विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़: लोक अदालत सभी प्रकार की परेशानियों से निजात पाने एवं आपसी एकता व भाईचारा कायम रखने का सशक्त माध्यम है। लोक अदालत में दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रख कर ही फैसले दिए जाते हैं इसलिए समय-समय पर आयोजित होने वाली लोक अदालतों का लोगों को हर हाल में फायदा उठा लेना चाहिए।उक्त विचार न्यायालय महेन्द्रगढ़ में सिविल जज धर्मपाल ने शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में लोगों के केसों की सुनवाई एवं निपटारा करने उपरांत लोक अदालतों का महत्व बताते हुए व्यक्त किए।
आयोजत राष्ट्रीय लोक अदालत में 128 केस प्रस्तुत किए गए जिसमें 28 पैंडिंग केस व 90 प्री-लिटिगेशन केस शामिल हैं। जिनमें से 13 केसों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया जिनमें प्री-लिटिगेशन में बैंक रिकवरी के 6 केस, पैंडिंग केसों में बैंक रिकवरी का एक, वैवाहिक मामला एक, समरी केस के 3 मामले व सिविल केसों के दो मामले शामिल हैं। विभिन्न मामलों में कुल 1225700 रूपये की राशि सैटलमेंट की गई। इस अवसर पर जज धर्मपाल ने लोक अदालत में प्रस्तुत केसों की सुनवाई करते हुए कहा कि लोगों को कोर्टों के चक्कर काटने से होने वाली शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक परेशानियों से मौके पर ही छुटकारा पाने तथा आपसी भाईचारा बनाए रखने के लिए लोक अदालत सशक्त माध्यम है। न्यायालय में समय-समय पर लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है जिनका लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों में निपटाए जाने वाले केसों में किसी भी पक्ष की जीत या हार नहीं होती क्योंकि दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही आपसी सहमति से मामलों का निराकरण किया जाता है जिससे लोगों में आपसी भाईचारा भी कायम रहता है।