अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम : पीएलएन 9 सिक्योरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक को अपने कंपनी को एक सोची समझी साजिश के तहत करोड़ों रूपए के घोटाले करने के मामले में आज आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। इस प्रकरण में सहायक उप महाप्रबंधक व सीए को गिरफ्तार किया जाना बाकी हैं। पकड़े गए महाप्रबंधक के खिलाफ थाना सेक्टर -17 -18 में 11 जुलाई 2018 को दर्ज की गई थी। आज उन्हें अदालत में पेश किया गया जहां पुलिस अगले 4 दिनों के पुलिस रिमांड पर लिया हैं।
इंचार्ज विकास कुमार का कहना हैं कि पीएलएन 9 सेक्युरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, सन टावर, दूसरी मंजिल, सुखराली ,एमजी रोड ,गुरुग्राम की निदेशक श्रीमती शोभा शांडियाल ने 8 सितंबर 2017 को एक शिकायत आर्थिक अपराध शाखा को दी थी जिसमें अपने कंपनी के महाप्रबंधक फाइनेंस लाखन सिंह, सहायक उप महा प्रबंधक फाइनेंस विवेक कुमार व चार्टेड अकाउंट अमित अग्रवाल ने मिलीभगत करके करोड़ों रूपए के घोटला व गबन करने का आरोप लगाया था। जब उनकी टीम ने शिकायत जांच की तो लगे आरोप सही पाए गए थे। उनका कहना हैं कि इसके बाद थाना सेक्टर -17 -18 में भारतीय दंड सहिंता की धारा 120 बी, 408 व 450 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। आज लाखन सिंह निवासी 1037,सेक्टर -7 ,द्वारका , दिल्ली को बुधवार को सोहना चौक,गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया।
सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि कंपनी की निदेशक श्रीमती शोभा शांडियाल ने ऑडिट रिपोर्ट महा प्रबंधक लाखन सिंह से मांगी थी. पहले तो यह लोग ऑडिट रिपोर्ट देने में काफी देर कर दी जब वह सख्त हुई तो उपरोक्त लोगों ने उन्हें गलत ऑडिट रिपोर्ट तैयार करके दे दिया। इस बात का शक उन्हें हो गया था। क्यूंकि नकली ऑडिट रिपोर्ट में कंपनी को लॉस में दिखाया गया था। इस दौरान श्रीमती शांडियाल ने कैंसर की बिमारी से ग्रस्त थी का उन्होनें ऑपरेशन कराया था इस कारण से उनका कंपनी में आना -जाना बंद कर दिया। इसके थोड़े दिन के बाद उन्होनें दस्साणी एसोसिएट्स इंदौर से ऑडिट कराने का फैसला लिया। जब दस्साणी एसोसिएट्स ने ऑडिट की जांच की तो उसमें तक़रीबन 6 करोड़ रुपए के घोटाले का उजागर हुआ। इंचार्ज विकास कुमार का कहना हैं कि आरोपी महाप्रबंधक लाखन सिंह ने गबन किए गए करोड़ों रूपए से काफी सम्पति खरीदी हैं। इसका पता जांच के दौरान चला हैं जोकि रिमांड के दौरान और ज्यादा गहराई से जांच की जाएगी।