अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
जयराम रमेश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा-नमस्कार साथियो,आप सबका स्वागत है। इस प्रेस वार्ता की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष जी, मल्लिका र्जुन खरगे जी करेंगे, वो आपको पहले संबोधित करेंगे। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा– आप सभी को नमस्कार। आज इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमारे नेता, पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी और हमारे पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी और मंच पर बैठे हुए हमारी पार्टी के ट्रेजर्र, सेक्रेटरीज़ और दूसरे साथियों। ये एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस है, क्योंकि पहली बार हमारे नेता इन चंद इशू पर वो कहेंगे और राहुल जी भी अपनी बात आखिरी में रखेंगे। मैं आपका 7-8 मिनट का समय लूंगा और बाकी डीटेल्स में कुछ कहना है, उसको टेक्नीकली हमारे ट्रेजर्र आपको संबोधित करेंगे।
दोस्तों, ये तो 18वीं लोक सभा के आम चुनाव की घोषणा तो हो चुकी है, देश का हर एक नागरिक इसमें भाग लेने के लिए उत्सुक है। भारत पूरी दुनिया में अपने लोकतंत्र मूल्यों और आदर्शों के लिए जाना जाता है। किसी भी लोकतंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव अनिवार्य होता है, एसेंशियल होता है, साथ ही ये भी अवश्य होता है कि सभी राजनीतिक दल के लिए लेवल प्लेइंग ग्राउंड, यानी समान लेवल प्लेइंग फील्ड हो। सभी के पास समान रूप से संसाधन हो। ये नहीं कि जो सत्ता में है, उनकी रिसोर्सस पर मोनोपोली हो, ये नहीं कि उनका मीडिया पर एकाधिकार हो, ये नहीं कि सत्ताधारी दल का संवैधानिक तथा न्यायिक संस्था जैसे आईटी, ईडी, इलेक्शन कमीशन, अपने दूसरे एटोनॉमस बॉडीज पर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष नियंत्रण हो। दुर्भाग्य से जो पिछले दिनों में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद, जो इलेक्टोरल बॉन्ड, चुनावी चंदा बॉन्ड के बारे में जो तथ्य निकलकर सामने आए, वो बहुत ही चिंताजनक हैं, शर्मनाक भी हैं, क्योंकि इससे हमारे देश की छवि को ठेस पहुंची है। हमारे देश ने पिछले 70 सालों में निष्पक्ष चुनाव और स्वस्थ लोकतंत्र की जो छवि बनाई थी, उस पर प्रश्न चिन्ह आज उठ गया है।सुप्रीम कोर्ट ने जिस चुनावी चंदा बॉन्ड को इल्लीगल और असंवैधानिक कहा, उस स्कीम के तहत मौजूदा सत्ताधारी दल ने हजारों-करोड़ रुपए से ज्यादा अपने अकाउंट में भर लिया है और दूसरी तरफ साजिशन मुख्य विपक्षी दल का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है, ताकि हम पैसों के अभाव में बराबरी से चुनाव न लड़ें और न लड़ पाएं, ये सत्ताधारी दल द्वारा एक खतरनाक खेल है। इसके दूरगामी प्रभाव होंगे, क्योंकि अगर डेमोक्रेसी को इस देश में बचाना है, तो लेवल प्लेइंग ग्राउंड होना चाहिए। ऐसा भी नहीं होना, जैसे चंद देशों में चुनाव हो रहे हैं, 99 प्रतिशत वोट एक ही आदमी ले रहा है।आपको तो मालूम ही होगा ये रीसेंटली किन-किन देशों में ऐसा हुआ है। तो ये सत्ताधारी दल द्वारा एक खतरनाक खेल खेला गया है। इसके दूरगामी प्रभाव होंगे, पर ये स्पष्ट है कि इस तरीके से किसी राजनीतिक दल को असहाय बनाकर चुनाव लड़ने में बाधा उत्पन्न कर आए और फ्री एंड फेयर इलेक्शन कभी नहीं कहा जा सकता।