विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़ : स्वास्थ्य विभाग रेवाड़ी की टीम ने गांव रिवासा में एक घर रंगे हाथों भ्रूण लिंग जांच गोरख धंधे का भांडाफोड़ किया है। टीम ने मौके पर एक पोटेबल मशीन, जैल तथा मोबाइल बरामद किया है। इस गोरख धंधे में दो व्यक्ति और एक लेडिज शामिल हैं। तीनों को ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
जिला उपायुक्त रेेेवाड़ी को सूचना मिली थी महेंद्रगढ़ के गांव रिवासा में भ्रूण लिंग जांच का गोरख धंधा चलता है। इसके लिए जिला उपायुक्त ने एक टीम गठित की। टीम में रेवाड़ी के एसएमओ डॉ. विजय प्रकाश, डॉ. भंवर सिंह, हेमंत ग्रोवर, सीडीपीओ रेवाड़ी शालू यादव थे जबकि स्कीयोरिटी की ओर से एसआई विद्यासागर, मनोज, दीनदयाल, लेडिज पुलिस पपीता आदि थे। पूरी टीम ने एक डिकॉय पेशेंट हायर किया और उसे 30 हजार रुपये देकर भेज दिया गया। जैसे ही डिकॉय पेशेंट महेंद्रगढ़ पहुंची तो उसे ओवर ब्रिज के पास एक बाइक सवार लेने पहुंच गया। इसके बाद उसे दो घंटे महेंद्रगढ़ में एक कार में घूमाया गया। उसके बाद वो गांव रिवासा में ओवर ब्रिज के पास एक घर में पहुंचे जहां पर टीम ने छापेमारी कर दी। छापेमारी के दौरान टीम ने आरोपी पवन पुत्र सरजीत निवासी छुछकवास, रामकला पत्नी स्व. सरजीत निवासी छुछकवास, सतपाल पुत्र प्रभाती निवासी गांव खेड़ा को हिरासत में लिया है। इसके अलावा टीम ने 28 हजार रुपये की नकदी भी उनसे बरामद किए हैं। टीम ने पहले ही नोटों की फोटो कॉपी कर रख ली थी।जब उनको मिलाया गया तो वही नोट मिले जो डिकॉय पेशेंट को देकर भेज गए थे। इसके अलावा एक पोर्टेबल मशीन, जैल तथा मोबाइल भी बरामद किया। टीम मशीन को शील कर अपने साथ ले गई। समाचार लिखे जाने तक अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ था।
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क्लीनिक चलाता था मुख्य आरोपीः
स्कीयोरिटी इंचार्ज विद्यासागर ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी पवन पुत्र सरजीत निवासी छुछकवास है। आरोपी पहले किसी गांव में क्लीनिक चलाता था। तीन महीने से वह घर पर रहता था। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य से वह 3.50 लाख रुपये की मशीन खरीद कर लाया था। इंचार्ज ने बताया कि आरोपी की मां भी इस काम में उसका साथ दे देती थी। जिस घर में यह धंधा चल रहा था उसका मालिक गांव आकोदा में क्लीनिक खोल रखी है जबकि आरोपी पवन का घर उसके बगल में हैं।
यूं हुई छापेमारी की कार्रवाई :
यहां हम आपको बता दें कि डिकॉय पेशेंट को 30 हजार रुपये देकर भेजा था। डिकॉय पेशेंट जब महेंद्रगढ़ पहुंची तो उसने फोन पर आरोपियों को सचना दे दी थी। रिवासा ओवरब्रिज के पास एक बाइक को भेजा गया। जिस पर बैठकर उसे पहले रेवाड़ी की ओर कुछ दुरी पर ले गए। वहां से बाइक से उतारकर उसे एक सफेद वैगनआर कार में बैठा दिया गया। वैगनआर को लगभग दो घंटे इधर-उधर घुमाया गया और लगभग 2.30 बजे उसे मौके रिवासा गांव के एक घर पर ले जाया गया। पैसे देने के बाद जब आरोपियों ने जांच शुरू की, इसी दौरान जांच करने गई टीम ने छापेमारी कर दी। गांव रिवासा में ओवरब्रिज के पास एक घर में टीम ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान टीम ने आरोपी पवन पुत्र सरजीत निवासी छुछकवास, रामकला पत्नी स्व. सरजीत निवासी छुछकवास, सतपाल पुत्र प्रभाती निवासी गांव खेड़ा, ललिता पत्नी जोगेंद्र निवासी मससपुर और मकान मालकिन अंजू को हिरासत में लिया। इसके अलावा टीम ने 28 हजार रुपये की नकदी भी उनसे बरामद कर ली। टीम ने पहले ही नोटों की फोटो कॉपी कर ली थी। जब उनको मिलाया गया तो वही नोट निकले, जो डिकॉय पेशेंट को देकर भेजा गया था। इसके अलावा एक मौके से पोर्टेबल मशीन, जेल तथा मोबाइल भी बरामद किए गए हैं। टीम मशीन को शील कर अपने साथ ले गई। मंगलवार शाम तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था।