फरहीन खान: बच्चों-युवाओं के दमन के खिलाफ और उनकी शिक्षा की दिशा में काम करने के लिए नोबेल पुरस्कार पाने वाले कैलाश सत्यार्थी के घर चोरी का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि शातिर चोर घर में रखे अन्य सामान के साथ नोबेल पुरस्कार की रेप्लिका भी ले गए। सूत्रों के हवाले से आ रही सूचना के मुताबिक, चोरी सोमवार रात अकलनंदा अपार्टमेंट स्थित कैलाश सत्यार्थी के घर पर हुई। घर का ताला तोड़कर गहने और दूसरा महंगा सामान भी चोरी हो गया। गौरतलब है कि कैलाश किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने लैटिन अमेरिका के बोगोटा गए थे। अलकनंदा अपार्टमेंट दिल्ली के सबसे पॉश इलाके जीके पार्ट-2 में आता है। कहा जा रहा है कि मंगलवार सुबह जब उनके एनजीओ के इम्प्लॉइज घर पहुंचे तो उन्होंने ताला टूटा हुआ पाया। अंदर जाकर देखा तो घर का सामान गायब था। इसके बाद उन्होंने पुलिस को जानकारी दी। लोकल पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट मौके पर पहुंच गए हैं। चोरों के सुराग के लिए पुलिस घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगालेगी।
गौरतलब है कि भारत में बाल अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले कैलाश सत्यार्थी को साल 2014 के लिए संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया था। मदर टेरेसा (1979) के बाद कैलाश सत्यार्थी दूसरे भारतीय हैं जिन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया है।
साल 2014 का शांति के लिए नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई को बच्चों एवं युवाओं के दमन के खिलाफ और बच्चों की शिक्षा की दिशा में काम करने के लिए दिया गया है। कैलाश सत्यार्थी के बारे में यह भी जानें मध्य प्रदेश के विदिशा में 11 जनवरी 1954 को पैदा हुए कैलाश सत्यार्थी ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ चलाते हैं।- उन्हें 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने पाकिस्तान की मलाला युसुफ़ज़ई के साथ ये नोबेल पुरस्कार साझा किया था। पेशे से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर रहे कैलाश सत्यार्थी ने 26 वर्ष की उम्र में ही करियर छोड़कर बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया था। टैगोर का नोबेल पुरस्कार भी हो चुका है चोरी नोबेल पुरस्कार चोरी होने का यह पहला मामला नहीं है। रवींद्र नाथ टैगोर का नोबेल पुरस्कार भी चोरी हो चुका है। बंगाल में शांतिनिकेतन से रवींद्र नाथ टैगोर को मिले नोबेल प्राइज, मेडल और अहम कागजातों को चोर उड़ा ले गए थे। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई थी।