अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाद्रा ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे साथ एक बार कहिए, हर-हर नर्मदे, नर्मदा मैया की जय! सबसे पहले तो अपनी बहनों का और अपने भाईयों का स्वागत करना चाहती हूं जो इतने समय से, इतनी कड़ी धूप में मेरा इंतजार कर रहे हैं, आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद और इस सभा में आपका स्वागत। जेपी अग्रवाल जी, कमलनाथ जी, दिग्विजय सिंह जी, गोविंद सिंह जी, विवेक तन्खा जी, राजमणि पटेल जी, सुरेश पचौरी जी, कांतिलाल भूरिया जी, अरुण यादव जी, अजय सिंह जी, सत्यनारायण पटेल जी, नीलांशु चतुर्वेदी जी, संजय कपूर जी, जीतू पटवारी जी, जयवर्धन सिंह जी, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई और सारे कांग्रेस के कार्यकर्ता और जितने भी उपस्थित नेतागण हैं, जो मंच पर बैठे हैं, जिनका नाम मैं नहीं ले पाई, उन सबका इस सभा में बहुत-बहुत स्वागत!
यहां आज महाकौशल की पावन और क्रांतिकारी धरती पर खड़े होकर मुझे बहुत गर्व हो रहा है, इस धरती ने क्रांतिदूत शंकर शाह जी और रघुनाथ शाह जी जैसे महापुरुष इस देश को दिए, आदि विद्रोही टंट्या भील जी जैसे क्रांतिकारी पैदा किए, इस धरती ने पंडित द्वारका प्रसाद मिश्र जी, सेठ गोविंद दास जी जैसे महापुरुष हमें दिए, इस धरती को जैसे आपने कहा संस्कारधानी कहा जाता है, यहां ऐसी महिलाएं पैदा हुईं जो सत्य के लिए लड़ीं, क्रांति कारी थीं और जिन्होंने इस धरती को और भी गर्वित किया, रानी दुर्गावती जी, रानी अहिल्याबाई, अवंती बाई लोधी जी, ये उन्हीं की धरती है। आज मेरी बहनें इतनी बड़ी तादाद में यहां आई हैं, तो हम सब उनका आर्शीवाद मांगते हैं और इस धरती ने देश भर में आदिवासी संस्कृति का झंडा बुलंद किया, इसीलिए आज यहां खड़े होकर हम आराध्य बड़ादेव जी को प्रणाम करते हैं और उनका भी आर्शीवाद मांगते हैं।देखिए मध्य प्रदेश सिर्फ भारत का केन्द्र नहीं है, भारत का दिल है, भारत की जान है, ये जो संस्कारधानी धरती आपकी कहलाई जाती है, साहित्य, संस्कृति और हमारी सभ्यता, हमारे संस्कार इसने हमारे देश को दिए हैं, इन्हीं संस्कारों के आधार पर हमारा संविधान बना और ये जो आधुनिक भारत है, इन्हीं संस्कारों के आधार पर आगे बढ़ा। आज जब मैं नर्मदा पूजन करने गई तो मैं सोच रही थी कि यहां इस नर्मदा मैया से, इस धरती से सदियों से शायद हजारों सालों से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है और क्या है ये आस्था, जो हम सबको यहां लाती है, हम सब नर्मदा पूजन करते हैं, हमारे दिलों में वही भावना होती है, जो भावना सदियों पहले उन लोगों में, उनके दिलों में होती होगी जो यहीं पर आकर नर्मदा पूजन करते थे।