अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि केजरीवाल हरियाणा की धरती पर आकर एसवाईएल पर पंजाब की भाषा न बोलें। पंजाब चुनाव में एसवाईएल के खिलाफ बयान देने वाले केजरीवाल इस मुद्दे पर अपना स्टैंड स्पष्ट करें। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतिम निर्णय में हरियाणा के हक को जायज माना है। सुप्रीम कोर्ट ने हर पहलू पर विचार करके निर्णय लिया है कि एसवाईएल के पानी पर हरियाणा का हक है, तो क्या उनको सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए एसवाईएल निर्माण के लिये पंजाब सरकार पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि केजरीवाल, पंजाब सरकार पर दबाव डालकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करवाएं और एसवाईएल पर जो फार्मूला प्रधानमंत्री को बताना चाहते हैं उसे सार्वजनिक करें, ताकि हरियाणा की जनता को भी पता चल सके कि उनका स्टैंड क्या है।
क्योंकि, उन्होंने पंजाब में चुनाव प्रचार के समय कहा था कि ‘‘हम एसवाईएल के खिलाफ़ हैं’’ क्या अब हरियाणा में भी उनका यही स्टैंड है? दीपेंद्र हुड्डा कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा के हितों पर प्रहार की कोशिश न करे। वो सबसे पहले एसवाईएल पर हरियाणा के हक में दिये गये सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अक्षरशः लागू करे। हम हरियाणा के हिस्से का एक-एक बूँद पानी लेकर रहेंगे। उन्होंने हरियाणा सरकार के ढुलमुल रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बाद भी प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री से एसवाईएल के मुद्दे पर बात तक नहीं की।
उन्होंने हरियाणा सरकार से एसवाईएल पर ढुलमुल रवैया छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि हरियाणा में इस मुद्दे पर कोई राजनैतिक मतभेद नहीं है, इस मामले में सारा हरियाणा एक है। पंजाब ये न समझे कि हरियाणा में इस समय कमजोर सरकार है। दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वो हरियाणा के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिये तुरंत प्रधानमंत्री जी से मिलने का समय लें, जिससे सभी दल एकजुट होकर एसवाईएल के निर्माण के लिये भारत सरकार पर दवाब बनाने का काम कर सकें।
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