अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: मुख्यमंत्री उड़न दस्ता, चीफ मेडिकल ऑफिसर व थाना सदर गुरुग्राम की संयुक्त टीम ने आज बाबिल पैलेस सेक्टर-39, गुरुग्राम में छापेमारी करते हुए किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया हैं। छापेमारी के दौरान टीम को किडनी देने और खरीदने वाले दोनों ही बांग्लादेशी हैं ये लोग पैसे कमाने के चक्कर में फेसबुक के माध्यम से जुड़े थे। किडनी देने वाले को 2 लाख रुपए मिलते थे , और किडनी लेने वाले जरुरत मंदों को 10 लाख रुपए में बेच देते थे। इस प्रकरण में सदर थाना, गुरुग्राम में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
पुलिस प्रवक्ता ने आज जानकारी देते हुए बताया कि आज 4 अप्रैल 2024 को थाना सदर,की पुलिस को मुख्यमंत्री उड़न दस्ता की टीम द्वारा एक सूचना बाबिल पैलेस सेक्टर-39, गुरुग्राम में एक गिरोह द्वारा रुपए लेकर किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के संबंध में प्राप्त हुई। प्राप्त सूचना पर पुलिस थाना सदर, गुरुग्राम, मुख्यमंत्री उड़न दस्ता व सीएमओ गुरुग्राम की एक संयुक्त टीम गठित की गई। गठित की गई टीम द्वारा सूचना में बताए गए स्थान होटल बाबिल पैलेस सेक्टर-39, गुरुग्राम में रेड की गई जिसमें किडनी देने वाले व किडनी लेने वाले व्यक्ति पाए गए। जिनके पास संबंधित अथॉरिटी द्वारा जारी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं था। उनका कहना है कि पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि मुर्तजा अंसारी निवासी रांची, झारखंड द्वारा किडनी ट्रांसप्लांट का यह गिरोह चलाया जाता है तथा जयपुर के एक निजी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट करवाई जाती है। पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि किडनी देने वाले तथा किडनी लेने वाले सभी व्यक्ति बांग्लादेशी थे तथा किडनी देने वाला व्यक्ति फेसबुक पोस्ट के माध्यम से मुर्तजा अंसारी के संपर्क में आया जिसने किडनी बेचकर रुपए कमाने के संबंध में बात की। किडनी देने वाले से 2 लाख में सौदा तय हुआ तथा इसी तरह किडनी की जरूरत वाले से 10 लाख रुपए लिए गए थे।उनका कहना है कि पुलिस टीम द्वारा अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट करने के संबंध में थाना सदर, गुरुग्राम में ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन टिशु एक्ट व धारा 420, 120B IPC के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस टीम द्वारा मुकदमा से सम्बंधित विभिन्न जानकारी एकत्रित की जा रही है। पुलिस जांच में जो भी तथ्य समक्ष आएंगे उनके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। मुकदमा अनुसंधान अधीन है।
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