अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्लीकेजरीवाल सरकार दिल्ली की हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बूस्ट देने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है| इस दिशा में सरकार दिल्ली में 11 नए अस्पताल तैयार करवा रही है जिससे दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 10,000 से ज्यादा बेड्स की बढोतरी होगी| उपमुख्यमंत्री व पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को पीडब्ल्यूडी व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ इस बाबत बैठक कर निर्माण कार्यों के प्रगति की समीक्षा की| पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सिरसपुर, ज्वालापुरी, मादीपुर, हस्तसाल(विकासपुरी) में बन रहे अस्पतालों के साथ-साथ 6838 आईसीयू बेड्स की क्षमता के साथ बनाए जा रहे 7 नए सेमी-पर्मानेंट अस्पतालों के निर्माण कार्यों की प्रगति की जांच की।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर अस्पतालों का निर्माण कार्य इसी साल अंत तक पूरा हो जाएगा और कुछ अस्पताल 2023 के मिड तक बनकर तैयार हो जाएंगे. निर्माण कार्य समय पर पूरे हो और सभी अस्पताल जल्द ही जनता को समर्पित हो इस बाबत हर 15 दिन में ग्राउंड पर जाकर करेंगे ऑन साईट इंस्पेक्शन किया जाएगा। इस मौके पर सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में दिल्ली सरकार दिल्ली में हर नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार में आने के पहले दिन से ही दिल्ली के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाना और दिल्ली के हर नागरिक को शानदार स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना हमारी प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि इन 11 नए अस्पतालों से दिल्ली के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बूस्ट मिलेगा और लाखों दिल्लीवासी इसका लाभ उठा सकेंगे।
केजरीवाल सरकार द्वारा सिरसपुर में 1164 बेड्स की क्षमता के साथ 11 मंजिला एक अत्याधुनिक अस्पताल का निर्माण करवाया जा रहा है साथ ही इस बिल्डिंग में 2 मजिला बेसमेंट भी है| अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल का निर्माण कार्य लगभग आधा पूरा हो चुका है| कोरोना और पिछली सर्दियों में प्रदूषण की वजह से निर्माण कार्यों के रोके जाने के कारण योजना की गति थोड़ी धीमी हुई लेकिन अब निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है और 2023 में जून महीने के अंत तक ये अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा।सरकार द्वारा ज्वालापुरी, मादीपुर व हस्तसाल(विकासपुरी) में प्रत्येक में 691 बेड्स की क्षमता वाले 10 मंजिला अस्पताल बना रही है. ज्वालापुरी व मादीपुर में बन रहे अस्पतालों का 60% से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और मार्च 2023 तक ये दोनों अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे. हस्तसाल में भी अस्पताल बनाने का काम तेजी से चल रहा है और इसका निर्माण कार्य भी 2023 के अंतिम महीनों तक पूरा हो जाएगा| बता दे कि इन तीनों अस्पतालों में भी 2 मंजिला बेसमेंट भी है| कोरोना जैसी महामारियों के साथ-साथ क्रिटिकल केसों से लड़ने के लिए केजरीवाल सरकार 6838 आईसीयू बेड्स की क्षमता वाले 7 सेमी-परमानेंट अस्पताल तैयार कर रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार शालीमार बाग़ में 1430 बेड्स की क्षमता वाला 4 मंजिला अस्पताल, किराड़ी में 458 बेड्स की क्षमता वाले 5 मंजिला अस्पताल, सुल्तानपुरी में 527 बेड्स की क्षमता वाले 4 मंजिला अस्पताल, जीटीबी कॉम्प्लेक्स में 1912 बेड्स की क्षमता वाले 5 मंजिला अस्पताल, गीता कॉलोनी में चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में 610 बेड्स की क्षमता वाले 5 मंजिला अस्पताल, सरिता विहार में 336 बेड्स की क्षमता वाले 5 मंजिला अस्पताल व रघुवीर नगर में 1565 बेड्स की क्षमता वाले 4 मंजिला अस्पताल का निर्माण कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि इन सभी जगहों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और जल्द ही ये सभी आईसीयू अस्पताल बनकर तैयार हो जाएंगे।
*क्या है आईसीयू बेड्स वाले इन अस्पताल के बनकर तैयार होने की समय-सीमा*
1. शालीमार बाग़ अस्पताल, बेड्स की क्षमता-1430 बेड्स, इस साल के अंत तक बनकर होगा तैयार
2. किराड़ी अस्पताल, बेड्स की क्षमता-458 बेड्स, फरवरी 2023 तक बनकर होगा तैयार
3. सुल्तानपुरी अस्पताल, बेड्स की क्षमता- 527 बेड्स, इस साल नवम्बर तक बनकर पूरा होगा
4. चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में बन रहे सेमी परमानेंट अस्पताल की क्षमता 610 बेड्स, इस साल नवम्बर तक बनकर पूरा होगा
5. जीटीबी में बन रहे सेमी परमानेंट अस्पताल की क्षमता 1912 बेड्स, इस साल के अंत तक बनकर होगा तैयार
6. सरिता विहार अस्पताल, बेड्स की क्षमता-336 बेड्स, इस साल अक्टूबर तक बनकर होगा तैयार
7. रघुवीर नगर अस्पताल, बेड्स की क्षमता-1565 बेड्स, इस साल के अंत तक बनकर होगा तैयार
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इन सभी निर्माण कार्यों को समय रहते पूरा किया जाए तथा यहां क्वालिटी के सभी मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए| उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार का उद्देश्य अपने सभी नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना है इस दिशा में दिल्ली में सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे नए अस्पताल मील का पत्थर साबित होंगे और हमारे हेल्थ रिसोर्सेज को बढ़ाने का काम करेंगे।