नई दिल्ली /अजीत सिन्हा
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे अध्यक्ष, सीएलपी ली़डर्स, एआईसीसी के पदाधिकारीगण, हमारे फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष, सब लोग मौजूद थे। करीब 100 लोग, आज इस बैठक के बाद में कुछ लोग, 50 लोग यहाँ 24 नंबर अकबर रोड पर बैठे थे और कुछ 50 लोगों ने जूम के द्वारा बैठक में भाग लिया। राहुल गांधी के डिस्क्वालिफिकेशन के बाद राजनीतिक प्रक्रिया क्या होनी चाहिए, कांग्रेस पार्टी ने उस पर बातचीत की। कानूनी कदमों पर बात नहीं हुई, हालांकि हमारे प्रवक्ता, जाने-माने वकील अभिषेक सिंघवी ने सभी साथियों को अवगत कराया, कानूनी तौर से क्या कदम लिए जाएंगे और उस पर आज अभिषेक सिंघवी ने भी एक प्रेस वार्ता की थी। तो 2 घंटे के लिए कानूनी प्रक्रिया पर नहीं बल्कि संगठन की ओर से क्या कदम लेने चाहिए, उस पर बातचीत हुई। कई सुझाव आए, अगले तीन-चार दिन में आप देखेंगे, हमारे संगठन एआईसीसी की ओर से, पीसीसी की ओर से, डीसीसी की ओर से और हमारे जो फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन की ओर से क्या प्रतिक्रिया होगी, क्या कदम वो लेंगे। देशभर में ये मुद्दा हम लेकर जाएंगे कि राहुल गांधी को जानबूझकर डिस्क्वालिफाई कराया गया है। क्योंकि पहले तो वो 2014 से मोदी सरकार के नीयत और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं। नोटबंदी के बारे में, जीएसटी के बारे में, निजीकरण के बारे में, विदेश नीति, खासतौर से जो क्लीन चिट प्रधानमंत्री ने दी, चीन को जून, 2020 में।
तो 2014 से राहुल गांधी जी अपनी आवाज उठा रहे थे सरकार की नीयत और नीतियों के खिलाफ़। दूसरा कारण ये है कि भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से भारतीय जनता पार्टी घबराई हुई थी, परेशानी में थी। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई प्रयास किए गए, भारत जोड़ो यात्रा को, राहुल गांधी जी को बदनाम करने के लिए, पर वो विफल रहा और भारत जोड़ो यात्रा, ना केवल कांग्रेस के लिए एक संजीवनी बनी, बल्कि देशभर में एक नई उमंग देखने को मिली, नया उत्साह देखने को मिला और लोग पहचान गए कि भारत जोड़ो यात्रा हमारी राजनीति के लिए एक परिवर्तनकारी क्षण है। भारत जोड़ो यात्रा एक इवेंट नहीं था, एक मूवमेंट बन गया। तीसरा महत्वपूर्ण कारण, जिसके लिए राहुल गांधी को जान बूझकर निशाना बनाया गया, क्योंकि वो लगातार और खासतौर से 7 फरवरी से पार्लियामेंट के अंदर उन्होंने अपनी आवाज अडानी घोटाले पर उठाई। 5 तारीख से कांग्रेस पार्टी ने रोज तीन सवाल पूछना शुरू किया प्रधानमंत्री से। राहुल गांधी जी ने 7 तारीख को, 7 फरवरी को अपने भाषण के… हालांकि ज्यादातर उस भाषण को एक्सपंज किया गया, स्पीकर से और उसके बाद, मैं गृहमंत्री का शब्द इस्तेमाल करना चाहता हूं। जरा क्रोनोलॉजी समझिए, ये हमारे गृहमंत्री के शब्द हैं और उन्हीं शब्दों के साथ मैं आपको कहना चाहता हूं, देश को कहना चाहता हूं, क्रोनोलॉजी समझिए।
फरवरी 7 को राहुल गांधी जी का भाषण होता है लोकसभा में। 9 दिन बाद यानी कि 16 फरवरी को जो कंपलेनर है, जिसने शिकायत की थी इस भाषण के बारे में, जिसने आपत्ति जताई थी, मानहानि का केस दर्ज किया था, वो जो हाईकोर्ट, गुजरात हाईकोर्ट में उन्होंने ही स्टे लिया था। वो स्टे उन्होंने वापस ले लिया। देखिए, ये अजीब है हमारे कानूनी इतिहास में अजीब दास्तां है, ये।उन्होंने अपनी ही कंपलेंट के बारे में स्टे लगाई थी, गुजरात हाईकोर्ट से स्टे मांगी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने स्टे दिया, पर राहुल गांधी जी के अडानी के भाषण के 9 दिन बाद उन्होंने वो स्टे वापस ले लिया। 9 दिन बाद, 16 फरवरी को, क्रोनोलॉजी समझिए, 27 फरवरी को यानि की श्री राहुल गांधी के भाषण के 20 दिन बाद सुनवाई शुरु होती है, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा… सुनवाई शुरु होती है, 17 मार्च को जजमेंट रिजर्व होता है और 23 मार्च को जजमेंट आता है, क्रोनोलॉजी समझिए।
