अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के शाजापुर में जन आक्रोश रैली को संबोधित किया। रैली में राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के घोटालों को गिनाते हुए मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार का केंद्र बताया। इसी के साथ उन्होंने महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण और जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाते हुए मोदी सरकार को जमकर घेरा। इस दौरान मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला,कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह,पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।रैली में उमड़े लाखों के जनसमूह को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश हिंदुस्तान में भ्रष्टाचार का केंद्र है। पूरे देश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार भाजपा ने मध्य प्रदेश में किया है। भाजपा ने बच्चों के फंड, मिड-डे मील और स्कूल यूनिफॉर्म के फंड के साथ महाकाल कॉरिडोर में पैसा चोरी किया। व्यापम घोटाले ने एक करोड़ युवाओं की ज़िंदगी तबाह कर दी। मध्य प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें बेची जाती हैं, पेपर लीक किए जाते हैं।
किसानों के मुद्दे उठाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों को फसलों के सही दाम नहीं मिल रहे हैं। कमलनाथ जी किसानों का कर्ज माफ कर रहे थे तो भाजपा ने धोखा देकर सरकार चोरी कर ली। मध्य प्रदेश में पिछले 18 साल में 18 हजार किसानों ने आत्महत्या की हैं। हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार किसान टैक्स दे रहा है। भाजपा किसानों को दबाने, खत्म करने के लिए काले कृषि कानून लाई थी। राहुल गांधी ने आगे कहा कि संसद में अडाणी का मुद्दा उठाने पर उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। पोर्ट, एयरपोर्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत हर जगह अडानी जी दिखाई देंगे। जनता की जेब से पैसा निकलता है और सीधा दो उद्योगपतियों की जेब में जाता है। सरकार जनता के लिए चलनी चाहिए, किसी संगठन या एक-दो उद्योगपतियों के लिए नहीं चलनी चाहिए। कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकारें गरीब और कमजोर वर्ग के लिए काम करती हैं। कांग्रेस मध्यप्रदेश में भी जनता के लिए सरकार चलाना चाहती है।राहुल गांधी ने सवाल उठाए कि महिला आरक्षण से पहले सेंसस और परिसीमन करने की क्या जरूरत है? इन शर्तों से महिला आरक्षण 10 साल बाद लागू होगा। कांग्रेस ने कहा कि इन दोनों शर्तों को हटाइए, मगर भाजपा ने कोई जवाब नहीं दिया। कांग्रेस ने सरकार से यह सवाल भी पूछा कि महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं है? राहुल गांधी ने ओबीसी की भागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस की चार सरकारों में तीन मुख्यमंत्री ओबीसी हैं। वहीं कानून बनाते समय भाजपा के ओबीसी विधायकों और सांसदों को पूछा तक नहीं जाता है, कानून आरएसएस के लोग और अफसर बनाते हैं। हिंदुस्तान को चलाने वाले केंद्र के 90 सेक्रेटरीज में से सिर्फ तीन ओबीसी हैं। जबकि हिंदुस्तान में ओबीसी की आबादी लगभग 50 प्रतिशत है। मोदी ओबीसी, दलितों, आदिवासियों के लिए काम नहीं करते हैं। वह सिर्फ जनता का ध्यान भटकाते हैं। कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का कानून पास किया था, मगर भाजपा ने उसे रद्द कर दिया।राहुल गांधी ने कहा कि यूपीए सरकार ने जातिगत जनगणना करवाई थी। मोदी सरकार के पास वो आंकड़ें हैं। मगर प्रधानमंत्री मोदी बताना नहीं चाहते कि ओबीसी कितने हैं। क्योंकि मोदी ओबीसी को भागीदारी नहीं देना चाहते हैं। देश में ओबीसी, दलित, सामान्य, आदिवासी कितने हैं, इसका जवाब सिर्फ जातिगत जनगणना से ही मिल सकता है। जातिगत जनगणना हिंदुस्तान का एक्सरे है। जब वह जातिगत जनगणना का सवाल उठाते हैं तो नरेंद्र मोदी भाग जाते हैं। भाजपा कांपने लगती है। नफरत फैलाने का प्रयास किया जाता है। कांग्रेस की सरकार बनने पर पहला काम जातिगत जनगणना का होगा।
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