अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:यमुना को साफ़ करने के क्रम में केजरीवाल सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है| इस क्रम में नजफगढ़ नाले की सफाई सरकार की प्राथमिकता है। इसके मद्देनजर शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नजफगढ़ ड्रेन की सफाई के लिए गठित उच्चाधिकारियों की कमेटी के साथ समीक्षा बैठक की और नजफगढ़ नाले के प्रदुषण को ख़त्म करने के लिए बनाये गये 1-1 प्रोजेक्ट कि गहनता से समीक्षा की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना को प्रदुषण मुक्त बनाना दिल्ली सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि 2025 के चुनाव से पहले यमुना साफ़ होगी तो यमुना जरुर साफ़ होगी. इस दिशा में सरकार के विभिन्न विभाग तेजी से काम कर रहे है।
बैठक में उपमुख्यमंत्री ने पहले फेज में नजफगढ़ नाले की डी-सिल्टिंग के कार्यों के प्रगति की समीक्षा की.अधिकारीयों ने बताया कि वर्तमान में नजफगढ़ ड्रेन में लगभग 8 मिलियन क्यूबिक मीटर गाद इकठ्ठा हो गया है। अधिकारीयों ने बताया कि पहले चरण में नाले से 10 लाख क्यूबिक मीटर सिल्ट निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है और मानसून से पहले ये कार्य पूरा भो जायेगा.डी-सिल्टिंग के बाद नाले का प्रवाह बेहतर होगा और पानी के न रुकने से मच्छरजनित बिमारियों भी नहीं पनप सकेंगे.
बैठक में नजफगढ़ नाले के दोनों ओर छावला से बसईदारापुर के बीच 59 किमी सड़क बनाने के परियोजना पर भी समीक्षा की गई। इस परियोजना को डिस्कशन फेज में मंजूरी दी जा चुकी है. लगभग 616 करोड़ रूपये की लागत के इस प्रोजेक्ट से पंजाबी बाग़, पश्चिम विहार, निलोठी, बापरोला, ककरोला, नजफगढ़, द्वारका, विकासपुरी, उत्तम नगर, जनकपुरी, छावला सहित यहाँ की सैकड़ों कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को फायदा होगा और उन्हें ट्रैफिक से निजात मिलेगा।
समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारीयों ने उपमुख्यमंत्री को बताया कि नजफगढ़ ड्रेन में गाद के जमा होने का कारण मिक्सड अनट्रीटेड सीवर, इंडस्ट्रीज का दूषित पानी, पशुओं का गोबर व सॉलिड वेस्ट है। वर्तमान में नजफगढ़ ड्रेन में लगभग 8 मिलियन क्यूबिक मीटर गाद इकट्ठा हो गया है। अधिकारीयों ने बताया कि पहले चरण में नाले से 10 लाख क्यूबिक मीटर सिल्ट निकालने की परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है और उस दिशा में युद्धस्तर पर काम चल रहा है। और पहले चरण में डी-सिल्टिंग का कार्य मानसून से पहले पूरा हो जायेगा। वर्तमान में नजफगढ़ नाले के 5 स्ट्रेच पर डी-सिल्टिंग का काम जारी है। जिसमें मानसून से पहले तक आउटर रिंग रोड से ख़याला ब्रिज के स्ट्रेच के बीच 1.5 लाख क्यूबिक मीटर, बसईदारापुर ब्रिज से तिमार पुर ब्रिज के बीच 1 लाख क्यूबिक मीटर,झटीकरा स्ट्रेच से 3.5 लाख क्यूबिक मीटर, ख्याला से बसईदारापुर व रोन्होला स्ट्रेच से 3 लाख क्यूबिक मीटर व् अन्य एक स्ट्रेच से 1 लाख क्यूबिक मीटर सिल्ट निकालने का काम किया जायेगा।
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