बाप रे, ये तो बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा गति से चला है। प्रधानमंत्री बार-बार श्रेय लेते हैं गति शक्ति के लिए, ये तो अति गति शक्ति है, गति शक्ति नहीं अति गति शक्ति। 7 फरवरी को भाषण, 9 दिन बाद शिकायत करने वाले व्यक्ति अपना स्टे वापस लेते हैं, 27 फरवरी को सुनवाई शुरु होती है, 17 मार्च को रिजर्व किया जाता है निर्णय और 23 मार्च को कन्विक्शन का निर्णय, डिस्क्वालिफिकेशन का निर्णय सब, डिस्क्वालिफिकेशन का निर्णय तो आज आया है, पर कन्विक्शन का निर्णय कल, यानि कि 23 मार्च को आया। तो ये तीन कारण हैं जो मैंने गिनाए आपको, जिसके लिए श्री राहुल गांधी को कीमत चुकानी पड़ी, बहुत महंगा पड़ा- पहला मोदी सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए नोटबंदी के बारे में, जीएसटी के बारे में, चीन की विदेश नीति के बारे में, निजीकरण के बारे में।दूसरा भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के कारण और तीसरा अडानी घोटाले के बारे में जो उन्होंने खुलासा किया और खासतौर से प्रधानमंत्री की भूमिका, प्रधानमंत्री की नीयत, प्रधानमंत्री की नीति, प्रधानमंत्री की दोस्ती जिसके कारण ये हम देख रहे हैं अडानी घोटाला जो एलआईसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और जो सार्वजनिक वित्तीय संस्थाएं हैं उस पर इनको इतना नुकसान पहुंचा है।तो इन सब बातों पर चर्चा हुई और हम इसको एक आदोंलन, जन आदोंलन के रूप में आगे ले चलेंगे। न केवल दिल्ली में, पार्लियामेंट तो सोमवार या मंगलवार को खत्म होने वाला है, एडजॉर्न सेनिडाई होगा पर राज्यों में, जिलों में, ब्लॉक में हम ये अभियान ले चलेंगे, हमारे संगठन, डिस्ट्रिक्ट लेवल संगठन, ब्लॉक के स्तर पर संगठन, ऐसे तो हाथ से हाथ जोड़ो अभियान तो चल ही रहा है कई राज्यों में पर उसके साथ-साथ ये जनचेतना कार्यक्रम, संविधान बचाओ कार्यक्रम अभियान चलाया जाएगा श्री राहुल गांधी के डिस्क्वालिफिकेशन को लेकर। ये बात भी उठी कि कई विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है डिस्क्वालिफिकेशन की और हमारी पार्टी ने इन बयानों का स्वागत भी किया है। एक प्रश्न के उत्तर में श्री जयराम रमेश ने कहा कि कल से शुरु होगा, आप देखते जाएंगे। अभी-अभी मीटिंग होगी उस पर जो कार्यक्रम होगा, टाइम टेबल होगा, वो तय किया जा रहा है, सोमवार से शुरु होगा।
On another question, Jairam Ramesh said- It was noted today that many opposition parties have condemned the action taken by the government unilaterally, with such a lightening speed to disqualify Shri Rahul Gandhi. We welcome this statement of all the opposition leaders and yes, there was a consensus that we should now take the job of building opposition unity in a systematic way.
Every day the Leader of the Opposition, the Congress President Mallikarjun Kharge Ji has been meeting floor leaders of Lok Sabha and Rajya Sabha, when Parliament is in session.
So, we are coordinating in Parliament, now the coordination has to be outside Parliament and it is also very heartening to note that some parties, which were not part of this floor coordination in Parliament, have also now issued public statements condemning this action of disqualification of Rahul Gandhi. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री रमेश ने कहा कि थोड़ा इंतजार कीजिए। अभी-अभी डिस्क्वालिफिकेशन के 12 घंटे, 13 घंटे भी नहीं हुए हैं, कार्यक्रम तय किया जाएगा। थोड़ा इंतजार कीजिए, पर सोमवार से शुरू होगा। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में रमेश ने कहा कि हमने स्वागत किया है और कांग्रेस उनके साथ संपर्क में रहेगी।
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Secretary