Athrav – Online News Portal
दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए भावुक -लाइव वीडियो सुने। 

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
राहुल गांधी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- खरगे जी, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सब मेम्बर्स, पीसीसी प्रेसिडेंट्स, सीएलपी लीडर्स, चीफ़ मिनिस्टर्स, स्टेज पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, भाईयों और बहनों, प्रेस के हमारे मित्रों… आप सबका यहाँ बहुत-बहुत स्वागत, नमस्कार। मैं जानता हूं कि आप सुबह से यहाँ बैठे हो, दिल्ली में फॉग (fog) के कारण हमारी फ्लाइट, खरगे जी की फ्लाइट डिले हो गई, इसलिए हम समय पर नहीं आ पाए, आप सबको कष्ट हुआ… इसके लिए मैं आप सबसे शुरुआत में ही माफी मांगना चाहता हूं। 29 जून को मैं मणिपुर आया था और उस विजिट में जो मैंने देखा, जो मैंने सुना… मैंने पहले कभी नहीं देखा था, नहीं सुना था। 2004 से मैं राजनीति में हूं, पहली बार मैं हिंदुस्तान के एक प्रदेश में गया, जहाँ गवर्नेंस का पूरा का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर कोलेप्स (collapse) कर गया था। जिसको हम मणिपुर कहते थे, 29 जून के बाद वो मणिपुर रहा ही नहीं…. बंट गया, कोने-कोने में नफ़रत फैली,लाखों लोगों को नुकसान हुआ, भाई-बहन, माता-पिता आंखों के सामने मरे और आज तक हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री मणिपुर में आपके आंसू पोंछने, आपसे गले लगने, आपका हाथ पकड़ने नहीं आए…शर्म की बात है। शायद नरेंद्र मोदी जी के लिए, बीजेपी और आरएसएस के लिए मणिपुर हिंदुस्तान का भाग ही नहीं है। आपका जो दुख है, आपका दर्द है… वो उनका दुख, उनका दर्द नहीं है। पिछले साल हमने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की। कन्याकुमारी से कश्मीर तक हम चले… 4,000 किलोमीटर चले और भारत को जोड़ने की हमने बात की, नफ़रत मिटाने की बात की। एक धर्म को, एक जाति को दूसरी जाति से मिलाने की बात की और बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला। लाखों लोगों से बातचीत की, उनका दर्द सुना। मुश्किल था, मगर बहुत अच्छा लगा। लोगों ने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा की है तो फिर ईस्ट से वेस्ट भी यात्रा होनी चाहिए और मैं चाहता था कि जैसे हमने पैदल यात्रा की कन्याकुमारी से कश्मीर, वैसे ही हम ईस्ट से वेस्ट पैदल यात्रा करें। मगर चुनाव का समय है और उसमें हमें थोड़ा ज्यादा समय लगता, इसलिए कांग्रेस पार्टी ने… हमने निर्णय लिया कि ये बस यात्रा होगी, हाइब्रिड (hybrid) यात्रा होगी…. बस यात्रा होगी,
पैदल यात्रा होगी। सवाल उठा कि ये यात्रा शुरू कहाँ से होनी चाहिए। कुछ लोग कह रहे थे कि वेस्ट से शुरू होनी चाहिए, कोई कह रहे थे ईस्ट से शुरू होनी चाहिए और मैंने साफ़ कहा कि अगली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सिर्फ़ मणिपुर से शुरू हो सकती है और कहीं से शुरू नहीं हो सकती है। बीजेपी की जो राजनीति है… बीजेपी की नफ़रत, आरएसएस की नफ़रत, उनका जो दृष्टिकोण है… उस विचारधारा का मणिपुर एक चिन्ह है।

