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मल्लिकार्जुन खड़गे बोले, तेरे जैसे लोग बहुत इस देश में आए हैं और चले गए-लाइव वीडियो सुने उन्हीं की जुबानी।

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज के इस महाधिवेशन निमित एक बहुत बड़ी जनसभा यहां पर हमारे कांग्रेस पार्टी के छत्‍तीस गढ़ के नेतागण, मुख्‍यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्‍य, पीसीसी के अध्‍यक्ष और उनके कार्यकारी सदस्‍य सभी ने मिलकर इसका आयोजन किया है। अभी इस मीटिंग में आपको संबोधित किया श्रीमती प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत जी, केसी वेणुगोपाल जी, कुमारी शैलजा जी, भूपेश बघेल जी, सुखविंदर सुक्‍खू जी और जाने-माने हमारे नेता और खासकर के आर्थिक मामलों और कानून के ज्ञानी चिदंबरम जी और हरिप्रसाद जी, सुखजिंदर सिंह रंधावा जी, सलमान खुर्शीद साहब, सीनियर लीडर नासिर हुसैन जी और अध्‍यक्ष मोहन मरकाम जी, राजा वडिंग जी, हमारे गोविंद सिंह डोटासरा जी, इंडियन यूथ कांग्रेस अध्‍यक्ष श्रीनिवास जी, एआईसीसी के सेक्रेट्रीज और यहां पर उपस्थित हमारे विधायक मित्र, हमारे पार्लियामेंट मेंबर्स और सारे कार्यकर्ता और सीनियर लीडर शिवराज पाटिल साहब और जयप्रकाश अग्रवाल जी और भी बहुत से नेता इस मंच पर हैं, लेकिन समय के अभाव के कारण सभी का नाम लेना मुश्किल है और खासकर मीडिया के जो दोस्‍त हैं, वो दिल्‍ली से भी आए हैं, यहां के भी हैं और कड़ी धूप में वो भी लोग हमारे 4 शब्‍द सुनने आए हैं।

दोस्‍तों, मैं छत्‍तीसगढ़ प्रदेश के लोगों को बहुत-बहुत धन्‍यवाद देता हूं, क्‍यों‍कि आपने ऐसा शानदार प्‍लेनरी सेशन छत्‍तीसगढ़ में मनाया और देश के कोने-कोने से 10,000 डेलीगेट्स यहां पर पहुंचे हैं। कन्‍याकुमारी से लेकर कश्‍मीर तक, पश्चिम बंगाल से लेकर गुजरात तक और नॉर्थ ईस्‍ट के भी कई जगह से यहां पर डेलीगेट्स आए हैं तो सबको एक जगह लाने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया। सोनिया गांधी जी ने कहा कि छत्‍तीसगढ़ में होना चाहिए और भूपेश बघेल जी ने तो सबसे पहले आमंत्रण दिया कि मेरे क्षेत्र में, मेरे स्‍टेट में कांग्रेस का बहुत बड़ा अधिवेशन होना चाहिए, हमारे लोग तैयार हैं। चाहे वो ईडी की रेड हो, सीबीआई की रेड हो, चाहे कुछ भी हो, हम यशस्‍वी बनाकर दिखाएंगे, ये उनका दावा था और आज वो हम आंखों से देख रहे हैं, ये सब उन्‍होंने साबित कर दिया, चाहे कितनी भी तकलीफ हो, इसको यशस्‍वी बनाएंगे, ये उन्‍होंने किया और इससे पहले हमारे उदयपुर सेशन में तो अपने गहलोत साहब ने वहां पर राजस्‍थान में किया था तो इसी ढंग से आज यहां प्‍लेनरी सेशन ऐतिहासिक है।