मैं सोच रही थी कि ये जो आस्था होती है धर्म में, इस तरह की आस्था राजनीति में भी होनी चाहिए, इस तरह की आस्था नेताओं के दिलों में जनता के प्रति, देश-प्रदेश के प्रति होनी चाहिए और जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी, मैं दावे के साथ कह सकती हूं कि उनके दिलों में इस तरह की आस्था थी, सबकुछ न्यौछावर करके कुछ लोगों ने अपना जीवन दान दिया, कुछ लोगों ने जितना भी उनके पास धन था, सब कुछ दान दिया और हमारी स्वतंत्रता की लड़ाई में लड़े, तो वो ये सब इसलिए कर पाए, क्योंकि उनके दिलों में एक आस्था थी भारत के लिए, भारत की जनता के लिए, हमारी स्वतंत्रता के लिए, हमें आगे बढ़ाने के लिए तो आज की राजनीति में वह आस्था क्यों नहीं है?ये कर्मकाण्ड क्यों बन गया है कि चुनाव के समय आकर घोषणाएं हो जाती हैं, तमाम आपको वादे किए जाते हैं, लेकिन उन वादों में जो वादा करता है उसकी खुद की आस्था नहीं है, उसका खुद का विश्वास नहीं होता, करके चले जाता है, चुनाव हो जाता है, चुनाव जीत भी जाते हैं बड़े-बड़े वादे करके, घोषणाएं करके,लेकिन उसके बाद उनको पूरा करने की कोई कोशिश नहीं होती तो आज यहां खड़े होकर,इस संस्कारधानी धरती पर खड़े होकर मैं आपको याद दिलाना चाहती हूं, एक पुरानी राजनीति की जिसमें हमारे नेता जो कहते थे वो करके दिखाते थे, जिसमें हमारे नेता सबकुछ न्यौछावर करके आपके लिए दिन-रात एक करते थे, आपकी सेवा सर्वोपरि होती थी उनके दिल में, उनके दिमाग में और मैं कहना चाहती हूं कि जो आपके साथ पिछले 18 सालों से हो रहा है, वो गलत हो रहा है, क्योंकि आपका इस्तेमाल हो रहा है, शोषण हो रहा है, आपके सामने आकर तरह-तरह के वादे, तरह-तरह की घोषणाएं होती हैं और उनको पूरा नहीं किया जाता, धन-बल को लेकर, धनादेश के बल पर जनादेश को कुचला जाता है।आपको याद है यहां पिछले चुनाव में हमारी सरकार बनी थी, आपने बनाई थी, लेकिन जोड़-तोड़कर, पैसे लगाकर, हर तरह की चीजों को करके भाजपा के नेताओं ने हमारी सरकार तोड़ी और अपनी सरकार बना दी,चलिए भाजपा की सरकार बन गई, कुछ अच्छा करके दिखाते तो कम से कम कुछ फायदा होता आपका, लेकिन मुझे खुद ताज्जुब हुआ आज, मैं अपने नोट पढ़ रही थी यहां आकर भाषण देने के लिए तो मैं पढ़ रही थी कि कितनी बेरोजगारी है कि शिक्षा के कोई संस्थान नहीं खोले, महंगाई कितनी बढ़ गई है और मुझे ताज्जुब हुआ ये पढ़कर कि 3 सालों में इन्होंने मात्र 21 सरकारी नौकरी दी हैं तो मैंने अपने ऑफिस को फोन किया, मैंने कहा ये गलत होगा, सही नहीं हो सकता ये आंकड़ा, इसको चेक करो, क्यों मैं मंच पर बोलूंगी तो गलत चीजें नहीं बोलनी चाहिए मुझे। मैंने 3 बार ये आंकड़ा चेक कराया और 3 बार ये जवाब आया कि ये सही आंकड़ा है कि 3 सालों में मात्र 21 नौकरियां दिलवाई हैं, ये किसकी सरकार है और कैसे चल रही है और आप अगर आज जागरुक नहीं होंगे और आप ये समझेंगे नहीं कि ये जो रिश्वत राज चलाया है इन्होंने,जिसकी वजह से जब आपको कुछ भी चाहिए होता है, चाहे आप नौकरी के लिए जाते हैं, चाहे आप छोटे से छोटे काम कराने के लिए निकलते हैं तो आपको रिश्वत देनी पड़ती है।