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दिल्ली

एलजी का यह कहना कि डिग्री से कुछ नहीं होता , डिग्री तो पैसे खर्च करने की रसीद है-सौरभ भारद्वाज


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार के जल मंत्री और बाढ़ एवं सिंचाई मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को दिल्ली सचिवालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एलजी का यह कहना बहुत शर्मनाक है कि डिग्री पैसे खर्च करने की रसीद है। आज दिल्ली के पास आईआईटी से पढ़े हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं, जिनके काम का क्रेडिट लेने एलजी नाला-नाला घूम रहे है। दिल्ली सरकार के कामों का क्रेडिट लेने के लिए एलजी नाले-नाले घूम रहे है। इसके साथ ही वह प्रेस रिलीज जारी करके ऐसा दर्शा रहे हैं कि यह काम उन्होंने कराया है। हमारा और हमारे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बड़प्पन है कि एलजी को हमने प्रयटक समझ कर घूमने दीया और चुप रहे। नालों के पानी को साफ करने का काम 2017 में शुरू हुआ था। उस समय एलजी  को यह भी नहीं पता होगा कि दिल्ली के अंदर कितने विधायक चुने जाते हैं। उन्होंने कहा कि काम दिल्ली सरकार और उसके डिपार्टमेंट कर रहे हैं लेकिन वहां एलजी  जाकर अपना ढोल बजा रहे हैं। जबिक एलजी दिल्ली सरकार के बजट का एक भी रुपया खर्च नहीं कर सकते हैं, क्योंकि संविधान ने उन्हें वह शक्ति ही नहीं दी है। उन्होंने कहा कि एलजी अपना काम करें, हमें अपना काम करने दें। आप कुछ अच्छा करें तो हम आपकी तारीफ करें, हम कुछ अच्छा करें तो आप हमारी तारीफ करें। 

