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केजरीवाल सरकार युद्ध स्तर पर कर रही काम, दिल्ली वालों को अस्पतालों में लंबी लाइन से जल्द मिलेगी मुक्ति

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के लोगों को सरकारी अस्पतालों में लंबी-लंबी लाइनों में लगाने से जल्द ही मुक्ति मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली सचिवालय में आज आयोजित बैठक में दिल्ली कैबिनेट ने स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली (एचआईएमएस) प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए 139.80 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दे दी है। साथ ही, कैबिनेट ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का कांट्रैक्ट एनईसी कॉरपोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के सभी अस्पतालों को एक प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है, जिससे लोगों को अस्पताल में खाली बेड, दवा, स्टाफ और वेंटिलेटर आदि की जानकारी सिर्फ एक क्लिक में मिल जाएगी। लोग फोन पर ही डॉक्टर से मिलने का समय ले सकेंगे और उन्हें अस्पताल में लंबी-लंबी लाइनों में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीएम ने कहा कि आज दिल्ली कैबिनेट ने एचआईएमएस प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए एक कंपनी को कांट्रैक्ट दे दिया है और इसके लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया है।

दिल्ली सचिवालय में आज सुबह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी साझा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि हेल्थ इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (एचआईएमएस) को लेकर कैबिनेट ने अहम निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के सभी अस्पतालों को एक साथ जोड़ा जा रहा है। सभी अस्पतालों को एक प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है और एक पोर्टल बनाया जा रहा है। जिसके जरिए हमें पता रहेगा कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं, किस अस्पताल में कौन सी कितनी दवाई है। अस्पताल में स्टाफ की स्थिति, मेडिकल की स्थित और किस अस्पताल में कितने वेंटिलेटर खाली है आदि की जानकारी आपको एक क्लिक में ही मिल जाएगी। इसके अलावा, आपको अस्पताल में डॉक्टर से मिलने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप अपने फोन के उपर ही डॉक्टर से मिलने का समय ले सकते हैं और तय समय के उपर आप अस्पताल जा सकते हैं। यह पूरा का पूरा सिस्टम बनाने के लिए आज एनईसी कॉरपोरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को कांट्रैक्ट दे दिया गया है। यह प्रोजेक्ट 130 करोड़ रुपए से अधिक का है। इसके लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है और कंपनी भी नामित कर दी गई है।

*एचआईएमएस प्रोजेक्ट के लिए 139 करोड़ 80 लाख 24 हजार 436 रुपए मंजूर*

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट एचआईएमएस को लागू करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। एचआईएमएस प्रोजेक्ट के कार्य को पूरा करने के लिए सरकार ने टेंडर दे दिया है और इसके लिए बजट भी मंजूर कर दिया गया है। यह कांट्रैक्ट एनईसी कॉर्पाेरेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। साथ ही इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए दिल्ली कैबिनेट द्वारा 139 करोड़ 80 लाख 24 हजार 436 रुपये के बजट को मंजूरी दी गई है। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य दिल्ली सरकार के अधीन आने वाली सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को एक प्लेटफार्म पर लाना है।

*एचआईएमएस प्रोजेक्ट का प्रमुख उद्देश्य*

1. प्रत्येक स्वास्थ्य सुविधा में एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया होगी।
2. बेहतर तरीके से स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
3. उपलब्ध संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और कर्मचारियों की दक्षता में वृद्धि।
 4. नीति निर्माण निर्णय/समग्र शासन में मदद मिलेगी।
5. ज्ञान साझा करने वाली अनुसंधान पहलों के माध्यम से देखभाल में प्रगति को सक्षम बनाना।
6. व्यक्तिगत देखभाल को बढ़ावा देकर बेहतर मरीज अनुभव

*लोगों को अस्पताल की लंबी-लंबी कतारों से मुक्ति*

स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली लागू होने के बाद लोगों को अस्पतालों की लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी। वे अपने घर के आराम से ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करके डॉक्टर से मिलने का समय ले सकेंगे। जिसके बाद वे नियत समय पर अस्पताल जाकर डॉक्टर से मिल सकेंगे और परामर्श ले सकेंगे।

