद्र को गुप्त सूचना मिली कि ई-एफआईआर नंबर – 031603/2023, थाना प्रसाद नगर, दिल्ली में संलिप्त ऑटो लिफ्टर्स, चोरी की कारों को बेचने के लिए सुभाष नगर, दिल्ली के इलाके में आएंगे। यदि समय पर कार्रवाई  की जाए तो उन्हें चोरी के वाहनों के साथ पकड़ा जा सकता है।यादव का कहना हैं कि तदानुसार, ऑटो लिफ्टरों को पकड़ने के लिए उपायुक्त अमित गोयल द्वारा सहायक आयुक्त रमेश लाम्बा की देखरेख में व निरीक्षक कमल कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमे उप-निरीक्षक गौरव कुमार, सहायक उप-निरीक्षक शैलेंद्र सिंह, सहायक उप-निरीक्षक गुलाब सिंह, सहायक उप-निरीक्षक जफरुद्दीन, सहायक उप-निरीक्षक राकेश कुमार, प्रधान सिपाही शक्ति सिंह, प्रधान सिपाही रामकेश, प्रधान सिपाही  सुरेंद्र, प्रधान सिपाही वरुण कुमार और सिपाही नवीन कुमार शामिल थे।  मिली सूचना के अनुसार टीम द्वारा सुभाष नगर, दिल्ली क्षेत्र पर जाल बिछा कर 3 ऑटो-लिफ्टर्स, (1) मंजीत सिंह उर्फ़ बाबा, उम्र 35 वर्ष, (2) मुनीर खान उर्फ़@ मौलाना, उम्र 42 वर्ष, (3) अब्दुल रहीम, उम्र 32 वर्ष को चोरी की फॉक्सवैगन कार के साथ सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया। उनकी निशानदेही पर चोरी की गई 8 लग्जरी कारें, 5 चाबियां और अपराध में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरण बरामद किए गए। उनका कहना हैं कि पूछताछ के दौरान, आरोपित अब्दुल रहीम ने खुलासा किया कि वह 15 दिन पहले, अपने सहयोगियों मंजीत सिंह उर्फ़ बाबा और मुनीर खान उर्फ़ मौलाना के निर्देशानुसार, चोरी की, किआ सेल्टोस कार की डिलीवरी, ऑटो-लिफ्टर स्मार्टी से ली थी जो ई-एफआईआर  नंबर  031603/2023, धारा 379 भारतीय दण्ड संहिता, थाना प्रसाद नगर, दिल्ली के तहत चोरी पाई गई. आरोपितों ने चोरी की कर ,को आगे ठिकाने लगाने के लिए पुणे, महाराष्ट्र में भेज दिया था। आरोपित अब्दुल रहीम की निशानदेही पर एक सफेद रंग की क्रेटा कार,बरामद की गई  जो ई-एफआईआर नंबर- 009684/2023, धारा 379 भारतीय दण्ड संहिता, थाना कीर्ति नगर, दिल्ली के तहत चोरी पाई गई थी। आगे की पूछताछ में पता चला कि सभी आरोपित पुणे, महाराष्ट्र में पुराने स्पेयर पार्ट्स की दुकान चला रहे हैं। आरोपित मंजीत सिंह उर्फ़ बाबा पहले दिल्ली के ऑटो-चोरी के मामलों में गिरफ्तार किया गया था और जेल अवधि के दौरान, वह ऑटो-लिफ्टर स्मार्टी के संपर्क में आया था। लगभग 20-25 दिन पहले आरोपित  अब्दुल रहीम को अपराध शाखा, पुणे की टीम ने पकड़ा था और उसकी निशानदेही पर चोरी की 3 कारें बरामद की गई थीं। बरामद वाहन की जाँच करने पर वह दिल्ली से चोरी पाए गए। आरोपित मंजीत सिंह उर्फ़ बाबा और मुनीर खान उर्फ़ मौलाना ने चोरी की कारों को स्मार्टी से खरीदा और आरोपित अब्दुल रहीम चोरी की कारों को पुणे, महाराष्ट्र में ले जा कर खुले बाजार में बेचता था।  स्मार्टी के साथ आरोपित  अब्दुल रहीम भी वाहन चोरी के मामलों में संलिप्त है। आगे की पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि पिछले 1½ वर्षों में, उन्होंने ऑटो-लिफ्टर स्मार्टी से लगभग 20-25 चोरी की कारें खरीदी हैं। कुछ कारों को खुले बाजार में बेच दिया गया और कुछ चोरी की कारों को ठिकाने लगाने के लिए पुणे में रखा गया है।  उनकी निशानदेही पर फर्जी नंबर प्लेट वाली 6 चोरी की कारें और बरामद की गईं। इन आरोपित  की गिरफ्तारी के साथ, वाहन चोरी के 4 मामले सुलझाये गए हैं लेकिन अभी भी 4 कारों के मूल पंजीकरण नंबरों के साथ कड़ी जोड़ी जानी बाकि है। 
अपराध करने का तरीका:
सबसे पहले, ये आरोपित  दुर्घटना-ग्रस्त कारों को मूल कागजात के साथ खरीदते हैं। इसके बाद, वे दिल्ली से ऑटो-लिफ्टर स्मार्टी से उसी मॉडल की चोरी की गई कारों को खरीद कर आगे उसी कार को पुणे, महाराष्ट्र ले जाते हैं। चोरी की गई कारों पर दुर्घटनाग्रस्त कार के चेसिस व इंजन नंबर अंकित कर देते है।  इसके बाद, वे इसे खरीदार या उपयोगकर्ता को बेचते हैं। कुछ कारों को नष्ट करके उसके पुर्जों को बाजार में बेच देते हैं।
बरामदगी:
i. क्रेटा कार, पंजीकरण संख्या HR-26 DC-1515
ii.होंडा अमेज़, पंजीकरण संख्या- DL-4CAY-6940
iii.बलेनो कार पंजीकरण संख्या DL-11CB-6222
iv.किआ सेल्टोस कार, पंजीकरण संख्या DL-14 CF-2280
v.महिंद्रा बोलेरो कार, नंबर WB02 AD 5792 (फर्जी)
vi.इनोवा कार नंबर MH 12 FY-0283 (फर्जी)
vii.हुंडई i-20 कार, नंबर MH-09 EU-5679 (फर्जी)
viii.हुंडई i-20 कार, बिना नंबर प्लेट,
ix.वोक्सवैगन कार नं. MH-14 EY 5690

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