अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मध्यस्थता के माध्यम से विवादों को सुलझाने में एडवोकेट मध्यस्थों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने अधिवक्ता मध्यस्थों के मानदेय में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। केजरीवाल सरकार ने इसके लिए 13.86 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने एक बयान में कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने अधिवक्ता मध्यस्थों के मानदेय बढ़ा दिए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हम अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
दिल्ली सरकार ने वैवाहिक(अपराध सहित), हिरासत, कस्टडी, प्रोबेट, विभाजन और कब्जे के मामलों में मध्यस्थता के माध्यम से निपटाए गए मामलों के लिए अधिवक्ता मध्यस्थों का भुगतान 3000 रु. प्रति मामला से बढ़ा कर 5000 रु. प्रति मामला कर दिया है। कनेक्टेड केस मामले में केजरीवाल सरकार अधिवक्ता मध्यस्थों को अब 1000 रुपये प्रति मामला भुगतान करेगी जिसकी अधिकतम सीमा 3000 रुपये होगी। पहले इस प्रकार के मामलों में अधिवक्ता मध्यस्थों को 500 रुपये प्रति केस मिलते थे जिसकी अधिकतम सीमा 1000 रूपये थी। पहले सेटलमेंट नहीं होने की स्थिति में मानदेय नहीं दिया जाता था लेकिन अब समझौता नहीं होने पर भी अधिवक्ता मध्यस्थों को 2500 रुपये का भुगतान किया जाएगा।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments