अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की प्रेस कांफ्रेंस खासतौर से आम आदमी पार्टी पर है। उससे पहले मैं स्वागत करना चाहूँगा हमारे छोटे भाई राजेश लिलोथिया जी, जो अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन हैं, दिल्ली के बहुत ही बड़े लीडर, जय किशन जी और हमारे दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अली मेहंदी और आप सभी पत्रकारगण। तो आज की प्रेस कांफ्रेंस में आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और महिलाओं के साथ धोखा किया है, उस पर हम प्रकाश डालने की कोशिश करेंगे। देखिए, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र के 7 पाप हैं, 7 deadly sins. बिना काम के धन, अंतरात्मा के बिना आनंद, चरित्रविहीन ज्ञान, नैतिकता के बिना वाणिज्य, मानवता के बिना विज्ञान, त्याग रहित धर्म और लास्ट में जो सबसे इंपोर्टेंट चीज है, सिद्धान्तविहीन राजनीति। that means politics without principle. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी, उसका जीता जागता एक सबसे खराब उदाहरण हो सकते हैं।
पहले हम शुरु करते हैं, महिलाओं से संबंधित। आपको याद होगा कि अरविंद केजरीवाल ने 2015 में कहा था कि हम वैसे व्यक्ति हैं, जो प्रधानमंत्री को जगाते रहेंगे, कहीं पर भी इस देश में महिला के साथ अत्याचार होगा, तो हम जगाते रहेंगे। दिल्ली में हर रोज दो बच्चियों के साथ, बच्ची, बेबीज़ के साथ बलात्कार का प्रयास किया जाता है, बलात्कार होता है, रोज, जब से आम आदमी पार्टी की सरकार आई है। यही सरकार ने कहा था कि हम हर कोने में सीसीटीवी लगाएंगे, और उस पर कार्यवाही होगी और दिल्ली सुरक्षित होगी। इस देश का सबसे असुरक्षित शहर, महिलाओं के लिए दिल्ली शहर हो गया है और अरविंद केजरीवाल, आपको याद होगा कि निर्भया घटना के समय उन्होंने क्या-क्या अनुचित टिप्पणी शीला जी के बारे में कही थीं, याद कीजिए।
यही व्यक्ति जिन्होंने कहा था कि हम प्रधानमंत्री को जगाते रहेंगे, जहाँ पर भी दुष्कर्म होगा, तो जब बिलकिस बानो के बलात्कारियों को रिहा किया गया था, तो अरविंद केजरीवाल मौन थे। पिछले 1 साल में 40 प्रतिशत वृद्धि हो चुकी है, महिलाओं के साथ छेड़खानी के मामलों में, महिलाओं के साथ बलात्कार या छेड़खानी यानि वीमेन रिलेटेड क्राइम्स में 40 प्रतिशत वृद्धि हो चुकी है। यदि आप देखेंगे, महिलाओं से संबंधित जितनी भी बातें हैं, उसको विस्तार में मैं आपको बताऊँगा, लेकिन इन्हीं के एम.एल.ए. पंजाब में जब बलजिंदर कौर जी को जब उनके पति मारते हैं, एम.एल.ए. को थप्पड़ उनके हसबैंड मारते हैं, तो केजरीवाल जी बोलते हैं, कि ये तो घरेलू मामला है। लेडी एम.एल.ए. को उनके हसबैंड जब हाथ उठाते हैं, तो ये घरेलू मामला हो गया। केजरीवाल जी के लिए कोई इंपोर्टेंट इशू नहीं है, ये। जहाँ तक अब अल्पसंख्यक से संबंधित और अनुसूचित जाति के हमारे भाईयों और बहनों के साथ जो बातें हो रहीं थी, तो एक चिंता का विषय है, क्योंकि आप भी सोशल मीडिया में हैं, हम भी सोशल मीडिया में हैं, पिछले एक हफ्ते से पब्लिक के माध्यम से ऐसे-ऐसे पोस्टर्स चल रहे हैं, (पोस्टर दिखाते हुए कहा), मैं आपको पोस्टर दिखाऊँगा, दलित लड़कियों की शादियों में मिलने वाला सरकारी अनुदान केजरीवाल ने खत्म कर दिया। ये पब्लिक बोल रही है।
