अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस प्रवक्ता प्रो गौरव वल्लभ ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की प्रेस वार्ता एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ज्वलंत मुद्दे पर हम कर रहे हैं और मैं प्रेस वार्ता शुरु करूँ, उससे आज की प्रेस वार्ता का एक कन्क्लूडिंग और एक इंक्लूडिंग स्टेटमेंट देना चाहता हूँ। क्योंकि सरकार की चीन के प्रति, भले ही वो सामरिक इशू हों, या वित्तीय इशू हों, या आईटी के इशू हों, उनकी स्ट्रेटजी एक ही है, मिलिट्री स्ट्रेटजी में- न कोई घुसा हुआ था, न कोई घुसा हुआ है; चीनी लोन एप के इशू में- न कोई चीनी ऐप था, न कोई है, पर हमारे देश के 52 लोगों ने उसके कारण खुदकुशी कर ली है और कितना पैसा गया, कैसे गया, उसका विस्तार से विवरण आपके सामने रखूँगा।
आँखें बंद करके आँखे दिखाने की कला जो प्रधानमंत्री ने हासिल की है, वो देश के लिए बन गई है, बला। क्योंकि बातें हुई गुलाबी आँखें, नीली आँखें, काली आँखें, पीली आँखें, लाल आँखें, पर यहां तो आँखें खुल ही नहीं रही हैं।
साथियों, कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहाँ पर मोदी सरकार ने पिछले 8 सालों में कोई ठोस काम किया हो और आज जो मैं लेटेस्ट आंकड़ा आपके सामने लेकर आया हूँ कि पिछले 2 साल में चीनी लोन एप्स ने, जो कि लगभग 1,100 डिजीटल लोन एप्स हैं, आज की तारीख में हिंदुस्तान में, उनमें से, ये मैं नहीं कह रहा, रिजर्व बैंक कह रहा है कि उनमें से 600 इल्लीगल हैं। 1,100 लोन ऐप हैं, वो कैसे काम करते हैं, उनकी मोडस औपरेंडी क्या है, वो मैं आपको बताऊँगा और कैसे वो लोगों को अपने अंदर जकड़ते हैं औऱ क्यों जकड़ते हैं, उसकी मोडस औपरेंडी बताऊँगा पर 1,100 लोन ऐप्स में से रिजर्व बैंक कहता है कि 600 लोन ऐप्स, जो देश में चल रहे हैं, वो इल्लीगल हैं और 2017 से 2020 के बीच इन लोन ऐप्स से डिजीटल ट्रांजेक्शन्स में 12 गुना की वृद्धि हुई है।
12 गुना, मतलब अगर परसेंटेज में देखें, तो increase of 1,200 per cent of digital transaction by these loan apps और 1,100 लोन ऐप्स में से 600 इल्लीगल चल रहे हैं, .ये मैं नहीं रिजर्व बैंक कह रहा है और उनके कारण देश के 52 लोगों ने, ये तो घोषित आंकड़ा है, अब तक खुदकुशी कर ली है, जो ट्रैंड आया है, उसके अनुसार। कोविड के बाद मध्यम आय वर्गीय परिवार और निम्न आय वर्गीय परिवारों को भयंकर चोट लगी है, क्योंकि उनकी नौकरी गई और नौकरी के जाने के साथ-साथ आपने महंगाई का उनके ऊपर और डबल झटका दिया, तो उनके पास रोजमर्रा के खर्चों के लिए पैसा नहीं बचा। तो वो परिवार मध्यम आय वर्गीय परिवार, निम्न आय वर्गीय परिवार इन चीनी लोन ऐप्स के शिकंजे में जकड़ चुके हैं, जो कि 600 लोन ऐप्स इल्लीगल भारत में चल रहे हैं। इनकी मोडस औपरेंडी क्या है, सबसे पहले समझिए- ये फोन है। फोन में आप प्ले स्टोर पर जाकर इन लोन एप्स को इंस्टॉल कर सकते हो, अगर लोन एप प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है, तो आप डायरेक्ट मैसेज कीजिए, वो एप आपके मोबाइल पर इंस्टॉल हो जाएगा, फिर जैसे ही वो इंस्टॉल होता है, वो आपसे मांगता है, आपकी फोन बुक, आपकी फोटो गैलरी और आपके मैसेजेस की एक्सेस, हम लोग जल्दबाजी में, या