अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार शुक्रवार को होने वाली जीएसटी परिषद् की बैठक में कपडे पर बढ़े टैक्स का कड़ा विरोध करेगी।साथ ही वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया बैठक में इस बढ़े हुए टैक्स को वापस लेने की मांग करेंगे। उपमुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा कि कपड़ों पर बढ़े टैक्स से छोटे व्यापारियों का कारोबार प्रभावित होगा साथ ही आम आदमी के बजट पर भी भार पड़ेगा।लेकिन केजरीवाल सरकार इसका विरोध करेगी और हमेशा छोटे व्यापारियों और आम आदमी के हक़ की लड़ाई लड़ती रहेगी।उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा टेक्सटाइल पर जीएसटी दरों को 5% से बढ़ाकर 12% किया गया है जिसका कपड़ा व्यापारी विरोध कर रहे है।इन व्यापारियों की मांगे जायज है जिसे केजरीवाल सरकार आगे बढ़ाने का काम करेगी। सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हमेशा टैक्स दरों को कम रखने के पक्ष में रही है।लेकिन केंद्र सरकार लगातार टैक्स बढ़ाकर लोगों की कमर तोड़ने का काम कर रही है।केंद्र सरकार को अपनी कुम्भकर्णी नींद से जागकर महंगाई कम करने की जरुरत है।
देश में बढ़ती महंगाई के बावजूद केंद्र सरकार ने नई जीएसटी व्यवस्था के तहत टेक्सटाइल पर भारी कर वृद्धि किया गया है। केंद्र सरकार ने आम आदमी की परेशानियों की पूरी तरह उपेक्षा करते हुए टेक्सटाइल पर मौजूदा जीएसटी दरों को 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया है। जिसका विरोध शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री जीएसटी काउंसिल की बैठक में करेंगे और इस कर बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग करेंगे।टैक्स वृद्धि पर दिल्ली सरकार के रुख से जनता को अवगत कराते हुए, श्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, “कपड़ा व्यापारी जीएसटी दरों को 5% से बढ़ाकर 12% करने का विरोध कर रहे हैं और उनकी मांग जायज है। आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हमेशा टैक्स दरों को कम रखने के पक्ष में रही है। कल होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में मैं कपड़ों पर टैक्स कम करने और इस कर वृद्धि को वापस लेने की मांग करूंगा। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने जीएसटी दर में संशोधन के लिए कुछ सिफारिशें की थीं, जिनमें से ज्यादातर ड्यूटी स्ट्रक्चर और अन्य विसंगतियों को दूर करने के लिए थीं। इसमें कपड़ा क्षेत्र में दरों में संशोधन शामिल है जो 1 जनवरी, 2022 से लागू होगा। फिलहाल कपड़े पर 1000 रुपये प्रति पीस तक की बिक्री पर 5% टैक्स लगता है। जीएसटी परिषद की कपड़ा पर जीएसटी दरों को 5% से बढ़ाकर 12% करने पर टेक्सटाइल क्षेत्र में काम करने वाले छोटे व्यापारियों की एक बड़ी संख्या के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी प्रभावित करेगी| इस तरह के निर्णय से मार्केट पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जिसके परिणामस्वरूप मांग में गिरावट आ सकती है और मार्केट को मंदी का सामना करना पड़ सकता है।