विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़: योग और ध्यान मन को एकाग्र करने में सहायक है। एकाग्र मन से स्मरण शक्ति का विकास होता है। स्मरण शक्ति एवं बौद्धिक क्षमता जीवन में प्रगति के लिए प्रमुख साधन माने जाते है। योग से मानसिक क्षमताओं का विकास होता है और स्मरण शक्ति पर भी गुणात्मक प्रभाव होता है। उक्त विचार पतंजलि योग समिति जिला प्रभारी निलेश मुदगल ने ग्राम बुडीन के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों के मध्य रखे।निलेश ने कहा कि योग मन को विभिन्न विषयों से हटाकर स्थिरता प्रदान करता है और कार्य विशेष में मन को स्थिर करने में सहायक होता है। तनाव मुक्त होने से शरीर और मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
कार्य करने की क्षमता भी बढ़ती है। योग तर्क शक्ति का भी विकास करता है एवं कौशल को बढ़ता है। योग की क्रियाओं द्वारा तार्किक शक्ति एवं कार्य कुशलता में गुणात्मक प्रभाव होने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है। किसी भी कार्य में कुशलता का प्रयोग करते हुए उसे और अधिक बेहतर करना भी योग की एक प्रभावशाली परिभाषा है। योगशिक्षक निलेश ने आगे कहा की प्रत्येक विद्यार्थी को प्रातःकाल नियमित रूप से आधा घंटे का समय योग के लिए अवश्य देना चाहिए। वहीँ जागरूक माता-पिता एवं शिक्षकों का यह परम कर्त्तव्य है कि वे बच्चों की दिनचर्या में योग को रूचिकर बनाते हुए स्थापित करें। यह एक प्रक्रिया है जो भविष्य में अनंत संभावनाएं के द्वार खोलती है। इससे हमारी कल्पना शक्ति तथा रचनात्मकता में वृद्धि होती है। छुपी हुई प्रतिभाएं बाहर आती है, दृष्टि बदलती है तथा आत्मविश्वास बढ़ता है। विद्यालय की प्रधानाचार्या सुनीता यादव ने बताया कि पढ़ाई के चलते कई बार विद्यार्थी तनाव में रहते हैं। इससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है। योग ऐसी क्रिया है जिसका कोई खर्च नहीं देना पड़ता है। सुबह, शाम नियमित रूप से योग करके बीमारी मुक्त शरीर बना सकते हैं। मनुष्य की आलसी प्रवृत्ति के चलते शरीर बीमारियों का घर बन जाता है। इस अवसर पर योगशिक्षक संदीप आर्य खतोदडा , प्रवक्ता मनोज दिनेश पुरुषोत्तम महेश कैलाश आदि सहित समस्त विद्यालय स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।