अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार कश्मीरी गेट अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल को विकसित करेगी। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आज कश्मीरी गेट पर अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) का निरीक्षण किया और आईएसबीटी मुख्य प्रवेश द्वार के करीब, इंट्रा सिटी सरकारी बसों तक सीधे पहुंचने के लिए चल रही सुधार योजना की समीक्षा की। परिवहन विभाग, मौजूदा ट्रांजिट हब को फिर से आकार देने, पुनर्गठित करने, यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने और वहां भीड़ को कम करने का प्रयास कर रहा है। विभाग द्वारा प्रस्तावित नई योजना के अनुसार, कश्मीरी गेट आईएसबीटी में इंटरसिटी सरकारी बसों के लिए बस-बे होंगे जो यात्रियों को इंट्रा सिटी सरकारी बसों में चढ़ने और उतरने में मदद करेंगे और इमारत में प्रवेश किए बिना सीधे आईएसबीटी तक पहुंच सकेंगे।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मुझे विश्वास है कि हम आईएसबीटी के अंदर और बाहर जो नए सुधार कर रहे हैं, इससे हमारे पास एक विश्व स्तरीय ट्रांजिट हब होगा, जिस पर दिल्ली को गर्व होगा।पिछली व्यवस्थाओं के अनुसार, डीटीसी और क्लस्टर इंटरसिटी बसों ने यात्रियों को कश्मीरी गेट आईएसबीटी से लगभग 400 से 500 मीटर की दूरी पर मोरी गेट बस स्टॉप पर उतारती है। इसके अतिरिक्त, डीटीसी, क्लस्टर और अंतरराज्यीय/ इंटरसिटी बसें जीटी करनाल सड़क किनारे से प्रवेश करती हैं, जिससे मुख्य सड़क पर भारी भीड़भाड़ होती है। एक बार जब यह बस-वे शुरू हो जाएगा, तो यह आईएसबीटी के आसपास की मुख्य सड़कों पर भीड़भाड़ कम हो जाएगी। इसके अलावा, इन बस- वे और आईएसबीटी दोनों से यात्री सुविधाजनक तरीके से पहुंच सकेंगे। चूंकि यह बस- वे बस टर्मिनल के मुख्य प्रवेश द्वार के पीछे हैं और यह कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 8 तक सीधा पहुंचेगा, तो इससे यात्रियों को कश्मीरी गेट आईएसबीटी या इंटरसिटी बस-वे पर मेट्रो से उतरने में आसानी होगी। इससे वायलेट लाइन मेट्रो उपयोगकर्ता अब गेट नंबर 8 से सीधे बाहर निकल सकेंगे और आईएसबीटी में जा सकेंगे या परिवहन का कोई अन्य साधन ले सकेंगे। इससे कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 7 पर ट्रैफिक का बोझ भी कम होगा।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने टैक्सी/ऑटो चालकों के लिए प्रीपेड बूथ और ऑटो/टैक्सी के लिए पार्किंग स्थल और ओला/उबर और इसी तरह की अन्य सेवाओं के लिए पिकअप ड्रॉप ऑफ पॉइंट विकसित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया। इस दौरान डीएमआरसी की उत्तरी तरफ की कम इस्तेमाल की गई पार्किंग को कश्मीरी गेट आईएसबीटी पर प्रस्तावित संशोधन योजना वर्धित पार्किंग और पिक एंड ड्रॉप-ऑफ सुविधा के साथ विलय किया जा सकता है। विशेष रूप से शहर के बाहर के यात्रियों को रास्ता खोजने में कठिनाई हो रही है। उसको आसान बनाने के लिए आईएसबीटी के भीतर और बाहर सभी प्रमुख स्थानों पर पर्याप्त ट्रांजिट मैप और साइन बोर्ड लगाने का निर्देश दिया। परिवहन मंत्री ने आईएसबीटी के विभिन्न हिस्सों में सर्कुलेशन का भी अवलोकन किया और इंटरसिटी बस चालकों के साथ बातचीत की। यात्रियों और इंटर सिटी बस चालकों से उनके द्वारा सुझाए गए सुधारों पर भी बात की। कश्मीरी गेट आईएसबीटी के दौरे से पहले प्रस्तावित सुधार योजना पर चर्चा करने के लिए अंडर हिल रोड, सिविल लाइंस स्थित परिवहन विभाग मुख्यालय का औचक दौरा भी किया। डीटीआईडीसी, परिवहन विभाग की बुनियादी ढांचा, वर्तमान में आईएसबीटी सराय काले खां, आनंद विहार और कश्मीरी गेट का प्रबंधन करती है। यह तीनों आईएसबीटी दिल्ली में आने वाले पब्लिक के लिए प्रमुख ट्रांजिट हब के रूप में कार्य करती हैं। 2002 में स्थापित कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन रेड, येल्लो और वैलेट लाईन का उपयोग है। यह आरआरटीएस से प्रस्तावित और एनसीआरटीसी द्वारा शुरू की जा रही मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन प्लान 2019 का हिस्सा है।
कश्मीरी गेट 1976 में स्थापित पहला आईएसबीटी था और 9 राज्यों में सेवा प्रदान करता है, जो सभी आईएसबीटी में से सबसे अधिक संख्या है। यहां से प्रतिदिन लगभग 1200 बसें निकलती है और प्रतिदिन लगभग 75 हजार यात्रियों को सेवा देता है। हाई डेंसिटी पैसेंजर मूवमेंट आईएसबीटी के हर मोड में हर रोज दिखते है, इसके कारण यह एक हाई रिस्क जोन भी है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में, हम दिल्ली परिवहन के बुनियादी ढांचे में संरचनात्मक सुधार लाने और यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कश्मीरी गेट आईएसबीटी पहले से ही मेट्रो और बस दोनों सेवाओं की उपलब्धता के कारण ट्रांजिट हब के रूप में बहुत सारे इंटरसिटी और इंट्रासिटी यात्रियों की जरूरतों को पूरा कर रहा है। मुझे विश्वास है कि हम आईएसबीटी के अंदर और बाहर जो नए सुधार कर रहे हैं, इससे हमारे पास एक विश्व स्तरीय ट्रांजिट हब होगा, जिस पर दिल्ली को गर्व होगा।
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