इतना हमारा ध्यान उसकी तरफ नहीं जाता, हम उसको हमारी फोन बुक, हमारी फोटोज की, हमारे मैसेजेस की एक्सेस दे देते हैं। उसके बाद वो बोलता है, यूजर को कि आप अपना आधार और पैन कार्ड दीजिए, तो हम हमारा पैन कार्ड अपलोड कर देते हैं, उस ऐप के ऊपर। उसके पश्चात वो ऐप 5,000- 4,000- 3,000 रुपए देता है। कितने दिन के लिए- 5 दिन, 6 दिन, 7 दिन के लिए और 5,000 रुपए आप उस ऐप से ले लेते हो तो आप समझ लो, गए, क्योंकि 7 दिन के लोन में वो 5,000 से 10,000 रुपए रकम वापस मांगता है आपसे, डबल। कुछ पैसा वो लोन प्रोसेसिंग का ले लेता है, 2-3 हजार रुपए ब्याज का, 7 दिन का ब्याज के रुप में ले लेता है। आप चलो मान लो उसका भुगतान भी कर देते हो तो वो लोन अपने आप भुगतान के बाद 2-3 हजार आपके बिना मांगे आपके खाते में ट्रांस्फर कर देता है, ताकि आप उस चंगुल से बाहर न निकल सको। मध्यम आय वर्गीय परिवार उस चंगुल से बाहर न निकल सके, बिना मांगे 2-3 हजार ट्रांस्फर हो जाते हैं। अगर ट्रांस्फर नहीं हुए तो जो आपने वापस चुकाया पैसा, वो उसको क्रेडिट नहीं मानता और आपसे पैसा मांगता है, इंट्रैस्ट के रुप में, लेट फीस के रूप में। ये सब होने के बाद अगर जो बोरोअर है, जिसकी नौकरी गई है, जो महंगाई से त्रस्त है, वो अगर पैसा नहीं चुका पाता है, तो आपकी मोरफ्ड (Morphed) फोटोज, वो आपको भेजना चालू करता है। अगर आप उसमें भी कुछ नहीं बोलते हो तो आपके पास चीन से फोन आते हैं, व्हाट्स एप पर कि अगर आप पैसा नहीं चुकाओगे, तो आपकी नग्न तस्वीरें, आपके सारे जो फोनबुक में नंबर्स हैं, सबको हम भेज देंगे। आपकी कुछ ऐसी तस्वीरें, जो हमने आपके फोनबुक से ली हैं, वो आपके सारे मित्रों को दे देंगे। नतीजतन क्या होता है, जिस व्यक्ति ने लोन लिया, वो अपने परिवार सहित खुदकुशी कर लेता है। ये कब से चल रहा है- पिछले ढाई-तीन साल से ये काम चल रहा है, पर प्रधानमंत्री जी की चीन के प्रति एक ही नीति है, कि लाल आँख, पीली आँख, गुलाबी, नीली छोड़ दीजिए, उनकी एक ही नीति है कि आँखें बंद करके आँखें दिखाने की जो उनके पास कला है, वो देश के लिए बला बन चुकी है।
साथियों, बहुत महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा कर रहा हूँ। इन लोन ऐप्स के द्वारा 500 करोड़ रुपए हवाला के जरिए चीन में गए हैं। Rs 500 crore via Hawala has been transferred to China by these loan apps. Everybody is aware, Reserve Bank is saying कि आपके 600 लोन ऐप्स इल्लीगल हैं। लोग परिवार सहित खुदकुशियाँ कर रहे हैं। 52 लोग अब तक खुदकुशी कर चुके हैं। तो पहले महंगाई दो, फिर बेरोजगारी दो और उस बेरोजगारी और महंगाई की समस्या से निपटने के लिए बोलो- जाओ चीनी ऐप से पैसा ले लो औऱ वो चीनी ऐप हिंदुस्तान के नागरिकों का सारा डेटा अपने पास ले रहा है।
इस बावत हमारे तीन सवाल हैं-
1. क्या जांच एजेंसियाँ, जिसमें ईडी, सीबीआई, एसएफआईओ इनका काम सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं को बेमतलब के हैरास करना ही है या इस 500 करोड़ रुपए के हवाला की भी वो जानकारी लेंगे और इसका संज्ञान लेते हुए ये पता लगाएंगे कि कौन-कौन से लोग इसमें लिप्त हैं, जिन्होंने हवाला के जरिए 500 करोड़ रुपए, हिंदुस्तान के रुपए चीन को ट्रांस्फर किए हैं?