मल्लिकार्जुन मल्लिकार्जुन खरगे ने विशाल जनसमूह को संबोध‍ित करते हुए कहा – मंच पर पधारे हुए और ‘भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा’ के हमारे प्रमुख नेता और जो यात्रा बहुत दूर तक चलने वाली है और उसको चलाने वाले हमारे नेता राहुल गांधी जी और इस मंच पर बैठे हुए हमारी पार्टी के सभी नेतागण, चीफ़ मिनिस्‍टर्स, वर्किंग कमेटी के मेंबर्स, पीसीसी के प्रेसिडेंट्स, सीएलपी के लीडर्स, घटकों के अध्‍यक्ष और सभी गणमान्‍य व्‍यक्तियों और मीडिया के मेरे दोस्‍तों… मैं ज्‍यादा वक्‍त नहीं लूंगा, आपको राहुल संबोध‍ित करेंगे, इस ‘भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा’ का क्‍या उद्देश्‍य है, किसलिए हम कर रहे हैं और इससे देश का क्‍या फायदा होगा और हमारे युवाओं को…उनमें एक शक्ति भरने के लिए वो अपनी बात आपके सामने रखेंगे। अभी-अभी राहुल गांधी हमारे शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करके यहां आए हैं और थोड़ी फ्लाईट की दिक्‍कत होने की वजह से मैं थोड़ी देर से आया, आपको भी तकलीफ़ हुई… इसीलिए मैं आप सबसे क्षमा चाहता हूं। भाईयों, When Pandit Jawaharlal Nehru first visited Manipur, he described Manipur as the jewel of India. ये एक अलंकार है और मणिपुर के बारे में उन्‍होंने जो कहा, वही बात इंदिरा गांधी ने कही, वही बात राजीव गांधी जी ने कही और इन सारे स्‍टेट को…आज जो 8 स्‍टेट हैं, इन सबको अगर किसी ने राज्‍य बनाया है और किसी को कुछ मदद की है तो वो पंडित जवाहरलाल नेहरू जी, इंदिरा गांधी जी और राजीव गांधी जी ने इसको स्‍टेट के रूप में दिया और आज आप सभी लोग हर स्‍टेट के इसमें हैं। तो इसीलिए ये मणिपुर एक ऐसी भूमि है, जो देश की आजादी के लिए लड़ी, हालांकि ये प्रिंसली स्‍टेट… 1949 में इसको आजादी मिली क्‍योंकि यहां के राजा खुद दो साल तक लड़ते रहे, फिर बाद में ये भारत में विलीन हुआ और यहां के जो लोग हैं, वो लड़ाकू हैं, बहादुर हैं और देश की एकता में हमेशा अपना हाथ जुटाते आए हैं… इसलिए मैं आप सबको धन्‍यवाद देता हूं। अब राहुल का प्रोग्राम ऐसा है कि पहले तो कन्‍याकुमारी से कश्‍मीर तक था, हजारों किलोमीटर वो पैदल चले… ग़रीबों से मिले, महिलाओं से मिले, बच्‍चों से मिले, जर्नल‍िस्‍ट से मिले, किसानों से मिले, छोटे-मोटे व्‍यापारियों से मिले, सबसे मिले और चलते-चलते कश्‍मीर तक पहुंचे। आज फिर इंफाल से मुंबई तक वो अपनी दूसरी यात्रा शुरू कर रहे हैं। इसीलिए आप सभी लोगों को उनके साथ खड़े होकर, मज़बूती के साथ अपनी ताक़त दिखानी चाहिए और मणिपुर के लोग तो बहादुर लोग हैं, वो उनका पूरा-पूरा साथ देंगे… ये मेरी आशा है। दूसरी बात- देखो हम किनके लिए लड़ रहे हैं, राहुल जी किनके लिए लड़ रहे हैं, कांग्रेस पार्टी किसलिए लड़ रही है…. इसीलिए ये तो हमारा सफ़र लंबा है। मैं एक ही अपनी बात रखूंगा कि इतना पूरा जो उन्‍होंने बीड़ा उठाया है… यहां पर छोटी सी एक शायरी बोलूंगा, जो चंद लोगों को समझ में आएगी और बाकी के लोग भी उसका ट्रांसलेशन होने पर समझ जाएंगे। जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का। फिर