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दिल्ली नई दिल्ली

केजरीवाल सरकार दिल्ली के फूड हब को देगी विश्वस्तरीय पहचान

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार दिल्ली के सभी फूड हब को विश्वस्तरीय पहचान देगी। सरकार ने पहले फेज में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मजनू का टीला और चांदनी चौक को फूड हब के रूप में विकसित करने के लिए चुना है। इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि फूड हब के विकसित होने से दिल्ली में व्यापार बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ बड़ी संख्या में नए रोजगार उत्पन्न होंगे। काफी रिसर्च और मार्केट एसोसिएशंस के साथ कई बैठकों के बाद मजनू का टीला और चांदनी चौक को चिन्हित किया गया है। यहां सड़क, बिजली, पानी व सफाई का इंतजाम किया जाएगा और फूड सेफ्टी व हाइजिन की गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाएगा। साथ ही, पूरे देश और दुनिया के अंदर इसकी ब्रांडिंग की जाएगी, ताकि दिल्ली आने वाले लोग उस फूड हब में आ सकें।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगले छह हफ्ते के अंदर एक डिजाइन प्रतियोगिता करेंगे, जिसमें देश की मशहूर आर्किटेक्चर फर्म से इनको विकसित करने के लिए डिजाइन मांगा जाएगा। इसके बाद अगले 12 हफ्तों में आर्किटेक्चर के डिजाइन को अंतिम रूप देकर कांट्रैक्ट दे दिया जाएगा और दोनों फूड हब को विकसित करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश भर में बेरोजगारी की बेहद गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। दिल्ली में भी कई बेरोजगार युवा हैं। पिछले कुछ सालों में जब से आम आदमी पार्टी की सरकार है, तब से लेकर आज तक हम लोगों ने कई प्रयासों से लगभग 12 से 13 लाख युवाओं के लिए रोजगार दिलवाए। आने वाले पांच साल के अंदर हमने यह लक्ष्य रखा है कि 20 लाख युवाओं के लिए रोजगार पैदा करेंगे। रोजगार उत्पन्न करने के लिए मैं और मेरी पूरी सरकार रात-दिन मेहनत कर रही है। हम कई नए आइडिया लेकर आ रहे हैं, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न किए जा सकें।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने फूड हब की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली, भारत का फूड कैपिटल माना जाता है। दिल्ली के लोगों को खाने और खिलाने का बहुत शौक है। दिल्ली में साउथ इंडियन, मराठी, गुजराती, बंगाली समेत हर किस्म का खाना मिलता है। पूरे देश का किसी भी तरह का खाना हो, वो दिल्ली में मिलता है। साथ ही, दुनिया भर का खाना दिल्ली में मिलता है। चाहे इटेलियन हो, चाइनीज हो या एशियन हो, वो दिल्ली में जरूर मिलता है। वैसे तो दिल्ली को फूड कैपिटल ऑफ इंडिया कहा जाता है, लेकिन हम लोगों ने इस कांसेप्ट को अच्छे तरीके से आगे ले जाने का प्लान बनाया है। दिल्ली के जितने फूड हब हैं, उन फूड हब को विकसित किया जाएगा। कई फूड हब ऐसे हैं, जहां पर तिब्बत खाना अच्छा मिलता है। कहीं चाइनीज खाना अच्छा मिलता है। कहीं पंजाबी खाना अच्छा मिलता है। दिल्ली के अंदर कई जगह ऐसे भी फूड हब हैं, जहां हर तरह का खाना मिलता है। इन फूड हब को विकसित करने का हमारा प्लान है।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन फूड हब के अंदर हम भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करेंगे। वहां की सड़कें, बिजली, पानी, सफाई आदि ठीक करेंगे। दूसरा, उस फूड हब के अंदर फूड सेफ्टी का पूरा इंतजाम किया जाएगा, ताकि फूड सेफ्टी और हाइजिन की गाइडलाइन का सभी लोग सख्ती के साथ पालन करें। इसका कड़ाई के साथ पालन कराया जाएगा। तीसरा, उस फूड हब की पूरे देश और पूरी दुनिया के अंदर ब्रांडिंग की जाएगी। ताकि देश-दुनिया से दिल्ली आने वाले लोग उस फूड हब में आ सकें। हमें उम्मीद है कि इससे बहुत सारे रोजगार उत्पन्न होंगे। शुरूआत में पायलट आधार पर हम पहले चरण में दो फूड हब विकसित करने जा रहे हैं। इसके ऊपर बहुत रिसर्च की गई और पूरे दिल्ली के अंदर जगह-जगह फूड हब का दौरा किया गया। वहां पर कितनी दुकानें हैं और रोजाना कितने लोग आते हैं। कौन सा खाना कहां पर प्रसिद्ध है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मार्केट एसोसिएशन के साथ कई बैठकें की। उसके बाद पहले चरण के लिए दो फूड हब विकसित करने के लिए चिन्हित किए गए हैं। पहला मजनू का टीला है। मजनू का टीला खासकर छात्रों, खासकर डीयू के बच्चों के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्ध स्थान है और पूरे एशियन सीरीज के लिए प्रसिद्ध है। दूसरा, चांदनी चौक है। चांदनी चौक में आसपास काफी कुछ ऐसा है, जिसको फूड हब बनाया जाएगा। यहां पर चांदनी चौक का खाना भी बहुत प्रसिद्ध है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसको विकसित करने को लेकर हम एक डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित करेंगे। जिसमें देश की सबसे मशहूर आर्किटेक्चर फर्म को आमंत्रित किया जाएगा कि आप अपना डिजाइन दीजिए कि इन दोनों मार्केट को कैसे विकसित किया जाएगा। हम छह हफ्ते के अंदर यह डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि आगामी 12 हफ्तों में आर्किटेक्चर के डिजाइन को अंतिम रूप देकर आर्किटेक्चर फर्म को कांट्रैक्ट दे दिया जाएगा। उसके बाद इन दोनों फूड हब को विकसित करने का काम शुरू होगा। इन दोनों के अनुभवों के आधार पर पूरे दिल्ली में अगले चरण में एक साथ सभी फूड हब को चिन्हित कर उनको विकसित करने का काम शुरू होगा। मुझे उम्मीद है कि इससे हम दिल्ली को एक अलग स्तर पर ले जा सकेंगे और दूसरा इससे बच्चों के लिए बहुत सारे रोजगार उत्पन्न होने की हमें उम्मीद ह