केजरीवाल ने दलितों को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने की बात कही थी। ये पोस्टर पब्लिक स्पेस में हैं। मैं नहीं बोल रहा, ये पब्लिक बोलने लगी है। दलित बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को केजरीवाल सरकार ने रोक दिया। केजरीवाल ने अपनी ही पार्टी के दलित मंत्री को इस्तीफा देने पर मजबूर किया, लेकिन सत्येंद्र जैन को अभी भी बरकरार रखे हुए हैं। हाथरस से भी दलित बेटी के साथ बलात्कार में केजरीवाल चुप्पी साधे हुए हैं। ये हुई जहाँ तक हमारे अनुसूचित जाति से संबंधित मामले हैं और बहुत सारे पोस्टर्स अभी और मैं आपको दिखा दूँगा,दो सेकेंड में, क्योंकि इतने सारे आ रहे थे तो मैंने…, कई सारे सरकारी विभाग में दलितों के आरक्षण को खत्म कर दिया केजरीवाल ने दिल्ली में। दलित सफाईकर्मी की मौत पर केजरीवाल ने पुलिस का साथ दिया। ये जो आक्रोश है हमारे खासतौर से अनुसूचित जाति के भाईयों और बहनों के बीच में जो कि जिस तरह से लगातार केजरीवाल आरएसएस और बीजेपी के एजेंडा को जो आगे कर रहा है, स्पष्ट होने लगा है। अगर आप केजरीवाल जी का इतिहास निकालेंगे, उनकी बाते निकालेंगे, उनके नीति सिद्धांत को निकालेंगे, तो it is very clear that वो भाजपा और मोहन भागवत जी की विचारधारा से काफी प्रभावित हो चुके है, प्रभावित थे पहले से। अब बात होती है माइनॉरिटी की। उसके बारे में मैं पोस्टर भी लाया हूँ, केजरीवाल चुप हैं, लेकिन जब ये पोस्टर चल रहे हैं कि छात्रों को जो सरेआम पीट रहे थे, जामिया में, सब जगह, केजरीवाल चुप थे। हमारी बच्चिंयों को जब पुलिस घुसकर जो कॉलेजेज़- यूनिवर्सिटी में मार रहे थे, तो उस वक्त हमारे मुख्यमंत्री जी एकदम शांत थे। बिलकिस बानो के बारे में मैंने तो बता दिया, पोस्टर्स चल रहे हैं। सीएए आंदोलन के विरोध में केजरीवाल किस तरह से बाजवा का साथ उन्होंने दिया। एक बार भी नहीं गए और वहाँ क्या था, संविधान पर उन्होंने शपथ ली है, संविधान के ऊपर कि हम भारत के संविधान पर विश्वास करते हुए ये मांग करते हैं कि देश में सभी नागरिकों के लिए एक कानून लागू होना चाहिए, लेकिन केजरीवाल शांत हैं। ये पब्लिक पोस्टर्स हैं। केजरीवाल ने जामिया में पढ़ने वाले बच्चों को आतंकवादी और गद्दार बताया। ये चल रहा है पब्लिक के बीच में। हमारा ये कहना है कि दंगों के समय ये देश के पहले मुख्यमंत्री हैं, जो लोगों के बीच में न जाकर अनुपस्थित रहे। क्योंकि ये और मनीष सिसोदिया जी व्यस्त थे, शराब नीति बनाने में। क्योंकि शराब नीति में जिस तरह से पैसे कमाए, वो नीति बनाने में टाइम लगता है, इसलिए वो जा नहीं पाए दंगों में।
राहुल गांधी जी, हमारे सांसद, कांग्रेस के सांसदों को लेकर अपने जितने भी दिल्ली के नेतागण जाकर आग बुझाते थे। जब बुलडोजर चल रहा था, इल्लीगल डेमोलिशन हो रहा था, दिल्ली में तो कांग्रेस पार्टी खड़ी थी, लेकिन आम आदमी पार्टी का एक आदमी नहीं था। आप बताइएगा कि जिस मुख्यमंत्री को टाइम नहीं है, जिस मुख्यमंत्री के पास रायट्स (दंगों) के समय अगर टाइम नहीं है, जिस मुख्यमंत्री के पास मुआवजे देने के लिए टाइम नहीं है, जिस मुख्यमंत्री के पास जब अल्पसंख्यक के ऊपर इस तरह के हमले हो रहे थे और उनके पास टाइम नहीं था, ध्यान रखिए, उसके पास टाइम नहीं था मुआवजा देने के लिए, वैसे मुख्यमंत्री को जो अपने नागरिक के ऊपर इस तरह से जो अत्याचार लगातार करेंगे, तो उस व्यक्ति का क्या होगा, आप बताइए।
दिल्ली में दलितों से संबंधित एक महत्वपूर्ण विषय हमसे छूट गया था। संत रविदास मंदिर का जब डेमोलिशन हुआ था, तो नीरज जी और अनिल चौधरी जी उसमें विस्तार से बोल सकते है, लेकिन जब मंदिर का डेमोलिशन हो रहा था, तो केजरीवाल साहब एकदम शांत थे, एक शब्द उन्होंने नहीं कहा था। महिला हो, अनुसूचित जाति हो, अल्पसंख्यक हो, केजरीवाल जी और आम आदमी पार्टी के दिल में उनके लिए कोई जगह नहीं है। इनसे कोई मायने नहीं रखता था। अंत में उसमें विस्तार से उसके बाद हमारे साथीगण आपको पोस्टर और बाकी चीजें के बारे में अध्यक्ष जी भी बताएंगे।
देखिए, एक हिंदी पिक्चर, पता नहीं आपको याद होगा कि नहीं, एक ढोंगी नाम की पिक्चर थी, पता नहीं आपको याद होगा कि नहीं, रणधीर कपूर, बहुत पुरानी पिक्चर है, उस पिक्चर में वो है बहरूपिया, उसमें एक गाना है। उसे जान लो, पहचान लो; रंगों की छांव- धूप में वो नया आया है रुप में, वो है एक बहरूपिया, उसे जान लो, उसे पहचान लो। Kejriwal Ji is a multifaceted genius.
