विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़: महेंद्रगढ जिला सैनिक वीरे की जन्मस्थली है यहा पर आजादी की प्रथम क्रांति से लेकर देश की रक्षा मे तत्पर सबसे अधिक सैनिक दिये हैं । यह वह स्थली है जहा पर हर धर्म जाति को समान मान सम्मान होता अकबर बीरवल हेमु, गुबंद मंदिर मस्जिद सभी धार्मिक स्थल सभी त्योहार पुरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है ।लेकिन महेंद्रगढ जिले को बदनाम करने के लिए कुछ सांप्रदायिक ताकते लगातार अपने प्रयास कर रही लेकिन यहा की पावन धरा पर जन्मे मां भारती के सपुत रुपी जनता अपने जिले की विरासत वह धर्मनिरपेक्षता को कायम रखे हुए हैं ।यह वह भूमि है जहा पर चमन महाराज ने नारनौल की ढोसी की पहाडी पर तपस्या की , बाघोत धाम जहा भगवान शिव आराधना स्थल है।
इस भूमि को बदनाम करने के लिए प्रत्येक मुद्दे को सांप्रदायिकता का रंग दिया जा रहा है जो असहनीय है यह विचार कुलदीप यादव पी. आर. ओ सरताज जनसेवा ग्रुप महेंद्रगढ ने यहा तत्काल मे 2 फरवरी 2018 को महेंद्रगढ मसानी चौक पर हुई एक मामूली झगड़े में एक धर्म विशेष के लडके के साथ हुई कहासुनी पर गलत कानूनी धारा लगाकर गिरफ्तार करने के विरोध मे सरताज फार्म पर मिटींग मे कहे। मामला यह है कि कुछ महेंद्रगढ के लडके व मुस्लिम लडके कि गाडी मे मामुली भिडने ले हुई कहासुनी में जवानी के जोश मे मारपीट तक पहुच गयी लेकिन मुस्लिम लडके ने इसे सांप्रदायिक रंग देकर धर्म से जाडकर बहुत बडा बवंडर खडा कर दिया रही सही कसर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने पुरी कर दी तथा अग्रेसिव होकर किये गए ट्वीट ने आग में घी डालने का काम किया और महेंद्रगढ़ पुलिस पर पूरा दबाव बनाती है।क्योंकि तथाकथित अपराध के पीङित एक ‘समुदाय विशेष’ के हरियाणा केन्द्रीय विश्वि विद्यालय के छात्र थे।
ये दो धर्मों का झगड़ा नही है, ना ही ये कश्मीर और हरियाणा का झगड़ा है ये दो इंसानो का झगड़ा है ।ये रोड पर चलने वाले आज के दो युवाओं का झगड़ा है जो अपनी जवानी के जोश में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में दो गाडियो के टकराने का है ।ये मामला इतना बड़ा व नाजुक नही था इसे सियासी रंग न दिया जाये।लगभग 12 ही घंटों में IPC 148,149,323,341 ओर 506 धारा लगा कर FIR भी दर्ज हो जाती है जांच भी हो जाती और गिरफ्तार भी हो जाते है , बहुत ही निंदनीय व शर्मनाक कार्यवाही लेकिन इन सब प्रश्नों से बङा प्रश्न यह है कि अब से कुछ ही महीनों पहले जहां के तथाकथित पीड़ित छात्र हैं उसी हरयाणा के केंद्रीय विश्वविद्यालय में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए जाते हैं, एक ऐसे नाटक का मंचन होता है जिसमें भारतीय सेना को बलात्कारी दिखाया जाता है इन दोनो घटनाओं पर न जाने पुलिस की संवेदनशीलता,तत्परता कर्मठता कहाँ चली गई थी । सैकड़ो सैनिक और उनके समर्थन में हजारों नागरिक महीनों तक धरने पर बैठे रहे आंदोलन किया गया और सबूत प्रस्तुत किए यहां तक की उस नाटक के मंचन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी प्रस्तुत की गई थी।
पुलिस के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी तब मामला सहिष्णुता से जोड़ा जाता था। पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा इसी केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर की एक दीवार पर लिखा गया जिसकी रिकॉर्डिंग, जिसकी वीडियो जिसकी फोटो सब पुलिस को मुहैया कराई गई लेकिन तब भी FIR दर्ज नहीं हुई। जो बहुत ही चिंता का विषय है । हम इस घटना की निंदा करते है तथा सभी युवाओ पर दर्ज बेबुनियादी मुकदने वापस लेने की मांग करते है ।उन्होंने कहा कि प्रसासन 2 दिन में ये मामले वापिस ले ले नहीं लेती है 8 फरवरी को राव तुलाराम चोक से लेकर महेन्द्रगढ़ तहसील तक प्रदर्शन करेंगे।इसमे अगर कोई अनहोनी होती है तो उसका जिम्मेदार प्रसासन रहेगा ।।इस मौके पर भीम सिंह ,नरेश खातोद,मोनू पाली,दीपक पाली,संदीप खातोद ,कृष्ण खातोड़दा ,सचिन पाली,अक्षत सिगड़ा ,विकास बेरी,प्रदीप बेरी,विकास जावा ,नरेश नोताना,अशोक पाली,बलजीत बसई,महिपाल पाली,दिनेश पाली ,संजय सिगड़ा ,नवीन पाली समेत सैकड़ो युवा मौजूद रहे ।
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