विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़:शहर की सरकार को गिराने की मुहिम टांय-टांय फिस्स होती नजर आ रही है। इसका सबसे प्रमुख कारण पार्षदों में नए प्रधान को लेकर सहमति नहीं बनना बताया जा रहा है। इसके अलावा भी कुछ तकनीकी खामियां बताई जा रही हैं, जिनके चलते अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों के बीच मन मुटाव है। यह तकनीकी कारण क्या है, इस बारे में लोगों में चर्चाएं हैं। इस्तीफा देने वाले तीन पार्षदों का मसला भी महत्वपूर्ण रहेगा। नगरपालिका चेयर पर्सन रीना देवी के खिलाफ 19 फरवरी को कुछ पार्षदों ने जिला उपायुक्त से मिलकर अविश्वास जताया था। तभी से ये नगर पार्षद भारत भ्रमण पर चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से एक गुट के 10 पार्षद कई जगह का भ्रमण करने के बाद अब करीब 2000 किलोमीटर दूर गोवा के एक रिजोर्ट में रुके हुए हैं और समुद्री पानी के साथ अठखेलियां कर रहे हैं। दूसरे गुट के पांच पार्षदों ने भी अभी तक एकजुटता बनाई हुई है। इस गुट के पार्षद हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले गुट के पार्षदों में वर्तमान चेयरपर्सन को हटाने पर तो सहमति बन गई है, लेकिन उनका स्थान लेने वाले नए प्रधान पर एकमत नहीं हो पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मामले में एक ÞतकनीकीÞ पेंच भी फंसा हुआ है, जिसे हल करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा। इसके चलते पार्षदों में मतदान के समय फूट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। उनके भ्रमण का खर्चा उठाने वाले ÞमैनेजरÞ पहले अविश्वास प्रस्ताव पारित करने पर बल दे रहे हैं। उनका कहना है कि नए प्रधान के मसले को बाद में मिलकर सुलझाया जा सकता है। नगरपालिका महेंद्रगढ़ में कुल 15 पार्षद थे, जिनमें से तीन गत पहली दिसंबर को इस्तीफा दे चुके हैं। जिला उपायुक्त गरिमा मित्तल ने तीनों के इस्तीफे स्वीकार कर इन्हें डी-नोटिफाइ करने के लिए निदेशालय को भेज दिए थे, लेकिन अभी तक इनका इस्तीफा डी-नोटिफाइ नहीं किया गया है। इसके चलते इन पार्षदों के मतदान में हिस्सा लेने को लेकर संशय बना हुआ है।
पालिका एक्ट के अनुसार चेयरमैन व उपचेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए पार्षदों का दो तिहाई बहुमत आवश्यक है। वर्तमान में 12 पार्षदों में से यदि आठ प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करते हैं तो प्रस्ताव पारित हो जाएगा, लेकिन इसकी संभावना नजर नहीं आ रही। दूसरी तरफ, यदि इस्तीफा देने वाले तीनों पार्षदों को मतदान का अधिकार मिलता है तो प्रस्ताव पारित करवाने के लिए 10 मतों की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल असंतुष्ट गुट के पास सात पार्षदों के साथ तीन इस्तीफा देने वाले पार्षद हैं। चेयरपर्सन गुट की तरफ पांच पार्षद हैं।
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