विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़ : हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले जम्मू-कश्मीर के दो युवाओं के साथ मारपीट मामले में तीन स्थानीय युवाओं की गिरफ्तारी और उन्हें जेल भेजने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा है। आज सोमवार को विभिन्न समुदायों से जुड़े लोगों ने राव तुलाराम चौक पर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया और जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का पुतला फूंका। इसके बाद युवा प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और वहां मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। मोटरसाइकिलों की भिड़ंत के बाद दो लड़कों के गुटों में हुई सामान्य मारपीट को जातिगत रंगत दिए जाने से क्षेत्र के लोग नाराज हैं। इसी कड़ी में सोमवार को सर्व समाज मंच के बैनर तले लोग इकट्ठा हुए और जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ नारे लगाए। वक्ताओं ने कहा कि दो गुटों में मारपीट हुई थी, इसलिए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। लेकिन प्रदेश सरकार ने एक गुट के छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया जबकि जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए दूसरे गुट को छोड़ दिया।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने ज्ञापन में कहा कि जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सेना पर पत्थर फेंकने वाले हजारों पत्थरबाजों पर से मामले वापस ले लिए। दूसरी ओर, हमारे जिले के नौजवानों से सामान्य मारपीट करने पर तीन युवाओं को गिरफ्तार कर लिया। ऐसे झगड़े कॉलेजों में होते रहते हैं, जिन्हें मिल-जुलकर सुलझा लेते हैं, गिरफ्तारी की जरूरत नहीं पड़ती। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से पकड़े गए युवाओं को बरी करने की मांग की गई है। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जिला पार्षद प्रदीप मालड़ा ने कहा कि जिस तरह से छात्रों के छोटे झगड़े में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, उसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है। कश्मीर में हमारे सैनिकों में पत्थरबाजी की जाती है और यहां सामान्य मारपीट को भी मुद्दा बना दिया गया। यहां के बच्चों को भी मारपीट में चोट आई, लेकिन उनका मेडिकल तक नहीं करवाया गया। दोनों गुटों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वहां की मुख्यमंत्री ने मामले को हिन्दू-मुसलिम का रंग देने की कोशिश की है।
समाजसेवी विनोद पाली ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मामूली कहासुनी में मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय ने संज्ञान लेकर हिन्दू-मुसलिम के भाईचारे को खराब करने का प्रयास किया है। यहां के हजारों सैनिक जम्मू-कश्मीर में सेवा कर रहे हैं और उन पर पत्थर फेंकने वालों के खिलाफ वहां की मुख्यमंत्री कोई कार्यवाही नहीं कर रही जबकि यहां छोटे मामले को तूल दे रही हैं। उन्होंने कहा कि वे स्थानीय बच्चों को न्याय दिलवाएंगे। यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो बड़ी पंचायत बुलाकर आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने राव तुलाराम चौक पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का पुतला फूंका। वहां से प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा।