अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की शुरुआती टिप्पणियां
आदरणीया सोनिया गांधी जी,
राहुल जी,
उपस्थित नेतागण,
और नये चुने गए CWC के साथी
नवगठित CWC की बैठक में आप सबका स्वागत है। नई CWC 20 अगस्त 2023 को बनी, जिसकी पहली बैठक हैदराबाद में एक ऐतिहासिक मौके पर हो रही है। इसके लिए तेलंगाना के साथियों को मैं बधाई देता हूं। 17 सितंबर 1948 को हैदराबाद को मुक्ति मिली। देश की आजादी के 13 महीने के बाद ये इलाका आजाद हुआ। इसलिए कल हमारी extended CWC की बैठक और जनसभा भी हैं। हैदराबाद में 1953, 1968 और 2006 में हमारे ऐतिहासिक कांग्रेस महाधिवेशन भी हुए हैं। इस मौके पर मैं पंडित नेहरू और सरदार पटेल साहेब को नमन करता हूं, जिनकी इच्छाशक्ति के कारण हैदराबाद liberate हुआ। यहां के उन कांग्रेस नायकों को याद करता हूं जिन्होंने लंबा संघर्ष किया, जेलों में यातनाएं सहीं, प्राणों का बलिदान दिया। आज बैठक में देश के हर हिस्से के नेताओं की मौजूदगी है। हमारे social fabric की झलक यहां दिखती है। उदयपुर संकल्प के तहत हमने अपनी CWC में कमजोर तबकों, नौजवानों और महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व दिया हैं। हमारे बीच हर तरह के नेता मौजूद हैं। कुछ ऐसे हैं जिनके पास संगठन और सरकार का बड़ा अनुभव है। कुछ गहरे राजनीतिक-सामाजिक अनुभव वाले हैं और कुछ ऐसे हैं जिनके पास लंबा संसदीय अनुभव है।
इस बैठक में सबसे पहले मैं 25 वर्षों से अधिक समय तक कांग्रेस को नेतृत्व देने वाली CPP चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी के प्रति विशेष आभार व्यक्त करता हूँ। सोनिया जी ने 1998 में कठिन दौर में कांग्रेस को संभाला। उनका कमिटमेंट, त्याग और उनकी महान सोच हम सबके लिए बहुत बड़ी inspiration है। यहां मैं यह भी कहना चाहूंगा कि हम जिस तेलंगाना की राजधानी में बैठे हैं, उसे राज्य बनाने का काम भी सोनिया जी की कोशिशों की वजह से हुआ है। हम उनको भरोसा दिलाते हैं कि जल्दी ही दूसरे राज्यों के साथ तेलंगाना में भी हमारी सरकार बनेगी, जिससे हम तेलंगाना की जनता के सपनों को साकार करेंगे। मैं राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकली 4,000 KM लंबी ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा का भी उल्लेख खास तौर पर करूंगा। भारत जोड़ो यात्रा में ग़रीब, वंचित, महिला, युवा, किसान, intellectuals, फ़ौजी और सभी वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस यात्रा से राहुल जी ने लोगों की आवाज़ बुलंद की और उनके बीच मोहब्बत और भाईचारे का संदेश भी दिया। जिससे पार्टी को नयी ऊर्जा मिली। उनके बोले शब्द ‘नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ आज दुनिया भर में आम जनता की आबाज बन गई है। आज CWC में मैं हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक PCC के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिल से बधाई देता हूं, जिन्होंने रात दिन मेहनत करके, सभी विरोधी ताकतों का मुकाबला करते हुए सरकार बनायी।छत्तीसगढ़ के सभी साथियों को भी बधाई देता हूं जिन्होंने ऐतिहासिक महाधिवेशन में बहुत परिश्रम किया। आज की बैठक में हम लोग मुख्य रूप से मौजूदा राजनीतिक हालात पर विचार करेंगे। आप जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी 10 सालों से केंद्र में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही है। देश की आम जनता के हक़ में कांग्रेस ने मोदी सरकार को कई महत्वपूर्ण फ़ैसले लेने के लिए मजबूर भी किया।
