अजीत सिन्हा। नई दिल्ली
राहुल गांधी और शरद यादव ने आज नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित किया।
एक प्रश्न पर कि आज आप शरद यादव जी से मिले, आपकी क्या बात हुई? राहुल गांधी ने कहा कि मेरे गुरु हैं, इसलिए मेरे गुरु से मिलने आया था। बहुत सीखा हूं मैं शरद यादव जी से, बहुत अच्छे लगते हैं मुझे।शरद यादव ने कहा कि आज राहुल जी आए हैं यहाँ। मुझे बहुत ही, यानी अपार हर्ष हो रहा है और कई तरह की कठिनाई थी, वो मैंने भी उनको बताई। पर दूसरी तरह देश के मामले में मैने चिंता की और हम लोगों ने, मैंने उनको बताया कि आज जो है वीकर सेक्शन जो हैं, उसको पकड़ना जरुरी है और उसमें सब लोग हैं। और मैं सोचता हूँ कि उनको मैं सीख नहीं दे सकता, इतना सा ही सुझाव मैंने दिया कि जो कमजोर तबके के लोग हैं, जो कांग्रेस के पास थे, फिर से उन्हीं पर काम करके उन्हें वापस लाया जा सकता है और मैं कहूंगा कि जो काम है वो दिल से राहुल जी कर सकते हैं इन वर्गों के लिए दिल से। अब जब मान लो मेरे लिए इतनी ममता इनको है कि कोई नेता देश में नहीं है, जिसको इतनी मोहब्बत मेरे प्रति रही हो।
एक प्रश्न पर कि राहुल जी ने कहा कि आप उनके राजनीतिक गुरु हैं, क्या आप चाहेंगे कि अब राहुल जी कांग्रस की बागडोर संभाल लें? शरद यादव ने कहा कि क्यों नहीं, ये जो कांग्रेस पार्टी जो है, उसको कोई सबसे ज्यादा 24 घंटे चलाता है, वो राहुल जी चलाते हैं और मैं सोचता हूं उनको अध्यक्ष बनना चाहिए, अध्यक्ष बनाना चाहिए कांग्रेस पार्टी को, तभी बड़ा काम होगा। एक प्रश्न पर राहुल गांधी ने कहा कि आज जो शरद यादव जी ने कहा, उससे मैं सहमत हूं कि देश की हालत बहुत खराब है, नफरत फैलाई जा रही है और देश को बांटा जा रहा है और ये हम सबके सामने ये लड़ाई है। देश को हमें एक साथ लाना है, एक बार फिर भाईचारा, जो हमारा इतिहास है, जो हमारी हिस्ट्री है, उस पथ पर फिर से चलना है। मगर मैं फिर से दोहराना चाहता हूं कि शरद यादव जी बीमार हुए, काफी लंबे समय से बीमार थे और मैं बहुत खुश हूं कि फाइटिंग फिट हैं और देखिए मुस्करा रहे हैं तो ये मुझे बहुत अच्छा लगा और इन्होंने मुझे राजनीति के बारे में बहुत सिखाया। मेरी एक बात, इनके साथ मैं गाड़ी में बैठा, हमारा शायद आंध्रा में प्रोग्राम था। तो उसके बाद मैं 3 घंटे गाड़ी में शरद यादव जी के साथ था। शरद यादव जी ने जो मुझे 3 घंटे में बताया हिंदुस्तान की राजनीति के बारे में, वो मैं कभी भूल ही नहीं सकता। तो इस प्रकार से थोड़ा सा कर्ज है।
महंगाई से जुड़े एक अन्य प्रश्न पर श्री राहुल गांधी ने कहा कि लोग सोचते हैं कि इकॉनोमी जो होती है, महंगाई जो होती है, वो समाज की कंडीशन से अलग होती है। जिस देश में हार्मोनी नहीं होती है, शांति नहीं होती है, उस देश में महंगाई बढ़ेगी, उस देश में नफरत बढ़ेगी, इकोनॉमी चल ही नहीं सकती है, रोजगार मिल ही नहीं सकता है। अगर देश को मजबूत बनाना है, तो सबसे जरुरी चीज शांति, हार्मोनी ये है। बीजेपी के लोग सोचते हैं कि नफरत फैला कर, लोगों को डरा कर, लोगों को मार कर इंडिया की, हिंदुस्तान की इकोनॉमी को स्ट्रैंथन किया जा सकता है। गलतफहमी में है। एक अन्य प्रश्न पर कि अभी प्रधानमंत्री मोदी जी की बैठक से खबर बाहर निकली है कि जो हालात मौजूदा वक्त में देश के हैं, वो हालात श्रीलंका जैसे होते जा रहे हैं? राहुल गांधी ने कहा कि मैं आपको बता देता हूं कि आप हिंदुस्तान की जो आर्थिक सिचुएशन है, रोजगार की सिचुएशन है, उसको आप अभी इमेजिन ही नहीं कर सकते हैं। जो आने वाला है, वो आपने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखा है, क्योंकि इस देश का जो रोजगार का स्ट्रक्चर है, जो रीढ़ की हड्डी है, वो टूट गई है। जो स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस