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दिल्ली नई दिल्ली

केजरीवाल सरकार ने स्मार्ट अर्बन फार्मिंग योजना को दी मंजूरी, दिल्ली में ग्रीन जॉब के सृजन को मिलेगा बढ़ावा

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के शहरी इलाकों में स्मार्ट अर्बन फार्मिंग को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में आज स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल को मंजूरी मिल गई। इससे शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों का खेती के प्रति जुड़ाव भी बढ़ेगा और रोजगार में वृद्धि के साथ दिल्ली के हरित क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल को जन भागीदारी से बढ़ावा देगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अपने घर की खपत या बिजनेस करने के उद्देश्य से जो लोग घर की छत या बालकनी में फल-सब्जियां उगाना चाहते हैं, उनको दिल्ली सरकार प्रशिक्षण देगी। स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल एक तरह से रोजगार उत्पन्न करने का भी एक साधन होगा। लोगों को प्रशिक्षण देने के लिए बड़ी संख्या में विशेषज्ञ हायर किए जाएंगे और इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट से टाई-अप किया जाएगा। लोगों को जागरूक करने के लिए पूरी दिल्ली में 400 जागरूकता कार्यशाला और 600 उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हमें उम्मीद है कि इस पहल से पहले साल में दिल्ली के करीब 25000 परिवारों को फायदा होगा।

मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज सुबह दिल्ली सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कैबिनेट ने स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल को अपनी मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष इसका प्रस्ताव रखते हुए अधिकारियों ने बताया कि यह पहल अर्बन फार्मिंग और टैरेस गार्डनिंग स्कीम का हिस्सा है। स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल के तहत अर्बन फार्मिंग ट्रेनिंग वर्कशाप और उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अर्बन फार्मिंग के प्रति दिल्ली के लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही दिल्ली में ग्रीन जॉब के सृजन को बढ़ावा देना है। दिल्ली वालों के लिए 400 शहरी कृषि जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत 40 मास्टर ट्रेनर्स और 10 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। वहीं, दिल्ली के लोगों के लिए इंडस्ट्री पार्टनर्स के माध्यम से 600 उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें 15 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श के उपरांत कैबिनेट ने योजना को अपनी मंजूरी दे दी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस वार्ता कर कैबिनेट में लिए निर्णय के बारे में बताते हुए कहा कि हमने बजट में घोषणा की थी कि हम अर्बन फार्मिंग करेंगे। अर्थात जिन-जिन लोगों के घरों में बालकनी या छत पर थोड़ी बहुत भी जगह है और वे छोटी-मोटी फार्मिंग करना चाहते हैं। मसलन, सब्जियां या फल उगाना चाहते हैं, तो हम उनको सब्जियां फल उड़ाना सिखाएंगे। शुरुआत में हम उनकी मदद करने के लिए कुछ बीज आदि उपलब्ध करवाएंगे। इस पूरे सेक्टर को हमने दो भागों में बांटा है। एक वो लोग, जो अपने घर की खपत के लिए अपने घर में सब्जी और फल उगाना चाहते हैं। दूसरा वो लोग जो इसका बिजनेस करना चाहते हैं। मसलन, जिनके पास थोड़ी ज्यादा जगह है और वो बिजनेस के तौर पर कुछ करना चाहते हैं। जो लोग अपने घर की खपत के लिए फल-सब्जियां उगाएंगे। उनको सेहतमंद और आर्गेनिक अच्छी सब्जियां मिलेंगी। साथ ही उनके पैसे की बचत भी होगी, क्योंकि उनको बाजार से सब्जियां खरीदनी नहीं पड़ेगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर कोई गृहणी छोटा-मोटा बिजनेस करना चाहती हैं तो इससे उनके परिवार को कुछ अतिरिक्त आमदनी होगी। एक तरह यह रोजगार उत्पन्न करने का भी एक साधन होगा। स्मार्ट अर्बन फार्मिंग के लिए हम बड़े स्तर पर विशेषज्ञों को हायर कर रहे हैं। इसके अलावा, हम लोग इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ टाई-अप करने जा रहे हैं। यह एक विशेषज्ञ के माध्यम से पूरे दिल्ली में वार्ड स्तर पर 400 के करीब वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। जहां लोगों को अर्बन फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा लगभग 600 के करीब वर्कशॉप की जाएगी, जिसमें लोगों को बिजनेस करना सिखाया जाएगा। इस तरह करीब एक हजार वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। एक वर्कशॉप में लगभग 25 लोगों को शामिल किया जाएगा। इस तरह हमें उम्मीद है कि अर्बन फार्मिंग पहल का पहले साल में लगभग 25000 परिवारों को फायदा होगा।

