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दिल्ली स्वास्थ्य

भाजपा की सरकार के लगाए अफसर ही गड़बड़ी कर रहे और भाजपा ही उनकी जांच करा रही -सौरभ भारद्वाज


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:एलजी द्वारा मोहल्ला क्लीनिक की सीबीआई जांच के आदेश देने और भाजपा द्वारा करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाने पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने ही इन अफसरों को लगाए हैं, तो इस गड़बड़ के लिए भी तो सीधे तौर पर केंद्र में बैठी भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी I अब वही अफसर गड़बड़ी कर रहे हैं. भाजपा द्वारा मोहल्ला क्लिनिको में तथाकथित भ्रष्टाचार के आरोप का जवाब देते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरव भारद्वाज ने कहा कि आज उपराज्यपाल कार्यालय से ये ख़बर चलायी जा रही है कि उनके द्वारा दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों के विषय  में CBI को जांच भेजी गई है ये ख़बर बहूत ही हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि यह ग़ौर करने वाली बात है कि दिल्ली के  स्वास्थ्य विभाग में स्वास्थ्य सचिव किसने लगाए हैं ? दिल्ली की चुनी हुई सरकार ने तो नहीं लगाए। स्वास्थ्य विभाग की DGHS की नियुक्ति किसने की है ? ये भी दिल्ली की चुनी हुई सरकार ने नहीं लगाई है ।ये सभी अफ़सर चाहे वो स्वास्थ्य सचिव हो या DGHS हो , इन्हें उप राज्यपाल या केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया है ।

ये बहुत ही अजीब जाँच है , जिसमें खुद के द्वारा लगाए गए अफसरों को भ्रष्ट बताया जा रहा है और CBI में जांच भेजी जा रही है। मगर दिलचस्प बात ये है कि इन अफसरों के ऊपर उपराज्यपाल द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है । उन्होंने कहा कि अगर ये अफ़सर भ्रष्ट हैं और करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हो रहा है, तो अफ़सरों के ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है ? अफसरों को उनके पद से क्यों नहीं हटाया जा रहा है ? अफसरों को सस्पेंड क्यों नहीं किया जा रहा है ? मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सिलसिलेवार तरीके से पूर्व में, समय-समय पर उनके द्वारा इस पूरे प्रकरण के संबंध में दिए गए आदेशों की जानकारी देते हुए बताया, कि 20 सितंबर 2023 को मैंने एक प्रैस वार्ता करके बताया था कि एक जांच में पता चला था कि करीब सात मोहल्ला क्लिनिकों में काम कर रहे डॉक्टर और उनके सहयोगी स्टाफ़ ग़लत तरीके से अटेंडेंस लगा रहे थे । वीडियो द्वारा ऐप में डॉक्टरों की अटेंडेंस लगाई जा रही थी । इस गड़बड़ी करने के लिए उन सभी 26 कर्मचारियों को तुरंत नौकरी से निकालने के आदेश दिए गए थे । साथ ही मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ये भी बताया था कि इन  26 लोगों में सात डॉक्टर , व अन्य कर्मचारियों को मोहल्ला क्लिनिक से तुरंत निकाला गया था । इसके साथ इस मामले  में FIR दर्ज करने के आदेश भी दिए गए थे । आज LG  इस मामले को इस तरह उठा रहे हैं जैसे कि उन्होंने कोई नया मामला उठाया है। भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी द्वारा लगाए गए आरोपी पर पलटवार करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि सुधांशु त्रिवेदी  ने प्रेस वार्ता करके सरासर झूठ कहा है कि दिल्ली  के मोहल्ला क्लिनिक में रोज़ 500-550 मरीज़ देखे जाते हैं। यह बात पूरी तरह से झूठ है और सरकार को बदनाम करने की घटिया साजिश है। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मोहल्ला क्लिनिको में देखे जा रहे हैं मरीजों के संबंध में कुछ आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि दिसंबर 2023 महीने के आंकड़ों के अनुसार, पूरी दिल्ली में मात्र दो मोहल्ला क्लिनिक ऐसे थे जिनमें 250-301 मरीज़ आए और बाक़ी सभी मोहल्ला क्लिनिक में औसतन 76-180 मरीज़ प्रतिदिन देखे जाते हैं। नीचे सारे आंकड़े दिए गए हैं । उन्होने कहा कि मार्च 2023 में मैंने  स्वास्थ्य मंत्री का पदभार संभाला और 21 अप्रैल 2023 को ये निर्देश दिए कि एक फ्लाइंग स्क्वाड(इंस्पेक्शन टीम) बनाई जाए, जो सभी मोहल्ला क्लीनिकों का औचक निरीक्षण करे।  ये भी आदेश दिया गया, कि वह फ्लाइंग स्क्वाड यह भी देखे कि जिन जिन मोहल्ला क्लिनिक में 125 से ज्यादा मरीज देखे जाते हैं, वहां पर कोई गड़बड़ी तो नहीं  ? और यदि कोई गड़बड़ी मिल जाए तो तुरंत कार्रवाई की जाए । उसी दिन ये आदेश भी दिए गए की सीनियर डॉक्टर भी बीच बीच में मोहल्ला क्लिनिको में  रिजर्व के तौर पर भेजे जाएं,  ताकि मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टर की कार्यशैली पर सीनियर डॉक्टर द्वारा बीच बीच में नज़र रखी जा सके। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जब इन निर्देशों में स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तो स्वास्थ्य सचिव और DGHS को  8 मई 2023 को दोबारा पत्र लिखकर पुरानी मीटिंग के विषय  में एक्शन टेकन रिपोर्ट माँगी गई, मगर कोई ATR उनकी ओर से नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि इसके बाद 12 जून 2023 को दोबारा से स्वास्थ्य सचिव को कहा गया, कि मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन न करने के लिए संबंधित अधिकारियों से जवाब माँगा जाए, मगर इस विषय में भी स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई । बार बार कहने पर भी अगर इंस्पेक्शन नहीं की गई ,उसकी रिपोर्ट नहीं दी गई , उसकी कार्रवाई को रोका गया, तो ऐसे में उपराज्यपाल को स्वास्थ्य सचिव पर कार्यवाही करनी चाहिए। वो स्वास्थ्य सचिव को क्यों बचा रहे है ? उन्होंने बताया कि इसके बाद भी 6 जुलाई 2023 को मेरे द्वारा स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए की सभी मोहल्ला क्लीनिक के इंस्पेक्शन का टाइम टेबल बनाकर भेजा जाए I यह भी आदेश दिए कि जिन-जिन मोहल्ला क्लिनिको में ज्यादा मरीज आ रहे हैं उन्हें दो शिफ्ट में चलाया जाए, यानी कि सुबह की शिफ्ट और शाम की शिफ्ट में चलाया जाए, यह भी आदेश दिए गए की मोहल्ला क्लीनिक डिस्पेंसरी आदि के अंदर बायोमेट्रिक फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम द्वारा अटेंडेंस का सिस्टम लगाया जाए. इन सभी आदेशों के बावजूद भी स्वास्थ्य सचिव ने इन पर कोई कार्यवाही नहीं की.  24 जुलाई 2023 को स्वास्थ्य सचिव को दोबारा पत्र लिखकर आदेश दिए कि निर्देशों का पालन किया जाए और एक्शन टेकन रिपोर्ट 30 जुलाई 2023 तक भेजी जाए, मगर इसका भी पालन नहीं किया गया.  यह बात स्पष्ट है की बार-बार स्वास्थ्य सचिव को मोहल्ला क्लिनिको के विषय में निर्देश दिए जाते रहे, इंस्पेक्शन करने के निर्देश दिए जाते रहे, अटेंडेंस के बेहतर इंतजाम करने के निर्देश दिए जाते रहे, उन निर्देशों को पालन करने के लिए बार-बार खत लिखे जाते रहे, एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी गई, मगर स्वास्थ्य सचिव द्वारा इन सभी आदेशों को नहीं माना गया I अब सवाल यह उठता है कि क्या उपराज्यपाल महोदय ऐसे स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे या नहीं करेंगे ? क्या केंद्र सरकार द्वारा ऐसे स्वास्थ्य सचिव को बचाया जाता रहेगा ?

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