तो ये जो रिश्वत राज है इनका, जो घोटाला राज है इनका, इसको अगर आप आज बंद नहीं करेंगे तो आपके भविष्य का क्या होगा? ये सवाल आप अपने आप से पूछिए,घोटाले पर घोटाला हो रहा है यहां मध्य प्रदेश में राशन का घोटाला,स्कॉलरशिप का घोटाला, व्यापम घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला, खनन घोटाला, कोरोना घोटाला, बिजली विभाग का घोटाला, ई-टेंडर का घोटाला, टीवी सेट वितरण का घोटाला, कितने सारे घोटाले हैं, इतनी लंबी लिस्ट है घोटालों की कि जो मोदी जी ने जो गालियों वाली लिस्ट निकाली, उससे लंबी तो ये लिस्ट है, इन्होंने नर्मदा मैया को नहीं छोड़ा, खनन करा रहे हैं वहां, महाकाल के कोरिडोर को नहीं छोड़ा, एक पुजारी जी हैं महाकाल के, मेरा उनसे संपर्क है, उन्होंने मुझे वीडियो भेजा कि तेज हवा चल रही है और जितनी ईमारतें इन्होंने बनाई हैं, सारी गिर रही हैं, क्योंकि उसमें भी घोटाला किया, उसमें भी किसी ने पैसे खाए हैं।
तो कहां रुकेंगे ये लोग और जो आपकी संस्कृति है, जो यहां के संस्कार हैं, उनकी आप याद कब दिलाएंगे नेताओं को, ये मैं आपसे पूछना चाहती हूं। 220 महीनों के शासन में 225 घोटाले किए हैं इन्होंने, तकरीबन हर महीने एक नया घोटाला कर रहे हैं, इससे आपके जीवन पर क्या असर पड़ता है, कभी आपने सोचा है। हम सब कहते हैं, टीवी पर देख लेते हैं कि चलो घोटाला हो रहा है, कोई नेता कहीं पर पैसे कमा रहा है, अपना बड़ा-बड़ा महल बना रहा है तो हम ये भी सोच सकते हैं कि भाई हमारा क्या? वो कमा रहा है ठीक है, वो कमा रहा है, लेकिन इसका बहुत बड़ा असर आप पर पड़ता है, जो भ्रष्टाचार होता है इसका सबसे बड़ा असर जनता पर ही पड़ता है, क्योंकि जहां पर सरकार का ध्यान होना चाहिए, मंत्रियों ध्यान होना चाहिए, वहां से ध्यान हटता है, सिर्फ जब लूट और सत्ता में ध्यान रहता है तो पब्लिक का ध्यान नहीं रहता, जहां विकास के कार्य करने पड़ते हैं, पैसे उनमें डलने चाहिए, पूंजी उसमें डलनी चाहिए, वो नहीं डलती, जब अपने लिए पैसे लूटने में पड़ जाते हैं नेता तो पब्लिक पीछे छूट जाती है, आपकी जरूरतें पीछे छूट जाती हैं और जो कार्य होने चाहिए आपके लिए, वो नहीं होते।18 सालों से ये सत्ता में हैं तो आप सोचिए जब इतने सालों से कोई सत्ता में रहता है तो एक आलस्य सा हो जाता है, वो सोचता है कि वो कभी सत्ता छोड़ने वाला नहीं है, कि वो निकलेगा नहीं सत्ता से और ये इनके व्यवहार में स्पष्ट दिखने लगा है। जैसे कुछ दिनों पहले यहां आकर उन्होंने एक महिलाओं के लिए एक अनाउंसमेंट की तो इसलिए की क्योंकि 6 महीने में चुनाव आ रहा है, भाई तुम्हारी 5 साल से सरकार थी, 3 साल से तुम सरकार चला रहे हो तो तुमने ये घोषणा पहले क्यों नहीं की, इस समय करने की क्या जरूरत है। तो ये इनका व्यवहार दिखा रहा है हमें कि ये सब कर्मकाण्ड है, इनके दिलों में आपके लिए कोई आस्था नहीं है, कोई विश्वास नहीं है अपनी ही बातों पर, यहां आकर घोषणाएं करते हैं, उन्हें पूरा नहीं करते, बड़ी-बड़ी बातें होती हैं, डबल इंजन, ट्रिपल इंजन की बातें होती हैं, बहुत देख लिए हमने डबल इंजन और ट्रिपल इंजन की सरकारें। हिमाचल में भी ये कहते थे, कर्नाटका में भी ये कहते थे और जनता ने दिखा दिया इनको कि ये डबल इंजन की बातें बंद करो, ये दिखाओ, नहीं तो आपको हम निकाल देंगे।