दिल्ली के कई बाजार विभिन्न प्रकार के व्यंजनों और भोजन से अपनी पहचान रखते हैं। दिल्ली में तिब्बती मोमोज से लेकर तांतालिसिंग गोल गप्पे, विश्व प्रसिद्ध दाल मखनी, बेस्ट बटर चिकन या सभी के पसंदीदा छोले-भटूरे और परांठे तक का स्ट्रीट फूड है। इन्हीं वजहों को दिल्ली को भारत का फूड कैपिटल भी कहा जाता है। ‘दिल्ली के फ़ूड हब’ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक तौर पर समृद्ध हैं। यहां मिलने वाली खाद्य सामग्री पीढ़ियों से चली आ रही सदियों पुरानी रेसिपी पर आधारित हैं। केजरीवाल सरकार इनको अब लोकप्रिय बनाना चाहती है, ताकि देश-विदेश से पर्यटक जब भी दिल्ली आएं, तो वे इन फूड हब का स्वाद लेने जरूर जाएं। साथ ही, इन हब में यह क्षमता है कि अगर सरकार के सहयोग से यहां के कारोबार में थोड़ी सी भी बढ़ोतरी होती है, तो यहां हजारों नए रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं। इसी के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने रोज़गार बजट 2022-23 के तहत ‘दिल्ली फ़ूड हब्स का पुनर्विकास’ पहल की घोषणा की है। इसके तहत सरकार पुनर्विकास के फेज-1 में दो प्रतिष्ठित फूड हब को नई पहचान देगी।केजरीवाल सरकार की इस योजना का उद्देश्य ग्राहकों के खाने के अनुभवों को और बेहतर बनाना है। साथ ही, इन फूड हबों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करना है। इसके लिए सरकार इन मार्केट का समुचित पुनर्विकास करेगी। जिसमें सड़कें, सीवेज, लाइट और पार्किंग व्यवस्था आदि शामिल है। साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा इन हबों के अंदर मिलने वाले खाद्य वस्तुओं को खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के मानकों पर खरा उतरने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही, दिल्ली सरकार महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले फूड हब की ब्रांडिंग भी करेगी। दिल्ली में फूड टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इन फूड हब और मार्केटिंग के लिए एक अनूठा ब्रांड विकसित किया जाएगा। केजरीवाल सरकार ने तीन स्तरों पर इस प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन करेगी। पहला, विभिन्न अथॉरिटीज के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा। मसलन, पर्यटन विभाग और डीटीटीडीसी सभी संबंधित विभागों और प्राधिकारियों को एक छत के नीचे लाएगा और इस योजना के क्रियान्वयन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी देगा। दूसरा, बाजार एसोसिएशन के साथ साझेदारी की जाएगी। एसोसिएशन के साथ कई दौर की बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने खुद एक-एक बाजार एसोसिएशन के साथ बैठक की हैं। जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एसोसिएशन भी जिम्मेदारी और स्वामित्व लेने की प्रक्रिया में समान भागीदार बन सकें। तीसरा, दिल्ली सरकार इसके लिए डिजाइन प्रतियोगिता भी आयोजित करेगी। प्रत्येक हब के लिए एक डिजाइन प्रतियोगिता शुरू की जाएगी, जो हब के पुनर्विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ ‘आउट ऑफ बॉक्स आइडिया’ प्राप्त करने में मदद करेगी। एक अद्वितीय ब्रांड बनाने के लिए पेश किए जाने वाले खाद्य पदार्थों की मुख्य यूएसपी के आधार पर हब विकसित किया जाएगा। प्रोजेक्ट के पहले चरण में प्रमुख फूड हब का चयन करना था। पहले चरण में पुनर्विकास के लिए दो फूड हब मजनू का टीला और चांदनी चौक का चयन किया गया है। इसके लिए एक टीम ने दिल्ली के सभी फ़ूड हब का गहनता से विश्लेषण किया। टीम ने वहां मिलने वाले प्रमुख खाद्य पदार्थों, दुकानों की संख्या, बुनियादी सुविधाओं को लेकर चुनौतियां, ब्रांड वैल्यू, फुटफॉल समेत अन्य मुद्दों की जमीनी हकीकत को समझने के लिए दौरा किया था। .इसके बाद, 13 जून 2022 को चयन प्रक्रिया शुरू करने के लिए सभी हितधारकों को बुलाया गया, जिसमें विभिन्न खाद्य केंद्रों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा के आधार पर और विभिन्न मापदंडों मसलन, आवश्यकता और हस्तक्षेप में आसानी, फूड हब एसोसिएशनों की रुचि आदि को ध्यान में रखते हुए पहले फेज में इन दोनों प्रतिष्ठित फूड हब को योजना के तहत चुना गया है।