महात्मा गांधी जी ने ठीक कहा था कि राजनीति अगर सिद्धांतविहीन राजनीति है, तो वो सबसे बड़ा पाप है और केजरीवाल जी और आम आदमी पार्टी उसका एक सही उदाहरण है।
राजेश लिलोथिया ने कहा कि बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं धन्यवाद करना चाहता हूं डॉक्टर अजय का कि जिन्होंने माइनोरिटी और एससी के इशू को किस तरीके से आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की कथनी और करनी में कितना फर्क है, उसको विस्तार से बताया। मैं खासतौर से रविदास मंदिर के ऊपर कुछ प्रकाश डालना चाहूंगा कि 600 साल पुराना मंदिर था रविदास जी का, तुगलकाबाद में, जिसको भाजपा के कुछ वहाँ के लोकल लीडर की, जो उसके अंदर जो उनकी नीयत खराब थी वहाँ की जमीन को लेकर, उसको डिमोलिश किया। हमारी आस्था को लेकर खिलवाड़ किया। जो लोग मंदिर बनाने की बात करके मंदिर की राजनीति करते हैं, दलितों का, गरीबों और शोषितों का मंदिर बेरहमी से तोड़ देते हैं। कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट तक उसकी लड़ाई लड़ी। मैं तमाम उन संगठनों का धन्यवाद करना चाहता हूं जो एससी समाज के और एससी समाज के बाहर भी थे, जिन्होंने इस लड़ाई को लड़ा और आखिर में कोर्ट की तरफ से डायरेक्शन हुआ कांग्रेस पार्टी की पिटीशन के ऊपर कि वो मंदिर दोबारा वहीं बनाया जाए। अभी जिस तरीके से ये बताया गया कि भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी दलित विरोधी है, माइनोरिटी विरोधी है, इस बात में कोई शक नहीं है। एक छोटा सा उदाहरण देना चाहूंगा। राजेन्द्र पाल गौतम, आम आदमी पार्टी के दलित एससी मिनिस्टर थे, उनसे तुरंत इस्तीफा ले लिया गया, दूसरी ओर जो उनका ईडी के अंदर, फाइनेंशियल मेटर के अंदर, जो जेल के अंदर हैं सत्येन्द्र जैन, वो 6 महीने से जेल के अंदर हैं, लेकिन उसको हटाने की बात आम आदमी पार्टी के केजरीवाल ने नहीं की। सफाई कर्मचारी आज कई-कई महीने उनको तनख्वाह नहीं मिल रही है, हड़ताल करनी पड़ रही है सफाई कर्मचारियों को। झाडू का निशान लेकर आम आदमी पार्टी ने उनके जज्बातों के साथ खिलवाड़ किया, उनसे वोट लिया, सरकार बनाई। लेकिन आज ना तो उनको रेगुरलाइज किया गया, ना उनकी सैलरी समय पर मिलती है। ये उनके साथ धोखा है। सीवर के अंदर, बक्करवाला के अंदर एक मेन हॉल साफ करने वाले की, जो सफाई कर्मचारी था, उनकी मौत हो गई। इन्होंने कहा था, आम आदमी पार्टी ने कहा था कि 1 करोड़ हम मुआवजा देंगे, किसी की भी अगर सीवर के अंदर मौत होगी। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे, हमारे एससी डिपार्टमेंट चेयरमैन थे, तमाम कांग्रेस पार्टी के लीडर ने वहाँ जाकर सरकार के ऊपर प्रेशर बनाया, तब जाकर डीडीए ने सिर्फ 10 लाख रुपए का मुआवजा
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