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राजनीतिक हरियाणा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उम्मीद पर खरा उतरना प्रदेश भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए चुनौती से कम नहीं

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा दौरे के दौरान सोनीपत में कार्यकर्ता बैठक में अमित शाह ने भले ही प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के कार्यों की कई बार प्रशंसा की और यहां तक कहा कि ऐसी बैठकें वे हरियाणा में पहली बार देख रहे हैं, जो प्रदेश की राजनीति में धनखड़ को और भी धाकड़ करने के लिए काफी है, लेकिन जो उम्मीद अमित शाह ने कार्यकर्ता बैठक में प्रदेश भाजपा से की है, उस पर खरा उतरना प्रदेश भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए चुनौती से कम नहीं है। अमित शाह ने बूथ पालकों और अध्यक्षों की बैठक में हरियाणा बीजेपी को यह टारगेट दिया कि पहले जिन बूथों पर पार्टी को जीत नहीं मिल सकी है, इस बार उन बूथों को जीतना है। भाजपा ने बूथों को ए, बी, सी तीन श्रेणी में रखा है। ए श्रेणी के बूथ का मतलब है, ऐसे बूथ जहां भाजपा अच्छी बढ़त के साथ जीतती रही है और बी श्रेणी में उन बूथों को लिया गया है, जहां भाजपा कम मार्जिन से जीतती है। जबकि सी श्रेणी में उन बूथों को रखा गया है, जहां भाजपा कमजोर है और जीत नहीं पाती।

बताया जा रहा है कि सोनीपत की बैठक में अमित शाह ने बूथ अध्यक्षों और बूथ पालकों की बैठक में बी श्रेणी के बूथों को ए श्रेणी में बदलने और सी श्रेणी के बूथों को बी श्रेणी के बूथों में बदलने पर जोर दिया। हालांकि अमित शाह वर्तमान में संगठनात्मक दृष्टि से हो रहे कार्यों को अभूतपूर्व भी बताया और उनकी बातों से लगा कि वे प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के संगठनात्मक कार्यों और मनोहर के कार्यों से खुश हैं, मगर अमित शाह द्वारा की गई प्रशंसा ने 2024 चुनाव में पहले के मुकाबले ज्यादा बेहतर जीत की उम्मीद प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने रखी है। अब शाह की उम्मीदों की इस चुनौती पर प्रदेश भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता कितने खरे उतरते हैं, यह तो भविष्य के गर्भ में है, पर अब तक जिस तरह ओमप्रकाश धनखड़ की कार्यशैली रही है और लगातार लोगों को कार्यकर्ता के रूप में पार्टी से जोड़ने में कामयाब हो रहे हैं, उससे लगता है कि प्रदेश भाजपा इस चुनौती से पार पा लेगी। वैसे भी हाल फिलहाल विपक्षी पार्टियों के पास ऐसा संगठनात्मक ढांचा नहीं है, जिस तरह का प्रदेश में भाजपा के पास है।

भाजपा की दृष्टि से प्रदेश में 308 मंडल हैं और 19786 बूथ हैं। अब तक एक लाख कार्यकर्ता सीधे-सीधे पार्टी के सक्रिय दायित्ववान कार्यकर्ता हैं। दायित्ववान कार्यकर्ताओं की इस लिस्ट को पांच गुना बढ़ाने के लिए इसमें लगातार पन्ना प्रमुख जोड़े जा रहे हैं। धनखड़ की योजना के अनुसार 6 अप्रैल तक 4 लाख पन्ना प्रमुख और जुड़ जाएंगे। दावे के अनुसार धनखड़ पन्ना प्रमुख खड़े करने में कामयाब हो गए तो अमित शाह ने जो उम्मीद की है, उस पर खरा उतरना थोड़ा आसान हो जाएगा। यानि असली चुनौती पन्ना प्रमुखों को खड़ा करने की है, जो प्रदेश अध्यक्ष ने खुद ली है और वे रात दिन लगातार इस पर काम कर रहे हैं। वे लगातार कार्यकर्ताओं को मोटिवेट कर रहे हैं ताकि कार्यकर्ता हर चुनौती से पार पा सके।6 अप्रैल यानी पार्टी स्थापना दिवस पर पांच लाख कार्यकर्ताओं के घरों पर पार्टी के झंडे लगाकर भाजपा अपनी ताकत दिखाएगी। भाजपा की यही ताकत उस बूथ को जीतने की तरफ एक ठोस कदम होगा, जो भाजपा पिछली बार जीत नहीं पाई थी। भाजपा सूत्रों का तो यहां तक भी कहना है कि पन्ना प्रमुखों बनाए जाने के बाद भाजपा पन्ना समिति गठन करने की तरफ बढ़ेगी। कहा ये भी जा रहा है कि ओमप्रकाश धनखड़ ने पन्ना समिति का भी खाका तैयार किया हुआ है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि अभी उनका पूरा फोकस पन्ना प्रमुखों बनाने के काम पर है। धनखड़ के अनुसार बूथ जीतो-चुनाव जीतो भाजपा का संकल्प है, चुनौती नहीं। संगठन शक्ति के दम पर हर लक्ष्य प्राप्त करेंगे।

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