विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़: आज के विद्यार्थी ही विश्वगुरु भारत के निर्माण की कुंजी हैं। इनका मजबूत व सक्षम होना देश के लिए आवश्यक है। इनका चारित्रिक एवं नैतिक विकास जितना उन्नत होगा, भारत उनती ही शीघ्रता से अपना स्वर्णिम ऐतिहासिक गौरव पुनः प्राप्त कर सकेगा। योग एवं वैदिक-नैतिक शिक्षा ही इसमें सहायता कर सकती है। उक्त विचार पतंजलि योग समिति महेंद्रगढ़ के जिला प्रभारी व प्रशिक्षक निलेश मुदगल ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ग्राम माण्डोला के विद्यार्थियों व शिक्षकों के मध्य रखे।
निलेश ने कहा की विद्यार्थी-जीवन में प्रातःकाल नियमित रूप से कम से कम 1/2 घंटे का समय योग के लिए निकालकर दिन के 24 घंटों के लिए हम सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर सकते हैं। प्रतिदिन का योगाभ्यास हमें सकारात्मक व खुश रखता है।
वर्त्तमान में बच्चों, विशेषतौर पर बालिकाओं में रक्ताल्पता यानि खून की कमी की अनेकों शिकायतें देखने को मिली हैं। इसके कारण कमजोरी, उदासी, आलस्य, चेहरे की चमक उड़ना, थकान आदि से दो-चार होना पड़ता है। प्रतिदिन योगाभ्यास करके व लौह तत्व से भरपूर खानपान के द्वारा हम इससे मुक्ति पा सकते हैं। इसके लिए अंकुरित अनाज, गुड़-चना, टमाटर, गाजर, मेथी, बथुआ, पालक, चुकन्दर, बाजरा आदि अत्यंत लाभकारी हैं। उन्होंने आगे बताया कि प्राणायामों की दृष्टि से बच्चों के लिए नियमित रूप से 3 मिनट भस्त्रिका प्राणायाम 5 से 7 मिनट कपालभाति तथा 8 से 10 मिनट अनुलोम-विलोम प्राणायाम का अभ्यास पर्याप्त होता है।
इसी प्रकार सूर्य नमस्कार के साथ साथ सर्वांगासन, हलासन, चक्रासन, सेतुबंधासन, पूर्वोत्तनासन, पश्चिमोत्तानासन, ताड़ासन, वृक्षासन, गरुड़ासन आदि का अभ्यास भी लाभदायक है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरसिंह ने कहा की योग सभी रोगों की अचूक दवा है। यह न केवल रोगमुक्ति दिलाती है अपितु भक्ति व शक्ती भी प्रदान करती है। अब से विद्यालय में डीपीई कृष्ण कुरहावटा की दिशानिर्देशन में समय की उपलब्धता अनुसार नियमित योगभ्यास कराया जाएगा। विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी इसे नियमित रूप से अपनाना चाहिए। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को प्रातःकाल जल्दी उठने व उठकर योगाभ्यास करने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर समस्त विद्यालय स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।