फरहीन खान, संवाददाता– कृषि एवं किसान कल्याण तथा बागवानी विभागों की विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडीज की प्रक्रिया, प्रमाणीकरण और वितरण की बारीकी से निगरानी करने के दृष्टिगत उपायुक्तों को कहा गया है कि वर्ष 2017-18 में अतिरिक्त उपायुक्तों को नोडल अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाए।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव डॉ० अभिलक्ष लिखी ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इससे तिमाही आधार पर खर्च की प्रभावी जानकारी मिलेगी।
उन्होंने कहा कि विभाग में मुख्यालय पर सम्बंधित अतिरिक्त निदेशक या संयुक्त निदेशक को महीने में एक बार अतिरिक्त उपायुक्तों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए जाएंगे। कृषि विभाग के सम्बंधित उप-निदेशकों को किसी भी मामले में देरी, हेराफेरी और गबन के लिए उतरदायी ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी सब्सिडी की प्रक्रिया, प्रमाणीकरण और वितरण की समय-सीमा एक वर्ष निर्धारित की जा रही है। इस सम्बंध में प्रदेश के सभी उपायुक्तों को एक लिखित पत्र भेजा गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही परियोजनाओं और कार्यक्रमों व योजनाओं के अंतगर्त बीजों, कृषि उपकरणों, प्रदर्शन प्लांटों, खाद और सिंचाई प्रणालियों पर सब्सिडी दी जा रही है। इनमें फसल विविधिकरण कार्यक्रम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, तिलहन और ऑयल पाम, राष्ट्रीय मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और टीएमएस शामिल हैं।
बागवानी विभाग द्वारा भी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, समेकित बागवानी विकास योजना, शिवालिक क्षेत्र में बागवानी को बढ़ावा, अनुसूचित जाति सबप्लान स्कीम, अच्छी कृषि पद्धतियों और फलों और सब्जियों पर कीटनाशकों के अवशेषों का प्रभाव तथा राष्ट्रीय आयुष मिशन जैसी योजनाओं के तहत विभिन्न प्रकार की सिंचाई प्रणालियों, बीजों, कृषि उपकरणों और अन्य सम्बंधित उपकरणों पर सब्सिडी दी जाती है।
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