अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट को बढ़ावा देने, देशभक्ति की भावना विकसित करने और हैप्पीनेस को उनके जीवन का हिस्सा बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इस शैक्षणिक वर्ष में शिक्षा निदेशालय के स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों व मान्यता प्राप्त अनएडेड स्कूलों के लिए नया असेसमेंट गाइडलाइन्स तैयार किया है.सरकार इस अकेडमिक सेशन से शैक्षणिक, सह-शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ माइंडसेट करिकुलम का असेसमेंट भी करेगी| उल्लेखनीय बात यह है कि माइंडसेट करिकुलम का असेसमेंट में किसी कंटेंट का असेसमेंट नहीं किया जाएगा बल्कि इनके माध्यम से बच्चों ने क्या सीखा व उनके व्यवहार में क्या परिवर्तन आया इसका आंकलन किया जाएगा.
हैप्पीनेस माइंडसेट, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट व देशभक्ति करिकुलम के माध्यम से छात्रों ने जो सीखा है उसका आंकलन करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों के मेंटल-सोशल-इमोशनल व एथिकल क्षमताओं के डेवलपमेंट पर जोर देना है. जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में दिए गए लक्ष्यों व पेडागोजी के अनुरूप है.स्कूलों में शुरू किए जा रहे इस नए इनोवेटिव असेसमेंट प्रैक्टिसेज के विषय में बोलते हुए, उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि “ वर्तमान समय की आवश्यकताओं को देखते हुए ये बेहद जरुरी है कि हमारे स्कूलों में कम्पीटेंसी बेस्ड एजुकेशन पर फोकस किया जाए जो वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से लड़ने में हमारे बच्चों की क्षमताओं को विकसित करें.
सिसोदिया ने कहा कि नए असेसमेंट गाइडलाइन्स के अनुसार, बच्चों का मूल्यांकन पाठ्यक्रम की सामग्री के आधार पर नहीं बल्कि विभिन्न वास्तविक जीवन परिस्थितियों में उनकी समझ को लागू करने की क्षमता के आधार पर किया जाएगा। यह नया असेसमेंट गाइडलाइन्स हमारे स्कूली छात्रों को समाज की बेहतरी में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करेगा । उन्होंने कहा कि इन करिकुलामों को स्कूलों में अपनाए हुए काफी समय हो चुका है और अब इन्हें मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल करने का सही समय है।ज्ञात हो कि नए असेसमेंट गाइडलाइन्स यह स्पष्ट किया गया है कि करिकुलम की विषयवस्तु मूल्यांकन का आधार नहीं होगी, बल्कि यह विद्यार्थियों की अपनी समझ को लागू करने और विभिन्न स्थितियों में उसे लागू करने की क्षमता पर होगी। इसके अलावा, प्राप्त अंकों के किसी भी वेटेज की गणना किसी छात्र को अगली उच्च कक्षा में पदोन्नत करने के लिए नहीं की जाएगी। नए असेसमेंट गाइडलाइन्स के अनुसार, कक्षा 3-8 के बच्चों का मूल्यांकन हप्पिनेस करिकुलम और देशभक्ति करिकुलम के लिए किया जाएगा, जबकि कक्षा 9 और कक्षा 11 के छात्रों का मूल्यांकन देशभक्ति और एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के लिए किया जाएगा। साथ ही कक्षा 11 के छात्रों के लिए असेसमेंट का एक अलग क्राइटेरिया होगा. जहाँ आंकलन में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम में उनकी भागीदारी भी होगी। मूल्यांकन की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए, सिसोदिया ने कहा कि नए असेसमेंट गाइडलाइन्स के अनुसार प्रश्न पत्र इस तरह से सेट किए जाएंगे जहां छात्रों को वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में इन करिकुलमों से सीखे अनुभवों का इस्तेमाल करते हुए उसका उत्तर देना. साथ ही बच्चों को इनपर आधारित अनूठे प्रोजेक्ट कार्य भी करने होंगे. आकलन की यह नई प्रक्रिया छात्रों की क्रिटिकल थिंकिंग व एनालिटीकल क्षमताओं को और मजबूत करेगी। यह उन्हें रटने की ज़रूरत को ख़त्म करने भी मदद करेगा जो परीक्षा के दौरान अनावश्यक तनाव पैदा करते हैं।
*शिक्षा निदेशालय की नई असेसमेंट गाइडलाइन्स*
-> शैक्षणिक सत्र 2022-23 में मिड-टर्म परीक्षाएं सितंबर/अक्टूबर में और कॉमन एनुअल एग्जाम (CASE) फरवरी/मार्च में आयोजित की जाएगी।
-> वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्न पत्र सीबीएसई और शिक्षा निदेशालय, दिल्ली द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम से तैयार किए जाएंगे।
-> मिड-टर्म, प्री-बोर्ड और वार्षिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्र इस तरह से सेट किए जाएंगे कि आवश्यकता के अनुसार समझ, दक्षता और अन्य कौशल का आकलन किया जा सके। सेकेंडरी और सीनियर सेकंड्री स्तर में प्रश्नों का पैटर्न। सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में निर्धारित प्रश्नों के समान ही होगा|
->अधिक संख्या में कम्पीटेंसी आधारित प्रश्न या प्रश्न जो वास्तविक जीवन में अवधारणाओं के अनुप्रयोग का आकलन करते हैं, मिड-टर्म , प्री-बोर्ड और वार्षिक परीक्षाओं में प्रश्न पत्र का हिस्सा होंगे।
-> प्रत्येक परीक्षा के परिणाम का विश्लेषण किया जाएगा ताकि उसके आधार पर विभिन्न विषयों में कठिन विषयों / अध्यायों की पहचान कर बच्चों को रेमेडियल क्लासेज दी जा सकें| साथ ही कक्षावार और विषयवार परिणामों के विश्लेषण का सारांश तैयार किया जाएगा और रिकॉर्ड में रखा जाएगा।