*ई-स्वास्थ्य कार्ड बनाने के लिए होंगे सर्वे*

दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि लोगों को अपना ई-हेल्थ कार्ड बनवाने के लिए अस्पतालों और कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पूरे प्रदेश में सर्वे करेगी कि हर नागरिक अपना ई-हेल्थ कार्ड बनवा सके। कार्ड अस्पतालों और अन्य समर्पित केंद्रों पर भी बनाए जाएंगे। डोर-टू-डोर अभियान के माध्यम से कार्ड वितरित किए जाएंगे। ई-हेल्थ कार्ड में कार्डधारक का संपूर्ण चिकित्सा इतिहास होगा और वे एचआईएमएस सिस्टम पर किसी भी अस्पताल में इलाज करा सकेंगे। कार्ड होने पर किसी को मेडिकल रिपोर्ट और दस्तावेज ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

*पूरा सिस्टम डिजिटल और क्लाउड आधारित होगा*

दिल्ली सरकार जल्द से जल्द दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में एचआईएमएस को लागू करने की कोशिश कर रही है। बाद में निजी अस्पतालों को भी चरणबद्ध तरीके से इससे जोड़ा जाएगा। अस्पताल प्रशासन, बजट और योजना, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, बैक एंड सेवा और प्रक्रियाओं जैसी सभी रोगी देखभाल संबंधी सेवाओं को इस प्रणाली के तहत लाया जाएगा। इस प्रणाली के माध्यम से स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जाएंगे और उपयोग के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इससे दिल्ली के लोगों को एक ही छत के नीचे सारी जानकारी मिल सकेगी और आपात स्थिति में तत्काल मदद मिलेगी। इसके लागू होने के बाद दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा राज्य बन जाएगा, जिसके पास क्लाउड आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली होगी। वर्तमान में, स्वीडन, युगांडा और जर्मनी जैसे कुछ विकसित देशों में ऐसी प्रणाली उपलब्ध है।

*स्वास्थ्य कार्ड परियोजना के लिए कई प्रावधान प्रस्तावित*

हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली के निवासियों को वोटर आईडी और जनसंख्या रजिस्ट्री के आधार पर क्यूआर कोड आधारित ई-हेल्थ कार्ड जारी किए जाएंगे, जिससे प्रत्येक मरीज की जनसांख्यिकीय और बुनियादी नैदानिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। स्वास्थ्य योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए ई-स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से परिवार मानचित्रण किया जाएगा। सूचना के निर्बाध आदान-प्रदान के लिए इसे एचआईएमएस के साथ एकीकृत किया जाएगा। भौतिक सत्यापन के बाद प्रत्येक व्यक्ति को क्यूआर कोड वाले कार्ड वितरित किए जाएंगे। लोगों के अनुरोध पर संशोधित या डुप्लीकेट कार्ड जारी करने का प्रावधान किया जाएगा।

*केंद्रीकृत स्वास्थ्य हेल्पलाइन के लिए बनेंगे कॉल सेंटर*

एचआईएमएस परियोजना को लागू करने के लिए दो स्तरों पर एक केंद्रीकृत कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा। पहले स्तर पर कॉल सेंटर संचालकों को लोगों के कॉल और मैसेज प्राप्त होंगे। सीआरएम में लॉग इन करने के बाद, वे मामले का आकलन करेंगे और इसे सुलझाएंगे और उपलब्ध स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को सूचित करेंगे। ऑपरेटर कॉलर को प्रासंगिक जानकारी देगा और अंत में एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। वहीं दूसरे स्तर पर दिल्ली सरकार के डॉक्टर और विशेषज्ञ कॉल और मैंसेज रिसीव करेंगे और मरीज को अप्वाइंटमेंट देंगे। अगर इमरजेंसी का मामला है, तो हेल्पलाइन उनकी कॉल को तुरंत स्वीकार करेगी और समस्या को हल करने के लिए उनसे बात करेगी। जरूरत पड़ने पर संबंधित रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करेंगे।

*एचआईएमएस प्रोजेक्ट की विशेषताएं*

*पंजीकरण-*
– वेब पोर्टल, मोबाइल ऐप, कियोस्क या टोल-फ्री स्वास्थ्य हेल्पलाइन के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण/ पूर्व पंजीकरण/नियुक्ति निर्धारण किया जाएगा।
– मरीजों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ चेहरे की पहचान की जाएगी।
– सामुदायिक स्तर पर आशा और एएनएमएस द्वारा घरेलू सर्वे के माध्यम से प्रत्येक परिवार के सामान्य स्वास्थ्य और कल्याण के लिए स्क्रीनिंग की जा सकेगी।