केजरीवाल सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा किए काम का क्रेडिट लेने के लिए  उप राज्यपाल विनय सक्सेना निरीक्षण करने पहुंच जा रहे हैं और एक लंबी चौड़ी प्रेस रिलीज जारी करके ऐसा दर्शाते हैं कि यह काम उनके माध्यम से किया जा रहा है। जब एक रिपोर्टर ने  एलजी  से सवाल किया कि यह काम तो दिल्ली सरकार का है तो उसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर कोई मंत्री हमारे काम का क्रेडिट लेना चाहे तो ले ले, हैरानी की बात यह है कि यह एलजी  का काम कैसे हो सकता है। हमारा और हमारे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बड़प्पन है कि दिल्ली सरकार के जल बोर्ड के जो काम हो रहे हैं उस पर एलजी घूमने जा रहे हैं। हमने पर्यटक समझ कर चलने दी, कि दिल्ली देख रहे हैं देख लें। दिल्ली देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के 2017 से जो काम चल रहे हैं, जिसको लेकर अलग-अलग समय पर हमारे मंत्री ट्वीट करते रहे और अखबारों में छपता रहा है। उन्होंने कहा कि एलजी का यह कहना बहुत अजीब बात है कि डिग्री पैसे खर्च करने की रसीद है, क्योंकि पढ़ाई और डिग्री बहुत जरूरी है। अगर आईआईटी की डिग्री है तो वह बहुत फक्र की बात है क्योंकि एक इंजीनियर, आर्किटेक्ट और साइंटिस्ट ही इस चीज का शोध कर सकता है कि किसी नदी या नाले पर क्या टेक्नोलॉजी बनाई जाए और उस टेक्नोलॉजी के रिजल्ट देखकर और वह बता सकता है कि यह टेक्नोलॉजी किन किन जगह लगाया जा सकता है। यह एक आईआईटी वैज्ञानिक और इंजीनियर का ही दिमाग चल सकता है। इसलिए जब देश आजाद हुआ तो देश के अंदर आईआईटी बनाए गए। पूरी दुनिया में आज आईआईटी का नाम है। कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के बारे में एक आईआईटियन मुख्यमंत्री ने कुछ विजन तय किया। उसके ऊपर सोचकर यमुना को साफ करने के लिए कुछ टेक्नोलॉजी तकनीकी तैयार किया, कि यमुना को अगर साफ करना है तो यमुना में जो नाले गिर रहे हैं पहले उनको साफ करना पड़ेगा। जिसमें नजफगढ़ का नाला, शाहदरा का नाला और सप्लीमेंट्री ड्रेन गिर रही है। उन नालों के पानी को साफ करना पड़ेगा। ताकि यमुना गंदी और प्रदूषित ना हो। इसकी शुरुआत 2017 में हुई। सबसे पहले हमने घोगा ड्रेन को ट्रीट किया, तब केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने अन्य राज्यों को दिल्ली से सीखने के लिए एक लेटर जारी कर सिफारिश की। इसका प्रूफ सी पी एच ओ का यह लेटर है। जो हरदीप पुरी  का डिपार्टमेंट है। उन्होंने कहा कि उस समय एलजी  को यह भी नहीं पता होगा कि दिल्ली के अंदर कितने विधायक चुने जाते होंगे।जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2017 में ही राजोकरी ड्रेन का ट्रीटमेंट हुआ जो साउथ में है इसके लिए केंद्र सरकार से दिल्ली सरकार को अवार्ड मिला। 2019 में शाहदरा ड्रेन पर पायलट किया गया जो सभी अखबारों में छपा कि शाहदरा ड्रेन का पायलट प्रोजेक्ट सक्सेसफुल सफल हुआ। उस समय एलजी को यह भी नहीं पता होगा कि शाहदरा दिल्ली विधानसभा के स्पीकर साहब की विधानसभा क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि काम दिल्ली सरकार और उसके डिपार्टमेंट कर रहे हैं लेकिन वहां एलजी जाकर अपना ढोल बजा रहे हैं। जबकि एलजी दिल्ली सरकार के बजट का एक भी रुपया खर्च नहीं कर सकते हैं, क्योंकि संविधान ने उन्हें वह शक्ति ही नहीं दी है। हमने दिल्ली सरकार के बजट में नालों की सफाई के लिए इतना पैसा आवंटित किया तब डिपार्टमेंट के पास बजट एलोकेशन आया तब प्रोजेक्ट बना फिर प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ लेकिन एलजी  मीडिया को ले जाते हैं और बोलते हैं कि यह काम मैंने करा दिया। जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह हमारे मुख्यमंत्री का बड़प्पन था कि अब तक वह आपको कुछ नहीं कह रहे थे लेकिन आज एलजी ने यह कह दिया कि आईआईटी की डिग्री की कोई जरूरत नहीं है डिग्री तो पैसे खर्च की रसीद है। उन्होंने कहा कि एलजी साहब के कितने सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी बिना डिग्री के हैं। वह डिग्री वाले क्यों रखे हुए हैं, सड़क पर चलते हुए बिना डिग्री वाले लोगों को रख ले। उन्हें अपना सेक्रेटरी तो डिग्री वाला चाहिए। जिस डॉक्टर से इलाज करवाना है वह डिग्री वाला चाहिए और कहते हैं कि मुख्यमंत्री को बिना डिग्री वाला भी चलेगा, प्रधानमंत्री बिना डिग्री वाला चलेगा या तो कमाल की बात है।कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज एलजी जिस टेक्नोलॉजी को दिखाने मीडिया को लेकर गए वह सप्लीमेंट्री ड्रेन 2021 का है। उस तकनीक को इसीटू ट्रीटमेंट कहते हैं। उसके अंदर एयरेटर लगाए जाते हैं ताकि हवा से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाई जा सके ।उसमें फ्लोटिंग वेटलैंड बनाई जाती है ताकि यह जो तैरती हुई प्लांटेशन है , वह इस पानी को साफ कर सके। उन्होंने तत्कालीन वाटर मिनिस्टर सत्येंद्र जैन के ट्विटर हैंडल का ट्वीट दिखाते हुए कहा कि यह जो ट्वीट मैं आप लोगों को दिखा रहा हूं। यह 2021 के ट्वीट है। इसमें वही टेक्नोलॉजी के बारे में सत्येंद्र जैन बता रहे है। इसके अलावा भी दिल्ली विधानसभा के अंदर कई विधायकों ने प्रश्न लगाएं कि यह जो एलजी नाले नाले घूम रहे हैं। वह काम एलजी ने करवाए हैं, या सरकार ने करवाया है? यह काम पहली बार कब शुरू हुआ या काम कब किया गया। इस काम को करने का रिजल्ट क्या आया। यह सारे के सारे सवाल विधायकों ने विधानसभा में लगाएं।जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह वही आईआईटी से पढ़े हुए मुख्यमंत्री हैं जिनका काम का क्रेडिट लेने एलजी नाला नाला घूम रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नवंबर 2021 में अपना 6 पॉइंट प्लान यमुना का बता रहे हैं जो हूबहू वही बात बताते हैं जो बार-बार एलजी  नाले पर खड़े होकर बता रहे हैं। जिसमें अरविंद केजरीवाल साफ-साफ अपने शब्दों में बता रहे हैं कि हम जो यमुना में गिरने वाले नाले हैं उनका इन सीटू ट्रीटमेंट करेंगे। मार्च 2022  मनीष सिसोदिया  की बजट स्पीच में इसके बारे में बताया है और एलजी ब के एलजी बनने से 3 महीने पहले सरकार ने 705 करोड़ रुपया इस काम के लिए दिए हैं। उन्होंने कहा कि एलजी  का जो पद है ऐसे पद पर उनको इस तरह की हरकत करना बिल्कुल शोभा नहीं देती। एलजी को तो यह कहना चाहिए कि यह आईआईटी से पढ़े हुए इंजीनियर अरविंद केजरीवाल  का काम और विजन है और उनके द्वारा बजट का एलोकेशन है। मैं एलजी के तौर पर यहां आया हूं मैं इसकी तारीफ करता हूं। लेकिन इसके बजाय आपने एक बार भी अपने प्रेस रिलीज में यह बात नहीं कहीं कि यह पैसा दिल्ली सरकार ने एलोकेट किया है। इससे अफसरों, डिपार्टमेंट और वैज्ञानिक का मनोबल टूटता है। जिन्होंने यह काम किया है। 

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