2. 52 लोगों की जिंदगी जा चुकी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कह रही है कि 600 लोन ऐप्स इल्लीगल हैं। भारत सरकार किसका इंतजार कर रही है? मैं आईटी मिनिस्टर को दोष नहीं दूंगा, क्योंकि उनके पास न तो कोई राइट है, न ड्यूटी है, वो सिर्फ नाम के हैं, पर प्रधानमंत्री जी आप क्यों नहीं बोलते? 52 लोगों ने खुदकुशी कर ली है, रिजर्व बैंक कह रहा है 600 लोन ऐप्स इल्लीगल हैं। अभी तक वो लोन ऐप्स हिंदुस्तान में कैसे चल रहे हैं। हमारा आईटी प्लेटफॉर्म उनको कैसे मिल रहा है, कैसे लोग दिन ब दिन उसके चंगुल में ज्यादा फंसते चले जा रहे हैं? लोग साइबर क्राइम में शिकायतें कर रहे हैं, तो साइबर क्राइम में मुकदमा दर्ज नहीं हो रहे, क्योंकि वो चीनी ऐप चीन में रजिस्टर्ड हैं। वो कह रहे हैं कि हम किसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करें और देश की सरकार मूकदर्शक बनी हुई बैठी हुई है। मोदी जी ऐसा क्या रिश्ता है आपका शी जिनपिंग के साथ? ऐसा क्या रिश्ता है चीन के लोगों के साथ कि वो तो हमारे देश की भूमि में रेडार बना रहे हैं, परमानेंट स्ट्रक्चर्स बना रहे हैं, न तो आप उधर कुछ देखते हो, न हमारे देश का 500 करोड़ रुपया हवाला के द्वारा चला गया इन लोन ऐप्स के माध्यम से अभी तक, वहाँ ही देख रहे हो। देश के हर व्यक्ति को पता है, रिजर्व बैंक कह रही है कि 600 लोन ऐप्स ही इल्लीगल हैं, तो वो ऑपरेट देश में कैसे कर रहे हैं?
3. बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा उठा रहा हूँ, तीसरे सवाल में साथियों। डिजीटल इंडिया की बात क्या किया करते थे। क्या डिजीटल इंडिया का मतलब ये होता है कि हिंदुस्तान के लोगों का, सिटीजन्स का डेटा एक प्लेट में सजाकर चीन के हवाले कर दो? साथियों, ध्यान रहे, आज के समय जो डेटा है, उसकी वेल्यू करंसी नोट से भी ज्यादा है। आप हिंदुस्तान के लोगों का पर्सनल डेटा चीन को दिए जा रहे हो। ये चीनी ऐप वो लिए जा रहे हैं, लोगों को खुदकुशी करने पर मजबूर किए जा रहे हैं, 400-400 प्रतिशत का ब्याज लिए जा रहे हैं और हमारे देश की सरकार मूकदर्शक बनी हुई बैठी है, ऐसा क्यों?
तो ये तीन सवाल, तीन मुद्दे हमने पूछे।