आज देश कई गंभीर आंतरिक चुनौतियों से जूझ रहा है।
मणिपुर की दिल दहला देनेवाली घटनाओं को पूरी दुनिया ने देखा। 3 मई 2023 से वहां हिंसा आज भी जारी है। मणिपुर की आग को मोदी सरकार ने हरियाणा में नूँह (NUH) तक पहुंचने दिया। यहां हिंसा की वारदातें हुईं, जिस कारण राजस्थान, UP और दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव फैला। ये घटनाएं आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि पर धब्बा लगाती हैं। ऐसे हालात में सत्ताधारी दल, सांप्रदायिक संगठन और मीडिया का एक वर्ग, आग में घी डालने का काम करता है। देश का “सर्वधर्म समभाव” बिगाड़ता है। हमें मिलकर ऐसी ताक़तों को IDENTIFY करके बेनक़ाब करते रहना है। हमारी अर्थव्यवस्था आज गंभीर खतरे में है। महंगाई से गरीबों और आम लोगों के जीवन पर संकट है। पिछले 5 सालों में एक साधारण थाली की क़ीमत 65% बढ़ गयी है। 74% लोग पौष्टिक आहार से वंचित हैं। दाल की कीमत एक साल में 37% (सैंतीस) तक बढ गयी है। हमारी देश में 65% आबादी नौजवान हैं। रिकॉर्ड Unemployment Rate, उनके सपनों को लगातार रौंद रही है। युवाओं का भविष्य अँधकार में है। विचार करने की जरूरत है कि आज देश के top 1% सबसे अमीर लोगों के कब्जे में देश की 40% दौलत है, वहीं निचले 50% जनता के पास सिर्फ़ 3% दौलत है। सरकारी नीतियों के कारण अमीर और अमीर हो रहे हैं जबकि गरीब और गरीब हो रहा है। उनके बीच की खाई लगातार और गहरी हो रही है। इससे सामाजिक असंतोष और तनाव पैदा हो रहा है। ऐसी दशा सामाजिक-आर्थिक तरक्की की रफ्तार पर ब्रेक लगाती है। केंद्र सरकार Data की हेराफ़ेरी कर रही है। 2021 का Census न कराने से 14 करोड़ लोग Food Security Act से और करीब 18% लोग मनरेगा से बाहर हो गये। मनरेगा की मजदूरी महीनों PENDING रहती है। हमारी मांग है कि 2021 Census की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाये। उसके साथ ही जातिगत जनगणना भी करायी जाए, ताकि समाज के ज़रूरतमंद तबके को Health, Education, Employment, Food Security समेत दूसरे हक मिल सकें। आजादी के बाद बनी देश की बहुमूल्य PSUs को मोदी सरकार चंद पूँजीपति मित्रों के हवाले कर रही है। उनके फ़ायदे के लिए नीतियां बदली जा रही हैं, उनके हक के कानून बन रहे हैं। पिछले दिनों PM के करीबी कारोबारी की कंपनियों में 20,000 हज़ार करोड़ रुपए का शेल कंपनियों द्वारा निवेश हुआ। इसका पर्दाफ़ाश होने पर भी मोदी सरकार जांच नहीं करा रही है। सारे बड़े घोटालों पर सरकार मौन है, परदा डाल रही है। राहुल जी की extended ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत लद्दाख के स्थानीय नेताओं ने उनको बताया कि चीन भारतीय हिस्से पर कैसे कब्जा कर रहा है। लेकिन मोदी सरकार चीन को लगातार क्लीन-चिट देती जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ऐसी लापरवाही बेहद निंदनीय है। पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भयावह प्राकृतिक त्रासदी आई। हमारी मांग है कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर केंद्र सरकार जरूरी मदद करे और पुनर्निर्माण में सहयोग दे। कई राज्य सूखे से जूझ रहें हैं। भारत सरकार अपने-पराये की राजनीति से हट कर किसानों-मजदूरों की मदद करे। जब भी विपक्षी दल इन बुनियादी मसलों को उठाते हैं तो सरकार जवाब देने की जगह नये नये हथकन्डे अपनाते हुए नए नारे देती है। “आत्मनिर्भर भारत”, ‘5 trillion economy’, ‘New India 2022’ और “अमृतकाल” नारा दिया गया। आजकल “3rd largest economy” का सपना सरकार बेच रही है। नारों से देश की तरक़्क़ी नहीं होगी। हमें जनता को समझाना होगा कि ये विफलताओं को छुपाने वाले नारे है। सरकार सोचती है कि event और advertisements पर करोड़ों रुपये ख़र्च कर हिमालय जैसी नाकामियों को वो छिपा लेगी।
आप सबको पता है कि 18 सितंबर से मोदी सरकार ने 5 दिनों का संसद का विशेष सत्र बुलाया है।
लंबे सस्पेंस के बाद चंद बातें एजेंडे के तौर पर आयी हैं, जिसमें प्रमुख है चुनाव आयोग पर सरकार का पूर्ण नियन्त्रण। पर हमें सत्ता दल की मंशा पर सतर्क रहना होगा। ये सरकार विपक्ष विहीन संसद चाहती है। वो नहीं चाहती है कि उससे कोई सांसद, मीडिया या आम लोग सवाल पूछें। PM और BJP नेताओं के हमलों से हमारे INDIA गठबंधन की 3 बैठकों की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। हमारा कारवां जैसे जैसे आगे बढ़ेगा, इनके हमले तेज होंगे। INDIA गठबंधन की मुंबई बैठक के बाद ED, IT, CBI को सरकार ने विपक्षी नेताओं से राजनीतिक बदला लेने के लिए लगा दिया है। ये स्वस्थ लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। लेकिन अफ़सोस कि यही हकीकत है। हम सब देख रहे हैं कि G-20 के आयोजन के बाद सरकार किस कदर खुद की वाहवाही मे डूबी है। रोटेशन से होने वाली G-20 बैठक पर दिल्ली में 4,000 करोड़ रुपया खर्च हुआ और रोटेशन में अब G-20 की लीडरशिप ब्राजील को मिल गयी है। इस संबंध में मैं पंडित नेहरू के AICC के 1953 के हैदराबाद महाधिवेशन के भाषण की चंद लाइनें quote करना चाहूँगा। जिससे पता चलता है कि उस दौर से ही भारत की दुनिया में कैसी हैसियत बनने लगी थी। उन्होंने कहा था,“यद्यपि हमारे पास न कोई बड़ी फ़ौजी ताक़त है और न आर्थिक या माली ताक़त अच्छी हैं फिर भी क़ौमों की पंचायत में इस देश की इज़्ज़त रोज़-बरोज़ बढ़ रही हैं। आज़ादी हासिल हुए 5 साल हुए हैं, पर इतने थोड़े-से समय में हिंदुस्तान ने बड़ी इज़्ज़त हासिल की है जिसके साथ ही इस पर नई ज़िम्मेदारियाँ बढ़ गई हैं। इतिहास में शायद ही इसकी कोई मिसाल हो, कि किसी देश ने आज़ाद होने के पाँच साल के अंदर ही ऐसा महत्व हासिल किया हो।” फिर भी मैं उम्मीद करता हूं कि मोदी सरकार जश्न मनाना छोड़कर जनता के सरोकार और ज्वलंत मुद्दों पर ध्यान देगी। कल Extended CWC में तेलंगाना तथा अन्य राज्यों और लोक सभा के चुनाव के बारे में हम बहुत विस्तार से चर्चा करेंगे, रणनीति बनाएंगे। हमें यहां से कुछ ठोस फैसला करके जाना है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक करोड़ों साथियों को भविष्य़ की राजनीति के लिए संदेश भी देना है। यहां मौजूद साथियों से अपील करना चाहूंगा कि वे अपनी बात संक्षेप में रखें। अगर कोई साथी एक बात रख चुका है तो आप उसे रिपीट न करें।