अमोद श्रीवास्तव की रिपोर्ट
लखनऊ:पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश एवं द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) और स्विस एजेंसी फॉर डेवलपमेंट एंड कोऑपरेशन (एसडीसी) के सहयोग से होटल क्लार्क्स अवध में 7 सितंबर यानी इंटर्नैशनल डे अफ क्लीन एयर फ़ोर ब्लू स्काइज़ के दिवस को द एयर वी शेयर विषय पर “गेनिंग स्ट्रेंथ टू कॉम्बैट एयर पोलयूशन: हार्नेसिंग मीडिया सपोर्ट विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
मंत्री अरुण कुमार सक्सेना,पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), यूपी ने पीएम 2.5 के उत्सर्जन सूची और स्रोत योगदान पर एक रिपोर्ट जारी की। कार्यशाला के दौरान उन्होंने कहा,आज के युग में पर्यावरण हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और पंचसूत्र को अपनाना चाहिए साथ ही मीडिया के पास सही ज्ञान
साझा करने और जागरूकता पैदा करने के साथ लोगों को जागृत करने की शक्ति है और मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ है। टेरी ने यह अध्ययन एसडीसी तथा यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से ‘भारत में स्वच्छ वायु परियोजना (कैप इंडिया)’ किया गया था।
मीडिया को संबोधित करने के लिए डॉ विभा धवन (डीजी टेरी), श्रीमती ममता संजीव दुबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मनोज सिंह ए.सी.एस (ई.एफ एंड सी.सी) और आशीष तिवारी भी उपस्थित थे। टेरी के कुलपति प्रतीक शर्मा और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. मुकेश शर्मा ने उत्सर्जन सूची पर मीडिया को तकनीकी जानकारी साझा की । डॉ प्रतीक शर्मा ने कहा,वायु प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करना वायु प्रदूषण का मुकाबला करने के लिए पहला कदम है और मीडिया के पास जागरूकता पैदा करने के लिए सही जानकारी के साथ लोगों तक पहुंचने की शक्ति है। कार्यशाला में सामूहिक जवाबदेही और सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए वायु प्रदूषण की सीमा पार प्रकृति पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसका उद्देश्य पत्रकारों को विज्ञान, नीति और सार्वजनिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से वायु प्रदूषण को समझने, विश्लेषण करने और रिपोर्ट करने में सक्षम बनाना और राष्ट्रीय, राज्य और शहर के स्तर पर इस मुद्दे के साथ मीडिया जुड़ाव को बढ़ाना
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