अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:अखिल भारतीय कांग्रेस की प्रवक्ता सुश्री सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा-क्योंकि बहुत ही अहम मुद्दा है और कहीं ना कहीं ये मुद्दा हमारे लोकतंत्र की जड़ों के बारे में बात करता है। इंडिया एक बहुत थ्राईविंग डेमोक्रेसी है, हम एक बहुत जीता जागता प्रजातंत्र हैं और कोई भी ऑर्गनाइजेशन, कोई भी इंडिविजुअल, कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म अगर हमारी लोकतांत्रिक जड़ों को कमजोर करता है तो उससे सवाल पूछा जाएगा, उसे कटघरे में खड़ा किया जाएगा, उसकी जवाबदेही बनेगी।
मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यहाँ पर जरुर कहूंगी कि कहीं ना कहीं जो फेसबुक कर रहा है, वो हमारे लोकतंत्र को डिइस्टेबलाइज करता है, हमारे लोकतंत्रको कमजोर कर रहा है, क्योंकि भारत जैसे देश में जब नफरत की जहरीली आग को लहलहाने देते हैं, इस नफरत की खेती को उगने देते हैं, आप नफरत की स्पीचिस को अपने प्लेटफार्म पर रहने देते हैं, शिकायतों के बावजूद उसको नहीं हटाते हैं, तो आप भी भागीदार होते हैं इस पर। आपने हर देश के लिए अलग-अलग कानून बनाए हुए हैं सिंगापुर में जब पॉलिसी मेकर के सामने आपकी जवाबदेही थी, आप एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म हैं और आप कंटेट हटा नहीं सकते स्वेच्छा से, तभी हटाते हैं जब आपके पास शिकायत आती है। जब भारत में आपके पास शिकायत आती है,तब भी आप कंटेट क्यों नहीं हटाते हैं, फेसबुक चलता ही जाता है, कितनी भी शिकायतें हो जाएं, ये कौन सी आप, ये दोगली नीति की बात क्यों करते हैं?दूसरी चीज, ये और भी जरुरी चीज है।
7 दिन पहले अभी मुंबई में किसी ने आत्महत्या की कोशिश की थी फेसबुक के फ्लेटफार्म पर और मैं शुक्रगुजार हूं फेसबुक की आप तुरंत पुलिस के पासगए, आपने तुरंत इसकी सूचना दी और हम इसे टाल सके, ये अच्छी बात थी, आपकी अच्छी पहल थी, लेकिन इसमें आपने पहल करके काम किया, तो आपकी पहल से अगर एक सुसाईड टल सकता है, तो आपकी पहल तब भी होनी चाहिए जब थ्रेट, जब ह्यूमर से दंगे हो जाते हैं और लोगों की जानचली जाती है, तब आपकी जो पहल होती है, वो होती ही नहीं। मैं एक बात जरुर कहूंगी जब आप अलग-अलग तरीके की बात करते हैं,आप चाहे यूएस में हों, चाहे तुर्की जैसे देशों में हों, आपने लगातार पेज को हटाया है फेसबुक के फ्लेटफार्म से और ये कहकर हटाया है कि ये कोर्डिनेटेड इनअथोंटिक बिहेवियर होता है,इसके बारे में आपकी प्रेस रीलिज भी जारी होती हैहमारे देश में आपने ऐसा आज तक क्यों नहीं किया है,क्या हमारे देश में इंटरनेट में जोव्यवहार है, क्या वो बहुत जिम्मेदाराना है ? बिल्कुल भी ऐसानहीं है, बहुत गैर जिम्मेदाराना है, बहुत नफरत भरी बाते हैं, बहुत धमकी भरी बातें हैं, बहुत अजीब तरीके की बातें हैं, औरतों के खिलाफ, बच्चों के खिलाफ एक संप्रदाय के खिलाफ, किसी जाति के खिलाफ की जाती है, किसी समुदाय के खिलाफ कही जाती है, आपने ऐसा काम यहाँ क्यों नहीं किया?ये तीन बातें मैं जरुर उजागर करना चाहती हूं। सिंगापुर में आप कुछ कहते हैं, भारत में उसका उल्टा कहते हैं। जब आपका मन आता है तो आप स्वेच्छा से चीजें कंट्रोल कर लेते हैं, आप स्वेच्छा से चीजें चलने देते हैं , क्योंकि आपका मन नहीं करता, चित भी मेरी और पट भी मेरी।
आपको क्रेडिब्लिटी चाहिए सुसाईड हटाने की, लेकिन आप अपने हाथ खड़े कर देते हैं कि हम हेट के बारे में कुछ नहीं कर सकते और आप विश्व के बाकी देशों में हेट पेज हटाते हैं, हमारे यहाँ हेट पेज क्यों नहीं हटाते? क्या हमारे यहाँ कभी भी कोर्डिनेटेड इनअथोटिंग बिहेवियर (coordinated inauthentic behaviour)आपको नहीं दिखा है? क्या आप आंखों पर पट्टियां बांध लेते हैं हिंदुस्तान में?ये तीन बड़ी चीजें हो गई हैं। उसके बाद मुझे ये जरुर कहना होगा फेसबुक की जो सारी खबरें हैं, हमने तो कई – कई बार फेसबुक से बात की,उनके शीर्ष लोगों से बात की,यूएस तक में बात की, लेकिन कुछ नहीं हुआ, इनएक्शन ही मिंला हमें। Walls Street Journal ने कल एक रिपोर्ट निकाली और उन्होंने सिर्फ सोर्सेस से बात नहीं की, उन्होंने फेसबुक के एग्जिस्टिंग इम्पलोई और उनके पास्ट इम्पलोई से बात करके ये बात कही है और इसलिए मैं आपसे एक बात पूछना चाहती हूं कि सरकार को, अगर आपका गिरेबान बिल्कुल साफ हो तो आप WSJ की बात का खंडन करें, आप वो खंडन नहीं करेंगे, क्योंकि आपका गिरेबान साफ नहींहै।आप कांग्रेस पार्टी पर किस मुँह से अटैक करते हैं? जरा मुझे ये समझाईए। आपके शीर्ष नेता,आपकी ट्रोल आर्मी,आपके अनभिज्ञ प्रवक्ता और आपके आधे-अधूर ज्ञान के जो ज्ञानी आपके मंत्री और पूर्व मंत्री बैठे हुए हैं, वो किस मुँह से कांग्रेस पार्टी पर अटैक करते हैं? कहा तो WSJ ने है, आपकी विश्वसनीयता पर तो उन्होंने सवाल उठाया है, ना फेसबुक ने WSJ के खिलाफ कुछ कहा है, ना भाजपा ने कहा है, ये कौन सी दोहरी नीति है? उसके बाद में जरुरकहीं पर जिस तरह से आपके हाथ मिले हुए हैं भाजपा से, आरएसएस से, उनके अपियरिसिंस के बारे में बताना चाहती हूं।WSJ ने तो पूरा कोट करके कहा है कि कैसे उनकी जो ट्रस्ट और क्रेडिब्लिटी टीम,सेफ्टी टीम होती है फेसबुक में,जो ऐसे कंटेट को देखती है और उसके बारे में रिपोर्ट देती है ,उन्होंने बार-बार रिपोर्टें दीं और जो Ms. Ankhi Das जो पब्लिक पॉलिसी हैड हैं और गवर्मेंट रिलेशन की भी हैड हैं,उन्होंने कहा कि नहीं कि ऐसा करने से हमारा बिजनेस इंट्रस्ट में खराबी होगी। सिर्फ बिजनेस इंट्रस्ट था या इनके ख्याल में…