अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज यमुना लिंक (SYL) मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही हरियाणा के हक में फाइनल फैसला दे चुका है। इसलिए हरियाणा सरकार को देश की सर्वोच्च अदालत के आदेशों की अवमानना का केस दाखिल करना चाहिए। हरियाणा अपने हक का एक बूंद भी पानी नहीं छोड़ेगा।
उन्होंने कहा कि अब मीटिंग का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने पहले ही हरियाणा के हक का पानी देने के लिए अंतिम फैसला दे दिया है। केंद्र सरकार तथा पंजाब सरकार को इसका अनुपालन करना है और हरियाणा सरकार को इसके लिए प्रयत्न करना है।
यही मुद्दा लेकर हम मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व राष्ट्रपति तक से मिले थे। हरियाणा के हक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और सर्वदलीय मीटिंग में मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री से समय लेने की बात तय होने के बावजूद सरकार ने कभी प्रदेश को पानी दिलवाने की दिशा में ठोस क़दम आगे नहीं बढ़ाया। SYL मुद्दे पर उन्होंने विधानसभा में भी साफ तौर से कहा था कि हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना का मामला चलाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा बीजेपी सरकार का हरियाणा के हितों के प्रति हमेशा ढुलमुल रवैया रहा है। अगर बीजेपी सच में हरियाणा को पानी दिलवाने को लेकर गंभीर होती तो अब तक प्रदेश को SYL का पानी मिल चुका होता। मौजूदा सरकार ने 8 साल से सत्ता में होने के बावजूद कभी SYL का पानी हरियाणा को दिलवाने की गंभीर कोशिश नहीं की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एसवाईएल को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाए बीजेपी सिर्फ राजनैतिक ड्रामा कर रही है।
कांग्रेस सरकार के दौरान हांसी-बुटाना नहर बनाई गई थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने उसमें पानी लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। इसके विपरीत हमारी सरकार द्वारा बनाई गई दादूपुर नलवी नहर को पाट दिया।
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