हैं, छोटे दुकान चलाते हैं, इनफॉर्मल सेक्टर जो था, ये हमारी रीढ़ की हड्डी हैं। बड़े-बड़े इकोनॉमिस्ट सोचते हैं, ब्यूरोक्रेट्स सोचते हैं कि इसका कोई मतलब ही नहीं है। वो दूसरे देशों को देखकर अपना प्लान बनाते हैं। पहले प्रधानमंत्री के माइंड में है कि भैया, देखो साउथ कोरिया ने क्या किया, हमें भी करना चाहिए। वो बाहर देखते हैं फिर कहते है कि हां, हमें वैसा बनना है, राइट। उस प्रकार से काम नहीं हो सकता। हमें सबसे पहले ये पहचानना है कि हम हैं क्या और यहाँ क्या चलता है। तो ये रीढ़ की हड्डी जो इन्होंने तोड़ी है, इसका रिजल्ट अगले दो,तीन,चार साल में आएगा और भयंकर रिजल्ट आएगा।
एक अन्य प्रश्न पर कि राष्ट्रपति का चुनाव नजदीक है, विपक्षी पार्टियों की इतनी संख्या नहीं हैं, कहा जा रहा है कि विपक्षी पार्टी एक साथ एक उम्मीदवार खड़ा करेगी? श्री राहुल गांधी ने कहा कि इस पर अभी मैं कोई कमेंट नहीं करुंगा। इसमें जाना नहीं चाहता हूं।
एक अन्य प्रश्न पर महंगाई पर पूरा विपक्ष पूरे सत्र से संसद में चर्चा मांग रहा था, लेकिन दो दिन पहले ही सदन को स्थगित कर दिया गया, सत्तापक्ष डर कर भाग गया? राहुल गांधी ने कहा कि देखिए डर कर भाग गई। देखिए, रियलिटी से कोई नहीं बच सकता। मॉडर्न पॉलिटिक्स में रियलिटी से टेम्पोरेरली बचने का तरीका मीडिया है। मीडिया को आप 6 महीने, एक साल, दो साल, तीन साल मीडिया के द्वारा आप सच्चाई को दबा सकते हैं, छुपा सकते हैं, मगर जब वो सच्चाई युवा के पेट तक पहुंचती है, युवा के माता-पिता के पेट तक पहुंचती है, तो फिर मीडिया उसको नहीं संभाल पाता है। पिछले दो-तीन साल मीडिया ने सच्चाई को छुपाया है, हमारे इंस्टीट्यूशन ने, मीडिया ने, बीजेपी के नेताओं ने, आरएसएस ने सच्चाई को छुपा कर रखा है। अब आहिस्ता-आहिस्ता सच्चाई बाहर निकलेगी। वही हुआ है श्रीलंका में। श्रीलंका में सच्चाई बाहर आ गई है। हिंदुस्तान में सच्चाई बाहर आएगी। फर्क क्या है, हिंदुस्तान को बांटा भी गया है। हिंदुस्तान में अलग-अलग ग्रुप्स बना दिए हैं। पहले एक देश हुआ करता था, अब अलग-अलग, देश के अंदर अलग-अलग देश बना दिए हैं। इन लोगों का देश दूसरा है, इन लोगों का देश तीसरा है इन लोगों का देश और इन सबको एक-दूसरे से लड़ाया जाता है। तो जब ये दर्द आएगा, तो हिंसा आएगी। अभी मत मानो मेरी बात, अभी मत मानो, दो- तीन साल रुक जाओ।
एक अन्य प्रश्न पर कि सत्ता पक्ष ये कह रहा है कि इलेक्ट्रोरल मेंडेट ही नहीं है विपक्ष के साथ, राहुल गांधी ने कहा कि – Because, there is 100% total domination of the instruments of communication of this country. Media is 100% controlled. CBI, ED, these institutions suppress the conversation, other institutions blocked the conversation. लाउड स्पीकर सरकार के हाथ में है। पहले क्या होता था लाउड स्पीकर सरकार के हाथ में होता था, अपोजीशन के हाथ में भी होता था। कभी समाजवादी के पास चला जाता था, कभी कांग्रेस के पास चला जाता था, कभी बीजेपी के पास, बीएसपी के पास। अब क्या है – अब लाउड स्पीकर किसी पार्टी के पास नहीं है, अब लाउड स्पीकर आरएसएस और बीजेपी के हाथ में है। तो जवाब क्या है? जवाब ये है कि इस कंट्रोल को बायपास कैसे किया जाए और आप देखना जब सच्चाई लोगों के पेट में लगेगी, तो ये आपका जो एम्प्लिफायर है, लाउड स्पीकर है, ये फेल हो जाएगा।
एक अन्य प्रश्न पर कि 2024 का लोकसभा चुनाव दूर नहीं है, क्या विपक्ष की एकजुटता के लिए कोई प्लान है? राहुल गांधी ने कहा कि बिल्कुल विपक्ष को, जो भी आरएसएस और नरेन्द्र मोदी जी के खिलाफ हैं, उन सबको एक साथ आना चाहिए और किस प्रकार आना चाहिए, क्या फ्रेम वर्क होना चाहिए, इस पर चर्चा हो रही है और इसको डेवलप करने की जरुरत है।