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दिल्ली

समर ब्रेक में बच्चों की पसंदीदा जगह बनी केजरीवाल सरकार की मस्ती की पाठशाला

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: बच्चों के लिए गर्मी की छुट्टियाँ मज़ेदार बनाने के लिए केजरीवाल सरकार शहर भर में 150 स्थानों पर समर कैम्प ‘मस्ती की पाठशाला’ का आयोजन करवा रही है। इस दौरान बच्चे पूरे उत्साह के साथ इन कैंपों में पहुंच रहे हैं। जहां वे डांस, म्यूजिक, पेंटिंग, थिएटर, योग, भाषाएँ साथी अन्य मनोरंजन गतिविधियों के साथ अपनी गर्मी की छुट्टियों का बेहतर उपयोग कर रहे है। कला,संस्कृति और भाषा मंत्री आतिशी ने राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, द्वारका सेक्टर-19 में चल रहे समर कैंप में शामिल होकर बच्चों से बातचीत की।इस मौके पर कला,संस्कृति और भाषा मंत्री आतिशी ने कहा कि,पहले माध्यम वर्गीय पैरेंट्स सोचते थे कि गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को पेंटिंग,म्यूजिक,डांस,थिएटर या कोई नई भाषा सिखाने का मतलब बहुत ज्यादा पैसा खर्च करना है। इस कारण बहुत से पैरेंट्स अपने बच्चों को कुछ नया नहीं करवा पाते थे। लेकिन अरविंद केजरीवाल सरकार अपने शानदार समर वर्कशॉप्स के माध्यम से पैरेंट्स की पैसों की चिंता को दूर कर दी है।

और हज़ारों बच्चों को फ्री में शानदार समर वर्कशॉप करवा रही है।उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अपने फ्री वर्कशॉप्स के माध्यम से दिल्ली के बच्चों को मौका दिया है कि वो यहाँ आए, नई भाषाएँ सीखे, डांस,म्यूजिक,ड्रामा,थिएटर आदि के नए हुनर सीखे और उन्हें निखारे। साथ ही इन वर्कशॉप में योग के माध्यम से बच्चों को एक स्वस्थ जीवनशैली भी सिखाई का रही है। मंत्री आतिशी ने कहा कि इन वर्कशॉप्स का एक बड़ा उद्देश्य संस्कृतियों का संरक्षण भी है। जहां केजरीवाल सरकार अपनी विभिन्न अकादमियों द्वारा ये सुनिश्चित कर रही है कि बच्चे भारत की समृद्ध कला और संस्कृति से रूबरू हो सके। बता दें कि ‘मस्ती की पाठशाला’ में बच्चों को मैथमेटिक्स, विज्ञान, संस्कृत जैसे कठिन विषयों के टॉपिक्स को बेहद रोचक ढंग से छात्रों को समझाया जा रहा है। साथ ही उन्हें  लोकगीत, थिएटर, मधुबनी पेंटिंग, गढ़वाली नृत्य संगीत, योग, डिबेट, ड्रामा भी सिखाया जाता है। शहर भर में चल रहे ऐसे 150 वर्कशॉप में बच्चे पूरे उत्साह से शामिल हो रहे हैं। इन वर्क शॉप्स में केजरीवाल सरकार की विभिन्न अकादमियाँ भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही है और इसे समृद्ध बना रही है। गढ़वाली-कुमाऊनी-जौनसारी अकादमी द्वारा बच्चों को उत्तराखंड की मशहूर रामायण पर आधारित रामलीला का मंचन सिखाया जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ भोजपुरी, मैथिली अकादमी के द्वारा बच्चों ने शानदार मधुबनी पेंटिंग बनानी सिखाया जा रहा है। साथ ही  पंजाबी अकादमी, सिंधी अकादमी, संस्कृत अकादमी, उर्दू अकादमी सहित अन्य अकादमी बच्चों को उनकी संस्कृति से रूबरू करा रही हैं। संस्कृत अकादमी द्वारा बच्चों में  संस्कृत भाषा सिखाने के लिए यहां कहानी, डांस, गानों और कविताओं के जरिए संस्कृत भाषा सिखाई जा रही है।

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