देखना फिज़ूल है क़द आसमान का।। तो ये ऊंची उड़ान का जो हौसला उन्‍होंने बनाया है और ये उनका टारगेट है तो वो कभी देखते नहीं कि ये कितनी दूर है, कितनी तकलीफ़ है, बारिश हो सकती है, धूप हो सकती है, ठंड हो सकती है… सब कुछ होगा, लेकिन मैं अपने टारगेट को अचीव करूंगा… यही उनकी एक जिद है और वो आपके लिए, हमारे लिए, देश के लिए है। तो इसीलिए हम सभी को उनको धन्‍यवाद देना चाहिए और हमारे संविधान के चार पिलर्स हैं, जो प्रीऐम्‍बल (preamble) है… संविधान के लिए, उसकी रक्षाके लिए वो लड़ रहे हैं।
Justice, Liberty, Equality and Fraternity… इन चारों चीजों के लिए वो अपना पूरा समय और पूरा जो अपना टारगेट है, उसे वो हासिल कर रहे हैं और दूसरी एक चीज़ – कि यहां से जो जा रहे हैं, कम से कम इसमें 6,500 किलोमीटर वो चलेंगे। वो बस यात्रा में, पैदल… लोगों को मिलते रहेंगे। मैं समझता हूं इतनी बड़ी यात्रा हिन्‍दुस्‍तान में पहले कभी नहीं हुई, आगे भी नहीं होगी… वो आज हो रही है उनके नेतृत्‍व में। दूसरी चीज़ जो है – मणिपुर में मोदी जी आते हैं वोट मांगने के लिए, लेकिन जब यहां के लोग मुसीबत में हैं तो मोदी जी उस वक्‍त इधर मुंह नहीं किए। वो समुद्र के तट पर सैर करते फिरते हैं और कई जगह जप करते बैठते हैं – राम-राम-राम-राम… अरे भाई ‘मुख में राम, बगल में छुरी’ ये मत करो जनता के साथ… यही हम चाहते हैं। सभी को भगवान की याद आती है, भगवान के बारे में सभी लोग आस्‍था रखते हैं… इसमें कोई शक़
नहीं है, लेकिन वोटों के लिए मत करो। वोट मांगने के लिए, वोट पाने के लिए ये सब ढोंगबाजी नहीं करनी चाहिए। लड़ो, खूब लड़ो, उसूलों के लिए लड़ो… हम भी लड़ते हैं हमारे उसूलों के लिए। हमारे पूर्वजों ने… जवाहरलाल नेहरू ने, महात्‍मा गांधी जी ने जो उसूल हमको दिए हैं, उसके लिए हम लड़ते हैं… सेक्‍युलरिज्‍म (secularism) के लिए लड़ते हैं, लिबर्टी के लिए लड़ते हैं, इक्वैलिटी के लिए लड़ते हैं, सोशल जस्टिस के लिए लड़ते हैं, संविधान बचाने के लिए लड़ते हैं… हम लड़ रहे हैं, तुम भी ऐसा करो। सब छोड़कर ये लोग आज अपनी राजनीति में धर्म की मिलावट करके लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं और राहुल जी हमेशा लोगों के साथ हैं, ग़रीबों के साथ हैं। हमने पार्लियामेंट में, विंटर सेशन में संसद में, लोक सभा और राज्‍य सभा में चंद सवाल उठाए लेकिन गवर्नमेंट ने उनके उत्तर नहीं दिए। 146 एमपीज़ को उन्‍होंने सस्‍पेंड किया, ये अनडेमोक्रेटिक है, इसके लिए हम लड़े,लेकिन उन्‍होंने सुना नहीं क्‍योंकि सबको बाहर करके वो पार्लियामेंट चलाना चाहते हैं, सबको बाहर रखकर वो अपना काम करना चाहते हैं, कानून पास कर लेना चाहते हैं। एक डिक्‍टेटर एटीट्यूड (attitude) यहां हमारे देश में चल रहा है। अरे डेमोक्रेसी में हम सब लोग इलेक्‍ट होकर आए हैं, वो भी इलेक्‍ट होकर आए हैं लेकिन डेमोक्रेसी को ख़त्‍म करने की कोशिश वो लोग कर रहे हैं और खासकर कि राहुल जी मणिपुर के लोगों को न्‍याय दिलाना चाहते हैं, वो खुद आए यहां पर, लोगों से मिले लेकिन क्‍या मोदी जी आकर आपसे मिले, आए- (उपस्थित जनसमूह ने कहा- नहीं आए) नहीं आए। अरे वो समुद्र के पास फिरते हैं, समुद्र के अंदर जाते हैं, मणिपुर में नहीं आ सकते?
