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दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

राहुल गांधी ने आज विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए क्या कहा, सुने इस लाइव वीडियो में


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आपको देश की सच्‍चाई दिखाते, बेरोजगारी के बारे में बताते, महंगाई के बारे में बताते, मगर नहीं ये तो आपको चीता के बारे में बताते हैं। देखो-देखो अफ्रीका से चार चीते आए हैं। देखो जंगल में घूम रहे हैं, देखो। ये भी सवाल पूछा कि क्‍या चीता हिरण को मारेगा या नहीं? मतलब, अफ्रीका का चीता हिन्‍दुस्‍तान में आकर हिरण को मारना भूल जाएगा। तो मित्र तो हैं नहीं।

अच्‍छा, मीडिया बात नहीं उठाती जनता की, तो हमने सोचा, पार्लियामेंट में भाषण करो, डीमोनेटाइजेशन, नोटबंदी के बारे में भाषण करने की कोशिश की, गलत जीएसटी के बारे में बोलने की कोशिश की, जो हम जमीन अधिग्रहण कानून लाए थे, जब नरेन्‍द्र मोदी जी ने उसको रद्द करने की कोशिश की, हमने पार्लियामेंट हाऊस में बोलने की कोशिश की, वहां पर माईक ऑफ कर देते हैं, देखो ऐसे (माईक ऑफ करके दिखाया)। तो एक तरफ मीडिया बात नहीं उठाती, दूसरी तरफ माईक ऑफ कर देते हैं। तो हमने सोचा चलो, जनता के साथ कन्‍याकुमारी से कश्‍मीर चलकर जनता से बातचीत करें, जनता की आवाज सुनें और जनता के दिल में जो है, वो रखें। 3,000 किलोमीटर हो गए। कन्‍याकुमारी से शुरू किया, कम नहीं होता भाईयों और बहनों। आप ये मत सोचो कि 3,000 किलोमीटर कम होता है, कम नहीं होता है।

110 दिन हो गए, मगर अजीब सी बात है, थकान नहीं है। आप देखिए, मेरा चेहरा देखिए कोई थकान नहीं है। लोग पूछ रहे हैं, टी-शर्ट में कैसे चल रहे हो- न थकान है, न ठण्‍ड लग रही है मुझे, अब मैं क्‍या बोलूं? अच्‍छा, जो प्रेस वाले हैं, एक बात देखो, मेरे साथ, इनके बारे में देखो एक बात, एक बात देखो प्रेस वालों की; मैं यात्रा में चल रहा हूं, मैं टी-शर्ट में हूं, मेरे साथ किसान के गरीब बच्‍चे चलते हैं, वो फटी शर्ट में होते हैं, उनकी पूरी टी-शर्ट भी नहीं होती, मगर इन मीडिया वालों में से एक भी ये नहीं कहता कि भईया, हिन्‍दुस्‍तान में किसान का बेटा बिना स्‍वेटर के क्‍यों घूम रहा है? ये सवाल नहीं पूछेंगे। ये कभी नहीं कहेंगे- भईया, ये मजदूर है, ये टी-शर्ट में क्‍यों घूम रहा है? ये किसान है, ये स्‍वेटर बिना, जैकेट बिना क्‍यों घूम रहा है? ये सवाल कभी नहीं पूछेंगे, ये सच्‍चा सवाल है। मेरा टी-शर्ट वाला सच्‍चा सवाल नहीं है। सच्‍चा सवाल ये है कि हिन्‍दुस्‍तान के ब‍च्‍चे, हिन्‍दुस्‍तान के किसान, हिन्‍दुस्‍तान के मजदूर टी-शर्ट में, सर्दी में क्‍यों घूम रहे हैं? ये सवाल हैं, मगर ये कभी नहीं पूछेंगे, क्‍योंकि भाईयों और बहनों, ये आपके नहीं है। ये, जैसे घोड़ा होता है न, घोड़ा देखा आपने? (जनता ने कहा हाँ) उसमें लगाम होती है न, उसकी लगाम को टाईट करो, एकदम रुक जाता है, वैसे ही इनकी लगाम है, लगाम लगी है प्रेस वालों पर। जैसे ही ये दौड़ने की कोशिश करते हैं, वो लगाम खींचते हैं, बस रुक जाते हैं, एकदम।
अच्छा, ये मत सोचिए कि ये बोलना नहीं चाहते हैं। मेरे पास आते हैं, कहते हैं- राहुल जी, हम सच्‍चाई बोलना चाहते हैं, मगर हमें हमारे मालिक बोलने नहीं देते हैं। मैं कहता हूं- भईया, डरो मत, बोल दो। कहते हैं- नौकरी भी तो करनी है, हमें। अगर हमने सच्‍चाई बोल दी, नौकरी से निकाल देंगे, किसी और को डाल देंगे, वो झूठ बोलेगा। तो यात्रा का लक्ष्‍य, जो देश में नफरत और हिंसा फैलाई जा रही है, उसको मिटाने का है।भाईयों और बहनों, बीजेपी की पॉलिसी हिन्‍दुस्‍तान के युवाओं को, किसानों को, मजदूरों को डराने की पॉलिसी है। नोटबंदी, गलत जीएसटी, कोविड के समय जो इन्‍होंने किया ये सारी की सारी पॉलिसियां किसान को, मजदूर को डराने के लिए हैं, क्‍योंकि ये जानते हैं, जब ये डर फैलाते हैं, उस डर को नफरत में बदलना बहुत आसान होता है, ये इनका काम है। जनता को डराओ, किसान को डराओ, मजदूर को डराओ, युवा को डराओ और उसके डर को नफरत में बदल दो। (जनता ने कहा- डरो मत) डरो मत। ये भईया, एक बात समझ लो, ये आपने बोला डायलॉग, ये मेरा डायलॉग नहीं है। ये शिव जी का डायलॉग है। ये डायलॉग- डरो मत, ये हमारा धर्म है।अब देखिए ये लाखों-करोड़ों रुपए का अरबपतियों का कर्जा माफ कर देंगे। लाखों-करोड़ रुपए एक मिनट में माफ कर देंगे और किसान भूखा मर जाए, उसका कर्जा ये माफ नहीं कर सकते, कभी नहीं कर सकते। यूपी के, बाकी हिन्‍दुस्‍तान के किसान हमारे पास आए थे, यूपीए की सरकार थी। आपने कहा हमारा कर्जा माफ करो। 10 दिन में हमने 72,000 करोड़ रुपए माफ कर दिया था। मजदूरों के लिए, गरीबों के लिए मनरेगा, भोजन का अधिकार, किसानों के लिए कर्जा माफ, तो हम डर को मिटाने की राजनीति करते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि अगर ये देश डर जाएगा, इस देश का फायदा नहीं होगा। अगर नफ़रत फैल जाएगी, इस देश का फायदा नहीं होगा।भाईयों और बहनों, दो और मुद्दे हैं, यात्रा के। एक है, महंगाई। मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, प्रधानमंत्री जी आते थे। जब यूपीए की सरकार थी, वे कहते थे, गैस सिलेंडर 400 रुपए का हो गया है। 