*मजनू का टीला-* इसे ‘दिल्ली का छोटा तिब्बत’ बाजार के रूप में भी जाना जाता है। यह दिल्ली में सबसे तेजी से बढ़ते खाद्य स्थलों में से एक है। यह हब छात्रों के बीच एक प्रसिद्ध स्थान के तौर पर जाना जाता है और यहां पर कई एशियाई व्यंजन मिलते हैं।

*चांदनी चौक-* चांदनी चौक में आसपास काफी कुछ है। चांदनी चौक का खाना बहुत प्रसिद्ध है। यहां कई अन्य व्यंजन प्रसिद्ध हैं।

केजरीवाल सरकार अब इन दोनों प्रतिष्ठित फूड हब में से प्रत्येक के लिए 6 सप्ताह के भीतर एक डिजाइन प्रतियोगिता शुरू करेगी, ताकि देश के अंदर और देश के बाहर से मशहूर विभिन्न आर्किटेक्चर और शहरी डिजाइन फर्मों से नए और अच्छे आइडिया मिल सकें। इसके बाद 12 सप्ताह के अंदर सबसे अच्छा आडिया देने वाले आर्किटेक्चर फर्म को इसको विकसित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।इन दोनों फूड हब को विकसित करने के लिए जिन आर्किटेक्चरल फर्मों की नियुक्ति की जाएगी, वे जल्द से जल्द उन कार्यों की पहचान करेंगे, जो उसको विकसित करने के लिए आवश्यक है। फर्म हब के समग्र पुनर्विकास और रीडिज़ाइन योजना पर काम करेगी। इन दोनों फूड हब को विकसित करने को लेकर मार्केट एसोसिएशन से पहले ही बात हो चुकी है। मार्केट एसोसिएशन ने योजना के सुचारू कार्यान्वयन और उसके बाद रखरखाव के लिए बिना शर्त सहयोग देने वादा किया है।——-

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