अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:जिस प्रेमिका को खुश रखने के लिए डॉक्टर के बेटे का अपहरण कर,उसके डॉक्टर पिता से 20 लाख रुपए फिरौती मांगी, फिरौती की रकम न मिलने पर उसकी हत्या की, और वह महीनों से जेल में रहा, अब वही प्रेमिका उसे धोखा देकर किसी और से शादी कर ली, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर सका , और उसे ओयो होटल में बुला कर चाकू से गोद कर उसकी हत्या कर दी, ये सनसनीखेज वारदात को अंजाम उस वक़्त दिया जब वह कोरोना काल में जेल से पेरोल पर छूट कर बाहर आया था, अब से पहले तक लौट कर जेल नहीं गया। अब पुलिस उसे अरेस्ट कर लिया।
डीसीपी विशेष क्राइम, रविंद्र सिंह यादव के मुताबिक दिनांक 05.01.2010 को श्रीमल, निवासी सेक्टर-2, रोहिणी, दिल्ली के बयान पर मुकदमा नंबर – 05/2010, भारतीय दंड संहिता की धारा 302/365/364 ए/392/212/201/120 बी भारतीय दंड संहिता के तहत मामला थाना दक्षिण रोहिणी, दिल्ली में दर्ज किया गया था। आरोपी दीपक जो एक लड़की के साथ संबंध में था और उसकी मांगों को पूरा करने और विलासितापूर्ण जीवन शैली की आदतो को पूरा करने के लिए आरोपी दीपक ने अपने चार साथियों के साथ रोहिणी दिल्ली के एक आयुर्वेदिक डॉक्टर के बेटे का अपहरण की योजना तैयार की। वे अपहृत लड़के को घरौंडा, करनाल, हरियाणा ले गए और बालक के पिता से 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी। अपहृत के पिताजी द्वारा मांग पूरी नहीं की गई तो आरोपी दीपक ने अन्य सह आरोपियों के साथ मिलकर लड़के की बेरहमी से हत्या कर दी और उसके शव को घरौंदा, करनाल, हरियाणा में एक कार में फेंक दिया | उपरोक्त आरोपी दीपक को न्यायालय द्वारा अन्य सह-अभियुक्तों के साथ आजीवन कारावास एवं जुर्माने का दोषी ठहराया गया था। आरोपी को कोविड-19 महामारी के दौरान 17.08.2020 को पैरोल पर रिहा किया गया था।2020 में पैरोल पर जेल से छूटने के बाद उसे पता चला कि जिस प्रेमिका के लिए उसने एक डॉक्टर के बेटे का अपहरण किया था, उसने उसे धोखा देकर किसी और से शादी कर ली है। उसने उसे अपने जीवन से हटाने का फैसला किया। उसने अपनी प्रेमिका को सुल्तानपुरी इलाके में स्थित ओयो होटल के एक कमरे में बुलाया और चाकू से उसके गले पर बेरहमी से वार कर उसकी हत्या कर दी | इसके बाद वह होटल से फरार हो गया। इस संबंध में थाना सुल्तानपुरी, दिल्ली में एक मामला मुकदमा नंबर – 1296/20, भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दर्ज किया गया था।चूंकि अभियुक्त फरार था, उसे न्यायालय द्वारा उद्घोषित अपराधी घोषित किया गया था। दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर 50,000 / रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।
सूचना और टीम
एआरएससी/अपराध शाखा की एक टीम को घोषित अपराधियों पर निगरानी रखने का काम सौंपा गया। हवलदार सुनील और हवलदार गौरव को मंगोलपुरी, दिल्ली के क्षेत्र के पैरोल से भागे हुए मुलजिमो के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया । जानकारी जुटाने की कवायद के दौरान बाहरी दिल्ली के इलाके में भगोड़े दीपक की मौजूदगी के बारे में कुछ सूचना मिली | यह जानकारी तकनीकी निगरानी के माध्यम से विकसित की गई । हवलदार सुनील शर्मा को सूचना मिली कि दीपक मंगोलपुरी क्षेत्र के आर-ब्लॉक में मौजूद है। इस जानकारी को सत्यापित किया गया और एसीपी अरविंद कुमार की करीबी देखरेख में निरिक्षक मंगेश त्यागी और निरीक्षक रोबिन त्यागी के नेतृत्व में हवलदार सुनील शर्मा, हवलदार गौरव, हवलदार पवन और हवलदार सवाई सिंह की एक टीम का गठन डीसीपी अमित गोयल और संयुक्त सीपी एस.डी. मिश्रा द्वारा किया गया |
कार्यवाही
टीम आर-ब्लॉक, सब्जी मंडी, मंगोलपुरी पहुंची, जहां मुखबिर ने एक व्यक्ति की ओर इशारा किया और उसकी पहचान भगोड़े दीपक के रूप में बतलायी। दीपक पुलिस कर्मियों को देखते ही आर-ब्लॉक, सब्जी मंडी, मंगोलपुरी की गलियों में भागने लगा | हवलदार गौरव और हवलदार सुनील ने उसका पीछा करना शुरू किया, खुद को पुलिस से घिरा हुआ पाकर दीपक ने पथराव शुरू कर दिया व भागने की कोशिश की, लेकिन हवलदार सुनील और हवलदार गौरव ने उसे दबोच कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ
निरंतर पूछताछ के दौरान आरोपी दीपक ने खुलासा किया कि उसने खुद को पुलिस से बचाने के लिए अपनी वेशभूषा बदल कर पांच राज्यों बिहार, असम, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में रहा व गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था।
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