देश की जनता, एक आम नागरिक, ये देख सकता है, कि बीजेपी ने चुनावी चंदा बॉन्ड से 56 परसेंट पैसे हासिल किए हैं, वहीं कांग्रेस को 11 परसेंट ही मिले हैं और ये वो पैसे हैं जो बॉन्ड से बीजेपी ने लिए हैं, इसके अलावा, जो कैश में इनके पास आता होगा, तो उनका कोई अकाउंट ही नहीं है। आप इनके खर्चे देखिए, हर तरफ इनका एडवर्टाइजमेंट लगा है और एडवर्टाइजमेंट में भी मोनोपोली बना ली है, प्रिंट मीडिया हो, टीवी हो और सोशल मीडिया हो, इनका बहुत डोमिनेशन है। लेकिन इतने पैसे एक पार्टी जमा कर सकती है, हिंदुस्तान के 70 साल के डेमोक्रेटिक व्यवस्था में ऐसा किसी ने नहीं किया। ये पहली बार ये सरकार अनेक ढंग से पैसे आज उठा रही है और इनके फाईव स्टार ऑफिसेस हैं बड़े-बड़े, हर जगह आप देखिए और चार-चार, पांच-पांच फ्लाइट एक मीटिंग में जाती हैं और उनके पीछे और दो-चार जाती हैं। एक-एक मीटिंग का इतना खर्च होता है, तो शायद कोई ऑपोजीशन पार्टी उसका 10 प्रतिशत भी नहीं कर सकती मुकाबला।
मैं कहना नहीं चाहता कि बीजेपी ने किस तरीके से कंपनियों से पैसे लिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट तथ्यों की जांच कर रही है, हमें उम्मीद है कि सच्चाई बहुत जल्द हम सबके सामने आएगी और अंत में मैं देश की संवैधानिक संस्थाओं से अपील करता हूं कि अगर वो फ्री एंड फेयर इलेक्शन चाहते हैं, तो हमारी पार्टी को बगैर किसी रोकटोक से बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करने दें और जो इंकम टैक्स का क्लेम है वो अंतत: कोर्ट के निर्णय के अनुसार सेटल हो जाएगा।राजनीतिक दल टैक्स नहीं देते, बीजेपी ने कभी इंकम टैक्स नहीं दिया, लेकिन ये लागू सिर्फ कांग्रेस पर हो रहा है। कोई पॉलीटिकल पार्टी इंकम टैक्स के दायरे में नहीं आती, राजनीतिक दल नहीं आते। बीजेपी ने कभी नहीं दिया अकाउंट। इसके बाद भी अगर हमसे ये मांगा जा रहा है, तो हम न्यायालय के अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि हम चाहते हैं कि कम से कम न्यायालय तो इस बात को देखे, कानून को देखे।
रूल ऑफ लॉ और गवर्नेंस जो संविधान के तहत होता है उसके तरफ तो ध्यान दे दो, क्योंकि आज वो हुकूमत में हैं, कल दूसरी पार्टी आएगी, लेकिन हमको ये लेवल प्लेइंग ग्राउंड, जो हमने पहले से बनाया था, नेहरू जी से लेकर हम और बाकी के लोग भी, जब इवन वाजपेयी थे, उस वक्त भी ऐसा नहीं था, लेकिन यहां ये 18वीं लोक सभा का चुनाव जो हो रहा है इसमें हम सब देखे रहे हैं। ये कुचल रहे हैं, सप्रैस कर रहे हैं और हमको चुनाव लड़ने की स्थिति में वो नहीं छोड़ना चाहते हैं और पैसे को तंग-तबाह करके वो इकतरफा इलेक्शन कर लेना चाहते हैं, लेकिन लोग भी होशियार हैं, वो इसको जानते हैं और लेवल प्लेइंग फील्ड बने रहने के लिए ये उनके जो बाधक हैं और जो हमारे अकाउंट फ्रीज किए हैं वो तत्काल उनको रिलीज होना चाहिए और हमको चुनाव में डेमोक्रेसी और संविधान को बचाने के लिए लेवल प्लेइंग ग्राउंड होना चाहिए।
अजय माकन ने कहा- आप सब लोगों का बहुत-बहुत स्वागत है। अभी हमारे कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्षा ने आप लोगों को बताया कि लोकतंत्र के ऊपर किस प्रकार का खतरा मंडरा रहा है, किस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों के ऊपर हमला हुआ और ये कोशिश की जा रही है कि फाइनेंशियली कांग्रेस पार्टी को पंगू बना दिया जाए। ये केवल कांग्रेस पार्टी के खातों पर नरेंद्र मोदी सरकार का हमला नहीं है, बल्कि भारत के लोकतंत्र पर हमला है। अगर प्रमुख विपक्षी पार्टी वित्तीय तौर पर पूरी तरीके से पंगू हो जाए, कोई कार्य नहीं कर सके, पब्लिसिटी के ऊपर पैसा नहीं खर्च कर सके, कैंपेन के ऊपर पैसा नहीं खर्च कर सके, अपने कैंडिडेट को पैसे नहीं दे सके, तो फिर चुनाव किस बात का है और चुनाव की घोषणा हो चुकी है पिछले एक महीने से हमारे अपने बैंक अकाउंट्स में पड़े हुए 285 करोड़ रुपए का हम इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। हम लोगों को पब्लिसिटी के लिए अखबारों के अंदर स्लॉट बुक करने है। हम लोगों को पब्लिसिटी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अंदर स्लॉट बुक करने हैं। हमें सोशल मीडिया के अंदर इस्तेमाल करना है। हमें पोस्टर छपवाने हैं, हमें पैम्फ्लेट छपवाने हैं। अगर हम लोग वो काम भी नहीं कर सकते, तो किस प्रकार से लोकतंत्र जिंदा रहेगा और कैसा लोकतंत्र है ये।