अब तो जप रहे हैं… करने दो पाप बेचारों को, जितने भी पाप किए हैं, वो धोकर जाने के लिए होने दो लेकिन हमारा जो ये काम है, राहुल जी जो कर रहे हैं… ये मणिपुर के लोगों के हित में, यहां के लोगों को जागृत करने के लिए और दु:ख और दर्द के लिए वो आए और फिर यहीं से अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं। ‘भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा’ इंफाल से, मणिपुर से शुरू हो रही है, ये बहुत बड़ी बात है और इसको सुनकर आपको खुशी होगी कि कम से कम यहां जो लोग आए हैं कि राहुल जी हमारी बात करने के लिए आए हैं… ये आपको महसूस होगा और यहां की जो आवश्‍यकताएं हैं, उसके बारे में भी वो बोलेंगे। यहां के युवाओं को जो रोज़गार नहीं है, यहां के स्‍पोर्ट्सपर्सन को कहीं भी जगह नहीं है और उनकी ट्रेनिंग ख़त्‍म हो रही है, बच्‍चों की पढ़ाई ख़त्‍म हो रही है, इसके बारे में सरकार कुछ नहीं सोच रही है। सेन्‍ट्रल गवर्नमेंट की इसके बारे में कोई उनकी सोच नहीं हैं। बच्‍चों की आधी ट्रेनिंग ख़त्‍म हो गई है, आधी ट्रेनिंग रही है। वो भी आज बहुत बड़ी दु:ख की बात है और हम यहां हमेशा नॉन-वायलेंस, पीस (peace) चाहते हैं। इसीलिए तो हम हमेशा शांति के लिए लड़ते हुए आए और आगे भी शांति से ही देश में लड़ेंगे और एक खास बात है कि जो राज्‍य मिले हैं, 1963 में जो नागालैंड का स्‍टेटहुड मिला, वो नेहरू जी के ज़माने में मिला। 1972 में मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा को पूर्ण राज्‍य का हक़ मिला, वो भी कांग्रेस के ज़माने में और इंदिरा गांधी जी के ज़माने में मिला है। राजीव जी के काल में मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश का उन्‍होंने स्‍टेटहुड दिया। ये सब प्रोजेक्‍ट्स या रेलवे का हो, हेल्‍थ का हो… कोई प्रोजेक्‍ट जो दिया है, वो कांग्रेस ने दिया है। आपके एक्‍स-चीफ़ मिनिस्‍टर यहां बैठे हैं, उन्‍होंने रेलवे के लिए इतना पैसा हमसे मांगा और हमने बहुत से हजारों करोड़ रुपए उनको… यहां का रेलवे प्रोजेक्‍ट कंप्‍लीट करने के लिए हम भेजते रहे,
मनमोहन सिंह जी भी देते रहे लेकिन ये सरकार आने के बाद रेलवे प्रोजेक्‍ट बंद, हेल्‍थ प्रोजेक्‍ट बंद, सिर्फ़ पब्लिसिटी, पब्लिसिटी डिपार्टमेंट खोलना चाहिए, गवर्नमेंट डिपार्टमेंट बंद करना चाहिए, उनको। हमेशा यहां आकर बहुत सी बातें बताते हैं मोदी इलेक्‍शन में, खैर अब तो गायब हैं… उनकी बात को छोड़िए।

Related posts

सुशांत सिंह राजपूत केस के आरोपित संदीप सिंह के तार भाजपा में किससे जुड़े हैं, से जुड़े 10 सवाल पूछे कांग्रेस ने-वीडियो सुने।

Ajit Sinha

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ली मुख्यमंत्रियों व पुलिस महानिदेशकों की बैठक

Ajit Sinha

ओल्ड फरीदाबाद नगर निगम ने आज नहरपार इलाके में आधा दर्जन से अधिक निर्माणधीन दुकानों को बुल्डोजर से किया ध्वस्त-वीडियो देखें

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x