*ओपीडी-*
-क्यू प्रबंधन बारकोड के साथ एकीकृत
– डॉक्टर की विशेषता/विभाग के साथ-साथ व्यक्तिगत शैली के अनुसार स्वचालित टेम्पलेट्स के साथ ई-प्रिस्क्रिप्शन- वॉयस टू टेक्स्ट/डिजिटल पैड/डिजिटल पेन के माध्यम से निदान, निर्धारित उपचार, दवाओं और जांच की त्वरित रिकॉर्डिंग की नवीन तकनीकें।
– ड्रग इंटरेक्शन अलर्ट के साथ टूल और तकनीकों के साथ विशेषता/विभाग के साथ क्लिनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम।

*आपातकालीन और एम्बुलेंस-*
केंद्रीकृत एम्बुलेंस ट्रॉमा सेवाओं (कैट्स) के साथ रीयल टाइम एकीकरण – दिल्ली और ट्रॉमा पंजीकरण।

*आईपीडी*
– नर्सिंग स्टाफ के लिए कंप्यूटर ऑन व्हील्स
-टेम्पलेटाइज्ड क्लिनिकल नोट्स और स्वचालित डिस्चार्ज सारांश
-क्लिनिकल चेकलिस्ट का अनिवार्य अनुपालन उदा। ओटी शिफ्टिंग से पहले सर्जिकल सेफ्टी चेकलिस्ट इंटर फैसिलिटी / इंट्रा फैसिलिटी रेफरल (बिस्तर में / ओपीडी में) बायोमेट्रिक आईडी और बारकोड द्वारा प्रमाणित
-क्लिनिकल चेकलिस्ट का अनिवार्य अनुपालन, जैसे ओटी शिफ्टिंग से पहले सर्जिकल सेफ्टी चेकलिस्ट इंटर फैसिलिटी/इंट्रा फैसिलिटी रेफरल, बायोमेट्रिक आईडी और बारकोड द्वारा प्रमाणित।
– जनता के लिए वास्तविक समय बिस्तर उपलब्धता की स्थिति
– सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए डिजिटल हस्ताक्षर और बायोमेट्रिक आधारित प्रमाणीकरण और ऐप वैल्स।

*प्रयोगशाला*
– नैदानिक परीक्षण के लिए मानकीकृत टेम्पलेट आगे के चिकित्सा अनुसंधान के लिए नमूनों की डिजिटल टैगिंग

*रेडियोलोजी*
-वास्तविक समय/वेब आधारित चित्र और स्कैन साझाकरण

*फार्मेसी*
-औषधि वितरण और रसीद प्रमाणीकरण फार्मासिस्ट और मरीजों द्वारा क्रमशः बायोमेट्रिक आईडी
-अनुमानित प्रतीक्षा समय और कतार प्रबंधन के साथ प्रदर्शन बोर्ड
-ईडीएल सूची प्रबंधन
-दवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी

*शल्य चिकित्सा*
– अनिवार्य स्वचालित ओटी चेकलिस्ट
– स्वचालित आपातकालीन और वैकल्पिक सर्जरी शेड्यूलिंग

*चिकित्सा सम्बन्धी रिकार्ड्स*
– भौतिक रिकॉर्ड पर नज़र रखने और उसे बनाए रखने के लिए बारकोड प्रणाली
-स्वास्थ्य सूचना विनिमय के हिस्से के रूप में सहमति ढांचा और इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड की सुरक्षा।

*चिकित्सा/विकलांगता प्रमाणपत्र*
– लाभार्थी प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए बायोमेट्रिक प्रमाणित चेहरे की पहचान
-डिजिटल रूप से टेम्प्लेट किए गए प्रमाणपत्र डिजिटल सिग्नेचर के साथ प्रमाणित

*गुणवत्ता आश्वासन और लेखा परीक्षा*
-स्वास्थ्य सुविधाओं के नियोजित और तदर्थ ऑडिट के ऑटो शेड्यूलिंग के साथ केंद्रीकृत गुणवत्ता आश्वासन
-एमआईएस और विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के साथ-साथ स्वतः पुनः उत्पन्न अलर्ट
-स्वास्थ्य सुविधा के प्रदर्शन के आधार पर ऑटो सैंपलिंग

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