मैंने पिछले सप्ताह आप सब लोगों के सम्मुख मोती लाल वोरा जी के समय 2017-18 के एक केस को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2017-18 के बेसिस के ऊपर सात साल बाद में जाकर हमारे बैंक के खाते अब जाकर फ्रीज किए हैं, उसकी जानकारी दी। मैंने कहा कि ये सात साल पुराने कैसे फ्रीज किए जा सकते हैं और टाइमिंग इसका कैसा है। लेकिन अभी मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पिछले हफ्ते ये नोटिस हम लोगों के पास आया है, इसकी कॉपी आप सब लोगों को मिल गई है, आप सब लोगों के आगे ही है आप लोग जरा देखिए कि ये सीताराम केसरी जी के जमाने का नोटिस हमें पिछले हफ्ते आया है। आप सोचें, सीताराम केसरी जी के जमाने का 1994-95 के असेसमेंट ईयर का नोटिस अब हमारे पास आया है और इसको लेकर भी आगे आने वाले समय के अंदर फिर ये बैंक अकाउंट को फ्रीज करने का और डिमांड लगाने की ये कवायत शुरू होगी। तो ये कौन सा लोकतंत्र है। अगर इसी रफ्तार से जाएंगे, तो महात्मा गांधी जी के समय में जमनालाल बजाज जी जब ट्रेजरार हुआ करते थे, उस टाइम की भी कोई चीज निकाल कर इस वक्त चुनाव से पहले हमारे अकाउंट्स को फ्रीज किया जाएगा। तो ये किस चीज का लोकतंत्र है। 30 साल पुराना, 31 साल पुराना असेसमेंट ईयर का हिसाब निकाल कर हमारे खाते फ्रीज किए जा रहे हैं ताकि हम लोग चुनाव ही ना लड़ पाएं।हम लोगों के पास में मुख्यत: तीन बातें हैं कहने की। हर पॉलिटिकल पार्टी इनकम टैक्स से एग्जेंप्ट होती है। कभी किसी ने भी पैनेल्टी इस तरह से नहीं दी, तो कांग्रेस पार्टी को अकेले क्यों चुना जा रहा है? दूसरा, इसकी टाइमिंग देखिए, 2017-18 का, मोती लाल वोरा जी के टाइम का और 1994-95 का, सीताराम केसरी जी का समय और केवल एक महीना पहले, चुनाव के घोषणा होने से पहले ये काम शुरू किया जाता है और तीसरा, क्वांटम ऑफ पनिशमेंट देखिए कि कितना बड़ा पनिशमेंट, क्या हमारा सिर्फ 0.07 प्रतिशत, पूरा 199 करोड़ का कैश में, हमारे अपने एमपी ने अपनी तनख्वाह दी। उसकी वजह से 0.07 प्रतिशत की अनियमितता की वजह से 106 प्रतिशत की पैनेल्टी हमारे ऊपर लगाई गई है, 106 प्रतिशत की। कितना 0.07 प्रतिशत की अनियमितता की वजह से 106 प्रतिशत की पैनेल्टी हम लोगों के ऊपर लगाई गई है, ये क्वांटम है।हम लोगों ने मात्र 30 दिन लेट अपने अकाउंट सब्मिट किए। ये इनकम टैक्स एक्ट मेरे पास है। इसका सेक्शन 234 एफ ये कहता है कि सिर्फ 10 हजार रुपए की मैक्सिमम पैनेल्टी ली जा सकती है, अगर कोई भी ऑर्गनाइजेशन या व्यक्ति लेट अपना इनकम टैक्स सब्मिट करे, केवल 10 हजार रुपए और हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपए का 210.25 करोड़ का लीएन मार्क कर दिया गया है। 10 हजार की सिर्फ पैनेल्टी, सिर्फ .07 प्रतिशत का हमारे टोटल अकाउंट में से कैश केवल अंदर लिया गया है, ये कहाँ का न्याय है। 115 करोड़ रुपए फोर्सफुली हमारे बैंक अकाउंट से इनकम टैक्स ऑफिसर ने बैंक मैनेजर के पास जाकर सरकार को ट्रांसफर करा दिया। वो अब हमारे पास नहीं है। 115 करोड़ रुपए बैंक मैनेजर को जाकर एक तरीके से डराकर, धमकाकर इनकम टैक्स ऑफिसर ने हमारे अकाउंट्स से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और सरकार को ट्रांसफर करा दिया।