अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
कांग्रेस महासचिव व प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियों! आज दो बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर हम आपके बीच उपस्थित हैं, पर उससे पहले मैं आप सबको, आपके परिवार को, आपके सब दर्शकों एवं पाठकों को नव वर्ष की शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि नया वर्ष आपके लिए नई खुशी, सुख-समृद्धि और अच्छी सेहत लेकर आए और ओमीक्रॉन वायरस के चारों ओर फैलाव के इस वक्त में मैं आपकी अच्छी सेहत की भी शुभकामनाएं आपको देता हूं।
आज हम दो बड़े महत्वपूर्ण मुद्दे लेकर आपके बीच में उपस्थित हैं।
भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नियुक्त किए गए राज्यपाल, सत्यपाल मलिक जी और प्रधानमंत्री मोदी जी की जो बातचीत हुई, जिसका खुलासा सामने आया है, उसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। प्रधानमंत्री के अहंकार का, प्रधानमंत्री की किसान विरोधी मानसिकता का, प्रधानमंत्री की किसान और अन्नदाता विरोधी सोच का इससे बड़ा जीता – जागता ज्वलंत सबूत कोई नहीं हो सकता।
मोदी जी को अब सामने आकर बताना चाहिए कि क्या उन्होंने गवर्नर सत्यपाल मलिक जी को देश के अन्नदाता किसान को अपमानित करते हुए अहंकारी तरीके से यहाँ तक कह डाला कि अगर किसान मरे हैं, तो क्या ये भाजपा या मोदी के लिए मरे हैं। देश के अन्नदाता किसान दिल्ली की सीमा पर न्याय की गुहार लगाते हुए दम तोड़ रहे थे और मोदी जी चंद पूंजीपतियों की दुकान चलाने की बिसात बिछा रहे थे।ऐसा अहंकार, ऐसी किसान विरोधी सोच और ऐसा किसान विरोधी रवैया, जो नरेन्द्र मोदी जी और अमित शाह जी का सामने आया है, ये शायद इस देश के 75 वर्ष के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री का नहीं आया।हमारी ये मांग है इस देश के 62 करोड़ अन्नदाताओं की ओर से कि प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, दोनों सामने आकर देश के अन्नदाता किसानों से माफी मांगे बगैर शर्त और ये बताएं कि किस तारीख तक जो हमारे 700 किसान शहीद हुए उनके परिवारजनों को मुआवजा, परिवारजनों को एक-एक सरकारी नौकरी, जो झूठे मुकदमें उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक दर्ज हुए हैं, उनकी वापसी और एमएसपी की कमेटी का जो वायदा किया था, जिसका गठन भी नहीं हुआ, वो एमएसपी की कमेटी का गठन कब तक होकर, कितने दिनों में वो रिपोर्ट सामने आएगी, ताकि किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य का एक गारंटीशुदा आर्किटेक्चर मिल सके। हमारी ये मांग है कि कमेटी अगले 24 घंटे में पूर्णतया गठित हो और 30 दिन के अंदर उसकी रिपोर्ट आए। दुर्भाग्य है देश का कि जब देश के प्रधानमंत्री ही इस प्रकार का असंवेदन शील, इस प्रकार की किसान विरोधी मानसिकता का परिचय देंगे और पूंजीपतियों के नुमाइंदे के तौर पर काम करेंगे, खेत और खलिहान को बेचने के लिए षड़यंत्र में शामिल मिलेंगे , जैसा गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा है, तो इस देश की खाद्य सुरक्षा की रक्षा कौन करेगा और मोदी जी, वो किसान आपके लिए नहीं मरे, वो ना भाजपा के लिए मरे, वो किसान जिन्होंने अपने जीवन की आहुति दी, वो दी देश की खाद्य सुरक्षा के लिए। उन्होंने जीवन की आहुति दी देश के 140 करोड़ देशवासियों के लिए। उन्होंने जीवन की आहुति दी न्याय और अधिकार के लिए और अगर कोई प्रधानमंत्री इसका अपमान करेगा, तो वो पाप का भागीदार भी होगा और उन्हें फौरन बगैर देरी के माफी मांगनी चाहिए। दूसरा एक और महत्वपूर्ण पहलू, जिसमें देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को झकझोर कर रख दिया,एक और सामने आया है। हमारा ये कहना और मैं बड़ी जिम्मेदारी से कहता हूं कि मोदी सरकार देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है। मोदी सरकार देश की अखंडता से, सम्प्रभुता से खिलवाड़ कर रही है। मोदी सरकार एक ऐसे नेतृत्व से ग्रस्त है, जो नेतृत्व कमजोर है। हां, मैं जिम्मेदारी से कहता हूं कि देश के प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी जी एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं। हमने देखा किस प्रकार से नए साल में गलवान घाटी के अंदर चीन ने दुस्साहस कर दिया कि वहाँ पर चीन का झंडा फहराया जाएगा। वहाँ पर ये चीनी भाषा में लिखा जाएगा कि एक इंच जमीन नहीं देंगे। क्या ये सही नहीं कि अगर गलवान घाटी पर कोई झंडा फहराया जाएगा और फहराया जाना चाहिए, तो वो सिर्फ भारत माता का तिरंगा है, और कोई नहीं? चीन ने दुस्साहस से डेपसांग प्लेन्स में वाई जंक्शन तक कब्जा कर रखा है। चीन ने दुस्साहस से भारत की सरजमीं पर गोगरा और हॉट स्प्रिंग में कब्जा कर रखा है। चीन ने दुस्साहस से अरुणाचल में हमारी सरजमीं पर एक गांव बसा रखा है और चीन ने ये दुस्साहस भी किया कि उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के हमारे हिस्सों के नाम बदल दिए और अब ये दुस्साहस भी कि गलवान घाटी पर वहाँ पर वो चीन का झंडा फहराएंगे!देश के प्रधानमंत्री कहाँ गुम हैं? मोदी जी आप मौन क्यों हैं? आप चीन का शब्द कहने से डरते क्यों हैं? चीन से घबराते क्यों हैं? चीन ने भारत की सरजमीं पर जो कब्जा कर रखा है, वो कब्जा कब छुडवाएंगे और चीन को लाल आंख दिखाकर कब जवाब देंगे? चीन की आँख में आँख डालकर कब बात करेंगे? देश ये जानना चाहता है। देश को राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाली मोदी सरकार नहीं चाहिए। देश की संप्रभुता और टेरिटोरियल इंटीग्रिटी से कॉम्प्रोमाइज करने वाली सरकार नहीं चाहिए, ऐसी सरकार चाहिए जो भारत मां की सरजमीं से चीन के कब्जे को खदेड़ कर दिखाए और मोदी जी आज देश की ये मांग है, 140 करोड़ देशवासियों की मांग है कि सामने आइए, जवाब दीजिए और लाल आंख दिखाकर और आँख में आँख डालकर चीन के इस दुस्साहस का कठोर और कड़ा जवाब दीजिए और उनको भारत की सरजमीं से खदेड़ कर दिखाइए। यही राष्ट्रनीति है और यही देशनीति भी है।