– दिल्ली के शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों का खेती से जुड़ाव बढ़ेगा।
– शहरी कृषि पद्धतियों पर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण होगा।
– दिल्ली में खेती की जरूरतों पर प्रोत्साहन के साथ-साथ ज्ञान आदान-प्रदान होगा।
– दिल्ली के नागरिकों से लगातार जुड़ाव और बड़े पैमाने पर शहरी खाद्य आंदोलन को बढ़ावा मिलेगा।
– शहरी कृषि उद्यमिता विकास के लिए प्रशिक्षण की जरूरतें पूरी होंगी।
– आधुनिक शहरी खेती के विभिन्न पहलुओं के तहत ग्रीन जॉब में वृद्धि होगी।

दिल्ली सरकार यह जागरूकता कार्यशालाएं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के सहयोग से आयोजित करेगी। इसमें दो दिवसीय मास्टर ट्रेनर वर्कशॉप होगा। मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा दिल्ली भर में वार्ड स्तर पर 400 कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। प्रत्येक कार्यशाल में 25 प्रतिभागी शामिल होंगे। कार्यशाला के बाद साप्ताहिक ऑनलाइन सत्र आयोजित किए जाएंगे, ताकि लोग अपने संदेहों को स्पष्ट करने के लिए चर्चा कर सकें। इस कार्यशाला के तहत 40 मास्टर ट्रेनर और 10 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। वहीं, इंडस्ट्री पार्टनर्स की ओर से भी उद्यमिता प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा। शहरी कृषि क्लस्टर विकसित करने के उद्देश्य से दिल्ली में 25 प्रतिभागियों की 600 कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। इस तरह क्लस्टर आधार पर करीब 15 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण अर्बन फार्मिंग के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने, ग्रीन जॉब्स के अवसर पैदा करने और अर्बन फार्मिंग के बुनियादी ढांचे के रखरखाव, मार्केटिंग आदि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया जाएगा। अर्बन फार्मिंग के तहत, यदि पर्याप्त धूप उपलब्ध हो तो लोग अपने घर की छतों पर फल, सब्जियां और पौधे उगा सकते हैं। अर्बन फार्मिंग से लोगों को उन खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों और हानिकारक रसायनों से बचने में मदद मिलेगी, जिनका वे दिन-प्रतिदिन उपभोग करते हैं। साथ ही इससे शहर में ग्रीन कवर को भी बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली सरकार का हार्टीकल्चर विभाग इस पहल का नोडल विभाग के रूप में काम करेगा। स्मार्ट अर्बन फार्मिंग पहल के तहत दिल्ली सरकार वार्ड स्तर पर लोगों को अर्बन फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण देगी। साथ ही व्यवस्थित तरीके से लोगो को इस अभियान से जोड़ने, उनको जागरूक करने और उनके ट्रेनिंग की निगरानी के लिए ‘दिल्ली पर्यावरण संरक्षण समिति’ का गठन किया जाएगा। इस समिति में एनजीओ, आरडब्ल्यूए, पर्यावरण विशेषज्ञ, एमएलए और पार्षदों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके द्वारा वार्ड स्तर पर होने वाले प्रदूषण के कारणों और उसके निवारण का तंत्र तैयार करने में सहायता मिलेगी। अर्बन फार्मिंग के लिए लोगों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए दिल्ली सरकार एक सिस्टम तैयार करेगी। जिसके द्वारा लोगों को उनके एक कॉल पर आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। यह पहली बार है, जब कोई सरकार वार्ड स्तर पर विकेंद्रीकृत पर्यावरण कार्य योजना बना रही है। इसका दिल्ली के पर्यावरण पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा, जब दिल्ली के लोग योजना, कार्यान्वयन और वार्ड स्तर की पर्यावरण कार्य योजनाओं की निगरानी में शामिल होंगे। यह पहल दिल्ली के शहरी परिदृश्य को कंक्रीट से हरियाली में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हम दिल्ली के सभी लोगों को साथ आने और इस अभियान में सरकार के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित करते हैं।

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