अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा : एक बेबस माँ ने अपनी 18 साल की बेटी के इलाज के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है। मां का कहना है कि उसकी बेटी का इलाज ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है, जहाँ वह 50 दिनों से भर्ती है। इलाज के लिए अब तक कर्ज लेकर, ज्वैलरी बेचकर और जमीन को गिरवी रखकर लेकर लगभग 20 लाख रुपए इलाज के दे चुके हैं। आगे के इलाज के लिए उनके पास रुपए नहीं है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मदद मांगते हुए कहा है कि उनकी बेटी का इलाज सरकार की तरफ से कराया जाए या सरकार उसके इलाज में कोई छूट करा दे। वरना उनकी बेटी का बचना मुश्किल है।
अस्पताल में अपनी बेटी माही के साथ खडी सोनू बताती है कि 6 जून को बुलंदशहर में 18 साल की उनकी बेटी माही का स्कूल जाते समय एक्सीडेंट हो गया था। हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गई। उस को बुलंदशहर के प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर उसे ग्रेटर नोएडा रेफर कर दिया गया। परिजनों ने माही को ग्रेटर नोएडा के यथार्थ हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया।
माही के परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल प्रशासन ने आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से इनकार कर दिया। एक तरफ बेटी वेंटिलेटर पर थी तो वहीं दूसरी तरफ आयुष्मान कार्ड नहीं चल रहा था। माही के ड्राइवर पिता ने कर्ज लेकर और पत्नी की ज्वैलरी और जमीन को गिरवी रखकर रुपयों का इंतजाम किया। इसके बाद डॉक्टरों ने माही की सर्जरी की, लेकिन अभी उसकी हालत ठीक नहीं है। माही की मां सोनू ने बताया कि उनके पास अब खाने के भी पैसे नहीं हैं।
बेटी अभी तक ठीक नहीं हुई है। 20 लाख रुपए अस्पताल में जमा करा चुके हैं। इलाज चल रहा है और पैसे भी जमा कराने हैं। अस्पताल वाले बेटी को घर ले जाने की बात कह रहे हैं।माही के पिता ने सिकंदराबाद विधायक और पूर्व मंत्री से बेटी के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मांग की है कि उनकी बेटी का इलाज सरकार की तरफ से कराया जाए या सरकार उसके इलाज में कोई छूट करा दे। वरना उनकी बेटी का बचना मुश्किल है।
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