अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम : साइबर थाना पुलिस ने ऑनलाइन तकनिकी सहायता देने के नाम पर दूसरे देशों के लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया हैं। इस गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किए हैं। पकड़े गए चारों आरोपियों के पास से पुलिस ने लेपटॉप, सीपीयू ,पैन ड्राइव के साथ आदि सामानों को बरामद किए हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ साइबर थाना ,गुरुग्राम में भारतीय दंड सहिंता की धारा 420 , 406 ,120 बी व 66डी, 75 आई.टी.एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज की गई। यह खुलासा आज पुलिस कमिश्नर मोहम्मद अकिल ने अपने कार्यालय के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में किया।
पुलिस कमिश्नर मोहम्मद अकिल ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर थाना के इंचार्ज को सूचना मिली थी कि इंटरनेट के जरिए दूसरे देशों के लोगों के साथ तकनिकी सहायता देने के बहा ने ठगी की जा रहीं हैं। इसके बाद उन्होनें एक विशेष टीम तैयार की और उस टीम को छापा मारने के लिए मुखबिर के द्वारा बताए गए प्लाट न. 427 ,उद्योग विहार ,फेस -3 ,गुरुग्राम में भेज दिया। जब उनकी टीम उस स्थान पर पहुंची तो उपस्थित स्टाफ इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन बातें कर रहे थे जब उन लोगों से इस संबंध में उनकी टीम ने उन लोगों से इससे जुड़े कागजात मांगें तो वह लोग नहीं दिखा सकें। इसके बाद उनकी टीम ने 4 लोगों को हिरासत में ले लिया जिनके नाम अजय मिश्रा निवासी द्वारका ,दिल्ली,अमरीश चौधरी निवासी अशोक विहार,गुरुग्राम,अंकित सक्सेना निवासी निवासी द्वारका ,दिल्ली हैं। इसके बाद वहां से पुलिस ने लेपटॉप ,सीपीयू ,पैन ड्राइव आदि सामानों को बरामद किए हैं। जब लेपटॉप की जांच पड़ताल की गई तो उसमें से पुलिस को बहुत अहम जानकारियां मिली।
उनका कहना हैं कि जब आरोपियों ने पुलिस ने पूछताछ की तो उन लोगों ने पुलिस को बतलाया कि वे विदेशी लोगों से आनलाईन तकनीकी (MS-Windows, Printer MS-office related errors) सहायता देने के नाम पर कम्पयूटर का रिमोट एक्सस लेकर उनसे ठगी कर लेते थे। कभी-कभी तो ये उनके बैंकिग सिस्टम तक को हैक कर लेते थे। ये लोग मुलतः अमेरिका के लोगों को अपना शिकार बनाते थे। विदेश के लोगों के साथ इस प्रकार की धोखाधङी इसलिए करते थे ताकि उनके द्वारा की गई धोखाधङी की शिकायत पुलिस को आसानी से न की जा सके। ये पेमेन्ट वरचुअल पेमेन्ट गेटवे, क्रेडिट-डेबिट कार्ड, गिफ्ट कार्ड, आई. ट्यून्स कार्ड इत्यादि के माध्यम से ही करवाते थे।उनका कहना हैं कि आरोपी लोग अधिकतर ये लोग USA में लोगों के साथ ठगी करते थे। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का नाम लेकर भी ये लोग इस तरह की ठगी करते थे।