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दिल्ली नई दिल्ली

केजरीवाल सरकार ने सार्वजनिक परिवहन के बेड़े में 1500 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने की दी मंजूरी

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार ने आज अपने सार्वजनिक परिवहन के बेड़े में 1500 लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का निर्णय लिया है। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बोर्ड बैठक में आज यह निर्णय लिया। बोर्ड ने पहले ही एफएएमई-2 (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल) श्रेणी के तहत कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीएसईएल) की ग्रैंड चैलेंज स्कीम के तहत 921 बसों और नॉन एफएएमई-2 श्रेणी के तहत शेष 579 बसों की खरीद के लिए मंजूरी दे दी थी। गैर-फेम श्रेणी के 579 बसों के लिए दिल्ली सरकार एफएएमई-2 सब्सिडी के समान स्तर पर 262.04 करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी।

सीईएसएल द्वारा 20 जनवरी 2022 को प्रस्ताव जारी करने के बाद टाटा मोटर्स ने इन बसों के संचालन के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाई है। दिल्ली परिवहन निगम जल्द ही दिल्ली की सड़कों पर इन बसों को उतारने के लिए कंपनी के साथ मास्टर कन्सेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करेगी। दिल्ली सरकार इन बसों के संचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे के विकास पर लगभग 7145  करोड़ रुपए खर्च करेगी।बोर्ड ने दिल्ली ईवी नीति 2020 के तहत ईवी चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए विभिन्न सेवा प्रदाताओं से डीटीसी के 10 स्थलों पर अम्बेडकर नगर डिपो, जल विहार टर्मिनल, दिलशाद गार्डन टर्मिनल, करावल नगर टर्मिनल, शादीपुर डिपो, मायापुरी डिपो, बिंदपुर टर्मिनल, पूर्वी विनोद नगर, पंजाबी बाग और रोहिणी डिपो-एक को आवंटित करने का भी निर्णय लिया। इन जगहों पर स्वैपिंग स्टेशन के लिए दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) ने प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से चार सेवा प्रदाताओं की पहचान की है, जो जल्द ही ईवी चार्जिंग/बैटरी स्थापित करने के लिए डीटीसी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।

बोर्ड ने अंतर्राज्यीय संचालन के लिए 75 (38 गैर-एसी और 37 एसी) सीएनजी समान्य फ्लोर बसों की खरीद के लिए मंजूरी प्रदान करने का भी निर्णय लिया। यह बसें 5 राज्यों (उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब) और एक केंद्र शासित प्रदेश (चंडीगढ़) में दिल्ली-ऋषिकेश, दिल्ली-हरिद्वार, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-हल्द्वानी, दिल्ली-आगरा, दिल्ली-बरेली, दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-पटियाला के बीच 11 रूटों पर चलेंगी।बोर्ड ने एक और ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसमें एचएमवी ड्राइविंग लाइसेंस वाली महिला को अनुबंध के आधार पर ड्राइवरों के पद पर नियुक्ति के लिए प्रशिक्षण के दौरान महिला उम्मीदवारों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को 6000 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 12000 रुपए प्रतिमाह करने का निर्णय लिया है। बस चालक के रूप में रोजगार चाहने वाली महिलाओं के लिए कम से कम तीन वर्षों के लिए एचएमवी ड्राइविंग लाइसेंस रखने की शर्त को पहले ही हटा दिया था। दिल्ली सरकार भी महिलाओं को अपने बुराड़ी चालक प्रशिक्षण संस्थान में मुफ्त एचएमवी लाइसेंस प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।दिल्ली के परिवहन मंत्री और डीटीसी बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली वास्तव में ईवी क्रांति से गुजर रही है। इतने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने, बुनियादी ढांचे में वृद्धि और उपभोक्ताओं को मांग प्रोत्साहन के साथ, हम दिल्ली को दुनिया की ईवी राजधानी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। अंतर-राज्य सेवाओं के साथ, हम अन्य राज्यों की यात्रा करते समय दिल्लीवासियों की सुविधा में सुधार करना चाहते हैं और अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में अपनी गुणवत्ता सेवाओं का विस्तार करना चाहते हैं। अधिक महिलाओं को अपनी कार्यबल में लाकर और अपनी परिवहन प्रणाली का हिस्सा बनाकर, हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सार्वजनिक परिवहन दिल्ली के नागरिकों के लिए सुरक्षित और न्यायसंगत हो।

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