अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मामा की पत्नी ने चार लड़के को जन्म दिया था, सबकी एक-एक करके मौत हो गई, उसे वह एक बच्चा उपहार में देना चाहता था,इसलिए एक पांच वर्षीय बच्चे का अपहरण करके उन्हें उपहार में दे दिया। इस मामले में दोनों आरोपित मामा -भांजे को बदरपुर थाने की पुलिस ने अरेस्ट किया हैं। इन्हें थाना बदरपुर , दिल्ली में मुकदमा न.4 , दिनांक 3 जनवरी 2023, में अरेस्ट किया गया है ,और पुलिस ने अपहृत बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया हैं। इस मुकदमे में भारतीय दंड संहिता की धारा 363 को दर्शाया गया हैं। ये खुलासा आज डीसीपी ,साउथ ईस्ट ,जिला दिल्ली एशा पांडेय ने दी हैं।
डीसीपी ,साउथ ईस्ट जिला दिल्ली, एशा पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि गत 1 जनवरी 2023 की रात लगभग 8.30 बजे 5 वर्ष की आयु का एक नाबालिग बच्चा दिल्ली के भाग-1, गौतमपुरी के क्षेत्र में अपने निवास के पास एक जगह से लापता हो गया था। 2 दिनों तक पूरे क्षेत्र में स्थानीय रूप से खोज करने के बाद, लड़के के पिता बुचू पासवान ( उम्र 44 वर्ष) निवासी गौतमपुरी, बदरपुर, दिल्ली ने गत 3 जनवरी 2023 को थाना बदरपुर आए और बताया कि उनका लगभग 5 वर्ष का पुत्र X घर के बाहर खेल रहा था। गत 1 जनवरी 2023 की रात करीब 8-8.30 बजे वह लापता हो गया। शिकायतकर्ता ने अपहरण के लिए किसी पर संदेह या आरोप नहीं लगाया। अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, थाना बदरपुर में प्राथमिकी संख्या 4/23 ,दिनांक 3 जनवरी -2023 आईपीसी की धारा 363 के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई ।
उनका कहना हैं कि अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, एक विशेष टीम जिसमें एसआई राजीव गौतम, एसआई अमित कुमार, एसआई ओंकार , एसआई विकास, प्रधान सिपाही सुभाष, प्रधान सिपाही राजेंद्र, प्रधान सिपाही राजा राम, प्रधान सिपाही राजेश और सिपाही पवन कुमार शामिल थे। इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह (एसएचओ/बदरपुर), इंस्पेक्टर ब्रह्म प्रकाश (निरीक्षक निरीक्षण/बदरपुर) के नेतृत्व में, जोगेंद्र सिंह जून एसीपी/बदरपुर की देखरेख में व सुश्री ईशा पांडे, डीसीपी/दक्षिण-पूर्व जिला के मार्गदर्शन में बच्चे को बचाने और अपराधी को पकड़ने के लिए गठित की गई थी । इसके अलावा, गुप्त मुखबिरों को भी हाई अलर्ट पर रखा गया था और इस संबंध में जानकारी एकत्र करने का काम सौंपा गया था। उनका कहना हैं कि जांच को आगे बढ़ाने के लिए, शिकायतकर्ता, उसके परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, दोस्तों और क्षेत्र के स्थानीय निवासियों की टीम द्वारा विस्तृत पूछताछ की गई। टीम ने शिकायतकर्ता के आवास के आसपास के पूरे इलाके के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले। लड़के को केवल एक कैमरे में खेलते और घूमते हुए ट्रैक किया गया था लेकिन बच्चे के अपहरण के तथ्य की पुष्टि करने के लिए प्रयाप्त सुराग नही मिले । उनका कहना हैं कि समर्पित प्रयासों के बाद, पुलिस अधिकारियों को एक सफलता मिली कि एक स्थानीय निवासी और शिकायतकर्ता के पड़ोसी नीरज पुत्र सतीश ने भी उस रात से क्षेत्र से गायब था और अगली सुबह तक वह नहीं लौटा। इसलिए, उसके डिजिटल फुटप्रिंट्स का बड़े पैमाने पर विश्लेषण किया गया और इससे पता चला कि वह दिल्ली छोड़कर चला गया था। आखिरकार, टीम ने संदिग्ध नीरज का पता लगाया, जिसने शुरू में पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन लगातार पूछताछ के दौरान उसने खुलासा किया कि उसने अपने घर के पास एक जगह से बच्चे का अपहरण कर लिया था और उसे अपने मामा यानी सुनीत बाबू के गांव जीरावली, जिला अलीगढ़ (यूपी) के घर में स्थानांतरित कर दिया था। उसने आगे खुलासा किया कि उसके मामा की पत्नी ने चार बेटों को जन्म दिया था लेकिन उनमें से कोई भी जीवित नहीं रह सका और उनके जन्म के ठीक बाद एक के बाद एक मर गए। इसके अलावा, उसने खुलासा किया कि वह अपने मामा को एक बच्चा उपहार में देना चाहता था। लिहाजा, उसने गौतमपुरी इलाके से बच्चे के अपहरण की योजना बनाई। जैसे ही यह पता चला कि बच्चा जिला अलीगढ़ (यूपी) के जीरावली गांव में मौजूद है, टीम तुरंत कार्रवाई में जुट गई और बच्चे को सकुशल बचा लिया। बच्चे का मेडिकल कराया गया है और दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की आगे की जांच प्रगति पर है। प्रत्येक आरोपी व्यक्तियों की दोषी भूमिका तदनुसार स्थापित की जा रही है।
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