मैंने बताया जैसे पिछले पांच हफ्ते से, एक महीने से भी ज्यादा हम अपने पैसे जो हमारे वर्कर ने इकट्ठे किए हैं, वो हम इसका उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, ये कहाँ की डेमोक्रेसी है, ये कहाँ का लोकतंत्र रह गया है? तो इसलिए हम आपसे कहना चाहते हैं कि ये केवल हम लोग तो अपनी लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन ये आप लोगों की भी लड़ाई है, मीडिया की भी लड़ाई है, देश की जनता की लड़ाई है। अगर आप इसके अंदर हमें समर्थन नहीं करेंगे तो लोकतंत्र जिंदा नहीं रहेगा, ना आप रहेंगे, ना हम रहेंगे। हमारा टोटल जो है 14 लाख 40 हजार बनता है, जो 0.07 प्रतिशत है। तो सिर्फ 14 लाख 40 हजार जो हमारा 0.07 प्रतिशत है, उसकी वजह से हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपए से भी अधिक का हमारे ऊपर लीएन मार्क करके हमें पैनेल्टी लगाई गई है। तो आप सोचिए 14 लाख 40 हजार के बदले 210 करोड़ रुपए की पैनेल्टी हमारे ऊपर लगाई गई है, ये कहाँ का लोकतंत्र है?
जयराम रमेश ने कहा- शुक्रिया अजय माकन जी। आखिर में मैं राहुल गांधी जी से गुजारिश करूंगा कि वो आपको संबोधित करें। अंग्रेजी में डिटेल पहले अजय माकन जी देंगे।राहुल गांधी ने कहा- एक महीने पहले कांग्रेस पार्टी के सारे बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए। आप सोचिए, आप किसी परिवार के बैंक अकाउंट फ्रीज करिए, किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट फ्रीज करिए, किसी बिजनेस के बैंक अकाउंट फ्रीज करिए, किसी भी संस्था के बैंक अकाउंट फ्रीज करिए, होता क्या है? एकदम खत्म हो जाता है। अगर आपने किसी परिवार का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया, भूखे मर जाते हैं, वो कांग्रेस पार्टी के साथ किया जा रहा है। एक महीने पहले ये हुआ और किसी संस्था ने, हिंदुस्तान की संस्था ने, किसी कोर्ट ने, इलेक्शन कमीशन ने चूं तक नहीं कहा। सब ड्रामा देख रहे हैं।20 प्रतिशत हिंदुस्तान के लोग कांग्रेस पार्टी को वोट देते हैं, हम 20 प्रतिशत लोगों को रिप्रजेंट करते हैं और आज हम रेलवे टिकट नहीं खरीद सकते, आज हम अपने नेता को एक शहर से दूसरे शहर नहीं भेज सकते, हम एडवर्टाइजमेंट नहीं लगा सकते और क्यों? 14 लाख रुपए, 7 साल पहले, 14 लाख रुपए का इशू है और 200 करोड़ रुपए का फाइन और सारे के सारे बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए। जब इंकम टैक्स… इंकम टैक्स का जो एक्ट है, वो साफ कहता है कि ज्यादा से ज्यादा 10,000 रुपए का फाइन लगेगा, तो ये है हिंदुस्तान का लोकतंत्र। ये क्रिमिनल एक्शन है कांग्रेस पार्टी के खिलाफ और हिंदुस्तान के लोकतंत्र के खिलाफ और ये क्रिमिनल एक्शन हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री कर रहे हैं।मेरी विनती है कि जो हिंदुस्तान के इंस्टीट्यूशंस हैं, जो वो अपने आपको हिंदुस्तान के इंस्टीट्यूशंस मानते हैं, डेमोक्रेसी को प्रोटेक्ट करते हैं, लोकतंत्र को प्रोटेक्ट करते हैं, हिंदुस्तान के कोर्ट्स हों, हिंदुस्तान का इलेक्शन कमीशन हो, वो इसके बारे में कुछ करें और ये कहना कि हिंदुस्तान दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी है, ये झूठ है, यहां कोई डेमोक्रेसी नहीं है। सबसे बड़ी ऑपोजीशन पार्टी का आपने बैंक अकाउंट बंद कर दिया और एक महीने से कोई कुछ नहीं बोल रहा है। केसरी जी के टाइम से ये नोटिस आया है, तो अजीब सी सिचुएशन है, सब लोग देख रहे हैं और हर संस्था का रोल है इसमें कोर्ट्स का रोल है, इलेक्शन कमीशन का रोल है।
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