अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने डॉक्टरों, नर्सों, पैरा मेडिकल और ऐसे सभी कर्मचारी जो कोविड अस्पतालों, कोविड आईसीयू और कोविड आइसोलेशन वार्डों में कार्यरत हैं तथा कोरोना पॉजिटिव मरीजों को लाने वाले एंबुलेंस ड्राइवर इत्यादि का वेतन दोगुना करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री आज यहां विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिला आयुर्वेदिक अधिकारियों, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अधिकारियों और राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों के निदेशकों, भारतीय चिकित्सा संघ के जिला अध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने चंडीगढ़ से और गुरुग्राम के वेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. नरेश त्रेहन दिल्ली से बैठक में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में पीपीई किट से लेकर दवाईयां और वैंटिलेटर तक सभी प्रबन्ध संतोषजनक हैं और चाहे कोई मेडिकल कॉलेज केन्द्र सरकार या राज्य सरकार का हो, निजी या सरकारी सहायता प्राप्त हो, इनमें कोरोना के मरीजों के ईलाज के लिए सभी प्रबन्ध जैसे कि मॉस्क, पीपीई किटस, दवाईयां, वैंटिलेटर इत्यादि हरियाणा सरकार द्वारा किये जाएंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री को इस बात की भी जानकारी दी गई कि उपरोक्त संस्थानों में इस समय 22,800 पीपीई किट, 1,02,857 एन-95 मॉस्क तथा 28,02,406 गलब्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा, 502952 पीपीई किट तथा 103200 एन-95 मॉस्क के आर्डर की सप्लाई आगामी तीन-चार दिनों में प्राप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अस्पतालों में और रोग विभागों में यह सुनिश्चित करें कि कोरोना और गैर कोरोना रोगियों का कोई परस्पर संबंध न हो। इसलिए मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेजों के निदेशकों को अस्पतालों में स्वयं मौके पर जाकर हालात का जायजा लें और अस्पतालों में कर्मचारियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों के साथ बिंदुवार चर्चा की और उन्हें अपने-अपने अस्पतालों में संपूर्ण स्थिति की बारीकी से समीक्षा करने का निर्देश दिया। कोविड रोगियों के उपचार में शामिल सभी लोगों को सभी तरह के सुरक्षा उपकरण प्राथमिकता के आधार पर प्रदान किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार 24 घंटे कार्य करने वाले डॉक्टरों, नर्सों, पैरा मेडिकल और अन्य स्टाफ के साथ-साथ सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों, नर्सों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की इच्छा शक्ति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि हम निश्चित रूप से इस महामारी को हराएंगे। अस्पताल किसी भी प्रकार से हॉटस्पॉट न बनें, इसके लिए कोविड ब्लॉकों को अलग करने के संबंध में डॉक्टरों द्वारा व्यक्त की गई चिंता पर संज्ञान लेते मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि क्रॉस-संक्रमण को रोकने के लिए कोविड अस्पतालों और अस्पताल परिसर में कोविड ब्लॉकों को अलग किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण कुशल तरीके से किया जाना चाहिए ताकि अस्पताल किसी भी प्रकार से संभावित हॉटस्पॉट में परिवर्तित न हो सकें। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि रैपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन किया गया है और इन टीमों के प्रभावी कार्यन्वयन के लिए राज्य को अलग-अगल जोन में विभाजित कर दिया गया है। उन्होंने स्वास्थ्य, पुलिस, चिकित्सा शिक्षा तथा नगर निकाय विभाग के कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि हरियाणा शीघ्र ही कोरोना से छुटकारा पा लेगा। बैठक के दौरान आईएमए के अध्यक्ष ने बताया कि सामान्य मरीजों के लिए अधिकांश निजी अस्पताल खुले हैं। उन्होंने कहा कि रुटीन ओपीडी के बजाय टेलीमेडिसिन और मोबाइल ओपीडी की सुविधा निजी डॉक्टरों के पास पहले से ही है। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से इसका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए। आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया गया है और इसे केंद्र सरकार द्वारा भी अनुमोदित किया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ आयुर्वेदिक दवाएं उन रोगियों को दी जाएंगी जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं है या हल्के लक्षण हैं। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, राजेश खुल्लर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजीव अरोड़ा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।