तो आज आपके प्रदेश में कमर तोड़ महंगाई है, मैं जानती हूं मेरी बहनें यहां बैठी हैं, कितना संघर्ष करती हैं आप, मैं जानती हूं कि सुबह से शाम तक आप काम करती हैं और मेरे भाईयों बुरा मत मानना, लेकिन मैं महिला हूं, मैं कहूंगी कि महिलाएं आपसे थोड़ा ज्यादा काम करती हैं, क्योंकि आप खेती में काम करते हैं या मजदूरी करते हैं तो घर आकर आप आराम से लेटते हैं, महिलाएं बाहर जाती हैं, काम करती हैं, मजदूरी करती हैं या कोई नौकरी करती हैं या ऑफिस में ही बेशक काम करती हैं तो घर आकर भी काम करती हैं और जब तक घर का काम खत्म नहीं होता, जब तक सब सही सलामत नहीं होते, सबने खाना नहीं खाया होता, तब तक सोती नहीं हैं, इसीलिए मेरे दिल में खास जगह है अपनी बहनों के लिए और मैं जानती हूं कि महंगाई का बोझ सबसे ज्यादा आप उठा रही हैं, गैस-सिलेंडर को तो इतना महंगा कर दिया है कि खरीद नहीं पाते, भरवा नहीं पाते। आप सब्जी खरीदने के लिए दुकान जाती हैं, तो आधी चीजें तो आप बगैर खरीदे ही वापस आ जाती हैं और महंगाई की मार सिर्फ महिलाओं को नहीं लेकिन सब पर है। किसानों को देखिए, पेट्रोल-डीजल के दाम इतने बढ़ गए हैं, जो इस्तेमाल करना पड़ता है, चाहे खाद हो, चाहे कुछ भी हो, सब महंगा पड़ गया है। बहुत ज्यादा महंगाई हो गई है आपके प्रदेश में। भयंकर बेरोजगारी है। जैसा मैंने कहा शर्म की बात है कि एक सरकार 3 सालों में मात्र 21 सरकारी नौकरी दे रही है। तमाम पद खाली पड़े हुए हैं। हमारे नौजवान भाई-बहन मेहनत करते हैं, पढ़ाई करते हैं भर्ती के इम्तिहानों के लिए। कुछ ना कुछ हो जाता है, घोटाला हो जाता है, कुछ ना कुछ हो जाता है, पेपर लीक, कोई ग़ड़बड़ हो जाती है। जितने पैसे उनके मां-बाप ने खर्चे उनकी फीस पर, सब बर्बाद हो जाते हैं। जितने महीने उन्होंने पढ़ाई की, वो सब बर्बाद हो जाते हैं। पेपर देते हैं, पेपर का कोई नतीजा नहीं निकलता, कोई नौकरी नहीं मिलती। पद खाली पड़े हैं। नौजवान खाली पड़े हैं। लेकिन सरकार कुछ कर नहीं रही है।आदिवासियों की दुर्दशा हो गई है आपके प्रदेश में। आपको याद होगा कि इंदिरा जी कितना काम करती थी आदिवासियों के लिए, पिछड़े वर्गों के लिए और आज आपकी दुर्दशा है। अत्याचार बढ़ रहे हैं,चाहे बुजुर्गों पर, चाहे बच्चों पर, चाहे आदिवासियों पर, चाहे दलितों पर। तो तमाम जितने भी आंकड़े हैं, जो सब कुछ दिखा रहा है आपको, जो आप अपने अनुभव से आप देख रहे हैं अपने जीवन में, वो कुछ कह रहा है और मीडिया, इश्तिहार, बड़े-बड़े पोस्टर, बड़े-बड़े होर्डिंग कुछ और कह रहे हैं। मुझे एक कहानी याद आई। एक किसान था, बहुत मेहनत करता था बेचारा। कड़ी धूप में जाकर खेती करता था। लेकिन उसकी एक आदत थी, सुबह निकलने से पहले छोटा सा पुराना टीवी था, उस टीवी में वो खबर देख लेता था। तो एक दिन बड़ी धूप थी, खबर में आया कि बारिश आने वाली है। तो उसने कहा कि चलो आज सिंचाई नहीं करेंगे, आज तो खूब बारिश आएगी। निकला काम के लिए, पूरे दिन धूप रही, बारिश नहीं आई। उसने सोचा कि चलो खबर गलत होगी, कल सिंचाई कर लेंगे, घर आ गया। अगले दिन फिर निकला, फिर खबर देख ली। फिर खबर में आया कि बारिश आने वाली है, फिर उसने सिंचाई नहीं की। ऐसे 5, 6, 7 दिन गुजर गए और वो इसी इंतजार में रहा कि आज बारिश आएगी। बारिश नहीं आई। खेती एकदम सूख गई, घर आकर रोने लगा। तो वो रोने लगा, अपने गुरु जी के पास गया कि भाई मैं तो इंतजार कर रहा था, मेरा सारा खेत सूख गया, मैं क्या करुं। तो उसके गुरु जी ने उसको कहा, अरे मूर्ख तुमने अपने अनुभव से नहीं देखा क्या हो रहा था, तुम्हारे सामने तुम्हारा खेत सूख रहा है और तुम इंतजार कर रहे हो कि बारिश आएगी, क्योंकि खबर ने कह दिया।