400 रुपए का गैस सिलेंडर हो गया है, भाईयों और बहनों, आज कितने का है, (जनता ने कहा- 1,100 रुपए)। मगर आज प्रधानमंत्री आकर नहीं कहते कि भईया, 1,100 रुपए का हो गया।अच्छा, एक और सवाल है। भईया, ये जो 1,100 रुपए और 400 रुपए का फर्क है, ये किसकी जेब में जा रहा है? ये किसी न किसी की जेब में तो जा रहा है, न? मतलब, ये आसमान में तो नहीं गायब हो रहा? तो याद रखिए, ये नरेन्द्र मोदी जी के जो खास मित्र हैं, 3-4 खास मित्र हैं, ये जो आपके गैस सिलेंडर का पैसा, आपकी जेब में से निकाला जा रहा है, उनकी जेब में डाला जा रहा है। अरे भाईयों और बहनों, पेट्रोल का क्या दाम हुआ करता था, यूपीए के समय (जनता ने कहा- 60 रुपए), 60 रुपए। आज क्या है (जनता ने कहा- 100 रुपए), 100 रुपए। तो ये भी याद रखिए कि ये 60 रुपए जो है, जो आपकी जेब में से निकाला जा रहा है, ये भी उनके 2-3 मित्रों की जेब में जा रहा है। तो हमारा दूसरा मुद्दा, महंगाई और तीसरा मुद्दा, सबसे बड़ा मुद्दा, जो देश में नोटबंदी, गलत जीएसटी के कारण बेरोजगारी फैली है…, आज 3,000 किलोमीटर में हर स्टेट में मुझे युवा मिलते हैं, मैं पूछता हूँ, क्या पढ़े? कहते हैं, इंजीनियरिंग की, डॉक्टर बनने के लिए पढ़ाई की, आईएएस के लिए तैयारी की, फिर मैं पूछता हूँ, भईया करते क्या हो? शर्माकर कहते हैं, राहुल जी, हम तो मजदूरी करते हैं। कोई कहते हैं, मजदूरी करते हैं, कोई कहते हैं, भईया, हम पकौड़े पका रहे हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, आलू के पकौड़े बना रहे हैं। अच्छा, एक रास्ता था, युवाओं के लिए फौज वाला। उसमें क्या था, सुबह युवा उठते थे, 4 बजे उठते थे, दौड़ते थे, यूपी में आपको हर सड़क पर दिखेंगे, देश की रक्षा करने के लिए दौड़ते थे और सपना था, एक दिन बॉर्डर पर जाकर देश की रक्षा करेंगे, तिरंगे की रक्षा करेंगे, सपना था। युवा 15 साल सेना में सेवा कर सकता था, उसके बाद उसको पेंशन मिलती थी। नरेन्द्र मोदी जी ने कहा- नहीं भाई, ये 15 साल वाली बात छोड़ो, पेंशन वाली बात छोड़ो, ऐसा करते हैं, 6 महीने ट्रेनिंग करो, बंदूक पकड़ो, 4 साल रहो, फिर बाहर निकाल देंगे और उसके बाद बेरोजगार हो जाओ। नया हिंदुस्तान! जब युवाओं ने कहा, हमें ये अच्छा नहीं लगा और जब युवा सड़क पर उतरे, नरेन्द्र मोदी जी ने क्या किया? उन्होंने उनसे कहा कि अगर तुम्हारी फोटो ले ली गई, सड़क पर, तो तुम्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। तो देखिए, दूसरा रास्ता, पब्लिक सेक्टर का रास्ता- एचएएल, रेलवेज़ का रास्ता, उसको भी एक के बाद एक, एक के बाद एक, एक के बाद एक बेच रहे हैं। उन्हीं 3-4 लोगों को बेच रहे हैं। एयरपोर्ट भी उनको दिए जा रहे हैं, पोर्ट भी उनको दिए जा रहे हैं, रेलवेज़ भी उनको दी जाएगी, एलआईसी भी उन्हीं के हाथ जाएगी, बीएचईएल, एचएएल सब उनके हाथ जाएगा और हिंदुस्तान के युवा बेरोजगार होंगे, ये है नरेन्द्र मोदी जी का हिंदुस्तान।इसके हम खिलाफ़ हैं और इसलिए हमने ये यात्रा शुरू की है और हम इसलिए नहीं थके हैं, क्योंकि आपने अपनी पूरी शक्ति, आपने अपना पूरा प्यार इस यात्रा को दिया है और लाखों लोग हमारे साथ खड़े हुए हैं, हर जाति के लोग, हर धर्म के लोग। तो मैं आपको दिल से धन्यवाद करना चाहता हूँ कि आपने इतना प्यार और इतनी शक्ति हमें दी, इसके लिए मैं बहुत आभारी हूँ, पूरी जिंदगी याद रखूंगा।

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