तो यही तो हो रहा है आज देश में, प्रदेश में। महंगाई बढ़ गई, बेरोजगारी बढ़ गई, अत्याचार बढ़ रहे हैं। आपस में फूट बढ़ रही है और आपको बताया जा रहा है कि कोई सुनहरा दौर चल रहा है। आप गैस का सिलेंडर खरीद नहीं सकते, आपके बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही है, शिक्षा का एक नया संस्थान नहीं बनाया गया, सड़कें आपकी पुरानी पड़ी हुई हैं, कोई व्यवस्था नहीं है, खाद की व्यवस्था नहीं है, पानी की व्यवस्था नहीं है, लेकिन आपको बताया जा रहा है कि बारिश आने वाली है, आपको बताया जा रहा है कि सुनहरा दौर है, मोदी जी जी20 कर रहे हैं, हमें बहुत गर्व होना चाहिए अपने देश पर, लेकिन आपके सामने, आपकी आंखो के सामने क्या हो रहा है उसके प्रति आप जागरुक कब होंगे? आप कब देखेंगे कि इन 3 सालों में इस भाजपा की सरकार ने आपके लिए क्या किया? यहां पर जितने भी नौजवान हैं हाथ उठाकर मुझे बताओ कितनो को नौकरी मिली है, अगर उन 21 बच्चों में से एक है तो हाथ उठाओ, नहीं मिली नौकरी किसी को। आप एक जना हाथ उठाकर बता दे मुझे कि क्या आपका जीवन सुधरा है? 3 सालों में तरक्की हुई है आपकी? आप ये मुझे बता दीजिए कि महंगाई बढ़ी है या घटी है? बढ़ी है न।किसान इस देश की रीढ़ की हड्डी है, ये देश किसानों ने बनाया है, ये जितने भी जवान यहां खड़े होते हैं, जो हमारी सरहद पर खड़े होकर हमारी रक्षा करते हैं, किसान के बेटे हैं। किसान के लिए इस सरकार ने कुछ नहीं किया। फसल का दाम नहीं मिलता, गेहूं, धान, सोयाबीन, सब्जियों का दाम नहीं मिलता। 4,000 करोड़ का घोटाला तो इन्होंने अपने इन ओलावृष्टि में, जब फसल बर्बाद हुई थी, तो जो आपको मुआवजा मिलना था, उसमें इन्होंने 4,000 करोड़ का घोटाला कर डाला। किसान को मुआवजा नहीं मिला, इन्होंने फर्जी मुआवजे बांट दिए। तो देखिए, चाहे किसान हो, चाहे मेरी आदिवासी बहन-भाई हों, जिनके खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है, जिनको कोदो कुटकी और अन्य उपज का दाम नहीं मिलता, जिनको वन अधिकारी नहीं मिलता। चाहे मेरी बहनें हों, चाहे प्रदेश के नौजवान हों, किसी के लिए कुछ नहीं हो रहा है। ये सरकार चली है, तो घोटालों के लिए चली है, भ्रष्टाचार करने के लिए चली है और जैसे हमने भाजपा के नेताओं को पूरे देशभर में देखा है, सत्ता के लिए कुछ भी कर डालेंगे। मुझे अफसोस है कि मध्य प्रदेश के हमारे भी कुछ ऐसे नेता थे, जो सत्ता की वजह से छोड़कर चले गए। अपनी विचारधारा भूल गए।
तो अब देखिए, आपके प्रदेश के मुख्यमंत्री घोषणा वीर जी हैं, 18 सालों में इन्होंने 22 हजार घोषणाएं की। अगर 22 हजार नौकरियां ही दिलवा देते, तो कुछ फायदा होता इनका। लेकिन इन्होंने कुछ नहीं किया। जितनी घोषणाएं की, उनमें से एक प्रतिशत शायद पूरी की होंगी। तो सच्चाई आपके सामने है। ये जबलपुर शहर है, आप सब जानते हैं, देश-प्रदेश चलाने के लिए देखिए, एक विजन चाहिए होता है, एक नजरिया होना चाहिए। एक इच्छा होनी चाहिए निर्माण करवाने की। इस शहर में जितने काम कराए गए थे, जो कांग्रेस की सरकारों ने कराए, वो नजरिए के साथ कराए। आपके विकास को लाने के लिए, जवाहरलाल नेहरु जी, उन्होंने देश में आईआईटी जैसे बड़े संस्थान बनाए। इंदिरा जी ने हरित क्रांति कराई।राजीव जी ने आधुनिक भारत के लिए काम किया। मनमोहन सिंह जी ने बहुत काम किया भारत को आगे बढ़ाने के लिए। एक नजरिया था उनके दिल में, उनके मन में एक नजरिया था कि देश को कैसे आगे बढ़ाना है, आज जो हम काम कर रहे हैं उसका 15-20 सालों में, 25 सालों में क्या असर पड़ेगा तो जबलपुर एक ऐसा शहर है जो उस नजरिए को लेकर उसका निर्माण हुआ, यहां पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज होती थीं, आज बंद होने की कगार पर हैं, यहां पर बहुत सारे सरकारी कर्मचारी हैं, आर्मी के लोग हैं, रेलवेज में काम करने वाले लोग हैं, प्रबुद्ध जीव हैं बहुत सारे जबलपुर में और आज देखिए कि आपके जबलपुर का क्या हाल है? सरकारी नौकरियां जो हैं, उनका क्या हाल है? एक देखिए सरकारी नौकरी इसलिए लोग लेते थे, क्योंकि उनको लगता था कि कम से कम जीवन भर हम नौकरी करेंगे, उसके बाद हमारी कोई सिक्योरिटी होगी, सुरक्षा होगी, हमें पेंशन मिलेगी। आज ये स्थिति है कि पूरे देश भर में सरकारी कर्मचारी रो रहे हैं कि हमें पुरानी पेंशन वापस दे दीजिए, हमें ये नई पेंशन नहीं चाहिए और उनकी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं है, सिर्फ कांग्रेस के प्रदेशों में, हिमाचल प्रदेश में, छत्तीसगढ़ में, राजस्थान में पुरानी पेंशन फिर से लागू हुई है, क्योंकि जैसे मैंने कहा 2 तरह की राजनीति है इस देश में, एक जो आप में आस्था रखती है, विश्वास रखती है पब्लिक में और एक जो सत्ता में आस्था रखती है। तो जो सत्ता में आस्था रखते हैं, वो कभी आपकी सुनवाई नहीं करेंगे। कांग्रेस आपकी सुनवाई करती है। जहाँ-जहाँ हमारी सरकारें हैं, आप खुद देखिए और खुद आकलन करिए कि जो कहा है, वो किया है कि नहीं।अभी-अभी कर्नाटक में सरकार बनी है, 5 गारंटी दी थी, 5 की 5 गारंटी कैबिनेट में पास हुई हैं। राजस्थान में पुरानी पेंशन लागू है। तमाम ऐसी स्कीमें हैं, जिनका वायदा किया था, जो आज लागू हो रही हैं। यहाँ बगल में छत्तीसगढ़ है, छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा किसानों को धान का दाम मिल रहा है पूरे देशभर में। छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन लागू है। आप हिमाचल को देखिए, जो वायदे किए, वो पूरे करने जा रहे हैं। इसलिए मैं आग्रह करती हूं कि आप जागरुक बनिए और जो सच्चाई है, उसको पहचानिए। आपके सामने जो हो रहा है, आप जीवन में जो संघर्ष कर रहे हैं, वो संघर्ष बढ़ रहा है, इसको समझिए और ये देखिए कि कांग्रेस पार्टी के नेता, कांग्रेस पार्टी की सरकारें अपने प्रदेशों में क्या कर रही हैं और आपको खुद समझ में आ जाएगा कि जब कांग्रेस की सरकार मध्य प्रदेश में आई थी, जिससे पहले कि भाजपा ने उसको गिराकर ये सरकार बनाई, तब उन्हीं डेढ़ सालों में कितना काम किया गया। 27 लाख किसानों का 11 हजार 600 करोड़ कर्ज माफ किया उन डेढ़ सालों में। सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 300 रुपए से 600 रुपए तक बढ़ाया गया था। एक करोड़ परिवारों को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली का फायदा हुआ था। 1000 गौ शालाओं का निर्माण हुआ था। आदिवासियों के लिए 12000 बर्तन बैंक बनाए गए थे। ये सब काम डेढ़ साल में कांग्रेस की सरकार ने किया और आज भी ऐसे ही काम कांग्रेस की सरकारें जहाँ-जहाँ उनकी सरकार है, वहाँ पर कर रही हैं।तो बहनों और भाईयों, हम आपके सामने कुछ ऐसी गारंटी लाए हैं, जिनके बारे में अब आपको मैं बताऊंगी, जो हम 100 प्रतिशत लागू करेंगे। ये मेरा वायदा है आपको। यही वायदा मैंने कर्नाटका में किया, यही वायदा कर्नाटका के नेताओं ने किया, राहुल गांधी जी ने किया और कर्नाटका की सरकार बनते ही उस कैबिनेट ने पास किया हुआ है।हर महीने, महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह दिलवाया जाएगा। गैस का सिलेंडर हजार रुपए का नहीं, 500 रुपए का आपको मिलेगा। आपके लिए 100 यूनिट बिजली माफ होगी सबके लिए। 200 यूनिट बिजली का बिल हाफ होगा, मतलब आधा। हम मध्य प्रदेश में भी पुराना पेंशन लागू करेंगे। आपका दर्द हम समझते हैं, कर्मचारियों का दर्द हम समझते हैं। आप देखिए इन्होंने क्या नहीं किया। आर्मी में भी इन्होंने 4 साल का कर दिया है। कर्मचारियों का पेंशन कटवा दिया है। तो हम कह रहे हैं कि सरकारी कर्मचारी सारे सुन लें, पुरानी पेंशन लागू होगी। जो किसान कर्ज माफ करने का काम हमने शुरु किया था, उसको पूरा करेंगे और जो बचे हुए किसान हैं, उनका ऋण माफ किया जाएगा।ये हमारी गारंटी हैं और देखिए दिल में मैं कह रही हूं कि बहुत साल हो गए, केन्द्र में 9 साल हो रहे हैं, आपके प्रदेश में 18 साल हो रहे हैं, ये राजनीति बहुत आगे बढ़ चुकी है, जो आपको नकार रही है। आपकी जरुरतों को नकार रही है। हर बार आपके जज्बातों को उभारा जाता है। इधर-उधर की बातें की जाती हैं। कमलनाथ जी ने कहा कि हम भारतीय हैं, हम सबके लिए धर्म से बड़ा कुछ नहीं है। हमारी आस्था से बड़ा कुछ नहीं है, चाहे हम किसी भी धर्म के हों, हम उसे दिल में मानते हैं, वो हमारे लिए सर्वोपरी है। लेकिन उसका मतलब ये नहीं है कि पब्लिक को बहकाया जाए। पब्लिक के जज्बातों को उभार कर वोट मांगा जाए, उसका मतलब नहीं है और अगर नेता ऐसा कर रहा है या एक राजनीतिक दल बार-बार ऐसा कर रहा है कि चुनाव का समय आया, आपके जज्बात उभार दिए, आपकी काम की बात नहीं की, तो आप उनकी आदत बिगाड़ रहे हैं। वो तो है ही बिगड़े, क्योंकि आपको बार-बार जज्बातों पर उकसा रहे हैं, लेकिन आपका काम नहीं कर रहे हैं। लेकिन आप बिगाड़ रहे हैं, क्योंकि आप बुरी आदत डाल डलवा रहे हैं। उस नेता को कभी अहसास नहीं होगा कि अगर कभी वो आपका काम नहीं करेगा तो उसको सत्ता छोड़नी पड़ेगी।