85वां सेशन है, ऐसे सेशन हर जगह नहीं होते हैं, हर जगह मीटिंग्स होती हैं, हर जगह कॉन्‍फ्रेंसेज़ होती हैं, हर जगह पब्लिक मीटिंग होती हैं, लेकिन ये प्‍लेनरी सेशन होना, ब्‍लॉक कांग्रेस कमेटी से लेकर, पीसीसी से लेकर, आज एआईसीसी का जो पद मुझे मिला, ये कांग्रेस पार्टी ने बहुत बड़ा गौरव मुझे दिया है। इसलिए हमारे डेलीगेट्स को भी मैं धन्‍यवाद देता हूं, हमारी जो स्‍टीयरिंग कमेटी है, उनको भी मैं धन्‍यवाद देता हूं और खासकर सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी, प्रियंका जी, इन्‍होंने जो मुझ पर प्रेम जताया और अपना एक भरोसा रखा, उस भरोसे क‍े काबिल रहने की मैं पूरी-पूरी कोशिश करूंगा।छत्‍तीसगढ़ के सम्‍म‍ानित नागरिकों, हमारे रायपुर महाधिवेशन के मौके पर छत्‍तीसगढ़ प्रदेश कमेटी द्वारा मोतीलाल वोरा सभास्‍थल पर आयोजित ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ जनसभा में पधारे सभी मित्रों का फिर एक बार मैं स्‍वागत करते हुए, आज ये भी आपको बताना चाहता हूं कि आज की जो सरकार है केन्‍द्र में, ये लोकतांत्रिक सरकार नहीं है, यह लोगों के लिए काम करने वाली सरकार नहीं है। ये सिर्फ अपनी डिक्‍टेटरशिप चलाते हैं। हमको आपकी ओर से, गरीबों की ओर से, स्‍त्रियों की ओर से, एससी-एसटी लोगों की ओर से कोई बात रखने के लिए हमें आजादी नहीं है।कोई भाषण हम करते हैं, जनता के हित में और राहुल जी ने भी पार्लियामेंट में बोला, मैंने भी राज्‍यसभा में अपना भाषण किया, मेरा भी भाषण काट दिया, राहुल गांधी जी का भी भाषण काट दिया। हमने कोई गलत शब्‍द नहीं बोला है, हमने किसी को गाली नहीं दी है, हमने सिर्फ उनसे हिसाब पूछा, जिस अडानी की 2004 से पहले संपत्ति थी- 3,000 करोड़ रुपए, 2014 में बनी 50,000 करोड़ रुपए और 2021 से लेकर 2023 तक ढाई साल में अब बनी कम से कम 13 लाख करोड़ रुपए। ऐसा कौन सा जादू है हमको बताइए, नहीं तो प्रोग्राम की जरूरत ही नहीं है, वेलफेयर स्‍कीम की जरूरत नहीं है, प्रधानमंत्री किसान बीमा की जरूरत नहीं है, जो मंत्र आपने अडानी को पढ़ाया, वो ही मंत्र हमको भी बताइए।एक रुपए का तेरह रुपए कैसे होता है या एक लाख करोड़ का तेरह लाख करोड़ कैसे होता है सिर्फ ढाई साल में, एक व्‍यक्ति के लिए पूरा राष्‍ट्र उन्‍होंने गिरवी रखा, पूरे राष्‍ट्र के लोगों को तबाह किया, किसका पैसा है? 80,000 करोड़ रुपए उन्‍होंने एक इंसान को, एक कंपनी को अगर लोन दिया है, क्‍या वो किसी की ओर से भी नहीं है? वो एलआईसी का पैसा है, जो हम लोग हमारे बच्‍चों के लिए इंश्‍योरेंस करवाते हैं, हमारे लिए इंश्‍योरेंस कर लेते है, यहां बैठे हुए नेता अपने लाइफ इंश्‍योरेंस कर लेते हैं, वहां मीडिया के दोस्‍तों को भी इंश्‍योरेंस करना पड़ता है। इंश्‍योरेंस के पैसे जो उस कंपनी में हैं, एलआईसी में, वो निकालकर आपने दिया और जो गरीब लोग, मेहनतकश लोग, मध्‍यम वर्ग के लोग जो सरकारी नौकर हैं, किसान हैं, वो अपना पैसा बैंक में डिपॉजिट करते हैं, तो एसबीआई बैंक हो, पंजाब नेशनल बैंक हो और कोई बैंक हो, उन्‍होंने भी इतना लोन दिया, पूछो मत।तो ये इतना बड़ा लोन एक व्‍यक्ति के लिए देते हैं और वो भी किसलिए देते हैं – जो सरकार की कंपनियां खरीदने के लिए, मॉर्टगेज चलाने के लिए, लॉन्‍ग लीज पर देते हो और पैसा हमारा, संपत्ति हमारी, पब्लिक सेक्‍टर्स हमारे और खरीदने वाले हमारे पैसे से अडानी और इसको आशीर्वाद देने वाले कौन – मोदी।मोदी साहब तो हमेशा ये कहते हैं, मैं खाऊंगा नहीं, न खाने दूंगा, यही हैं न लफ्ज। न खाऊंगा, न खाने दूंगा, अब भाई आप बोलिए आप नहीं खा रहे, पैसे तो कोई खाते नहीं, लेकिन हमारी संपत्ति एक-एक बेच रहे हैं न। ये पैसा किसके पास जा रहा है- तुम्‍हारे दोस्‍त के पास जा रहा है। वो कौन सा दोस्‍त है, जिसके प्‍लेन में आप प्रधानमंत्री की ओथ लेने के लिए गुजरात से आए थे? वो उसी के प्‍लेन में आए थे और बोलते हैं, मैं रिश्‍वत को कभी बर्दाश्‍त नहीं करूंगा, करप्‍शन बंद। कहां बंद है भाई? हाँ ये हो सकता है कि छोटे-छोटे करप्‍शन में बंद किया, लेकिन बड़े करप्‍शन के लिए अलाऊ किया। ये ही हो सकता है और आज यही राहुल गांधी जी ने बोला, हमने बोला- भाई, हम पूछते हैं अडानी के साथ आप दिल्‍ली आए या नहीं, अडानी के साथ आप कितने देशों में घूमे, अडानी को आपके पहुंचते ही कितने देशों में आपने पहुंचाया, अडानी को कितने देशों के साथ आपने वहां के मुखिया से मिलवाया, यही हिसाब पूछ रहे थे। जब हमने हिसाब पूछा, तो हमारे भाषण गायब। उसमें नहीं, किताब में नहीं, न वहां की प्रोसीडिंग में, निकाल दिया सब जगह से।
तो हम ऐसी डेमोक्रसी में हैं, जिस डेमोक्रसी में बोलने की आजादी नहीं, लिखने की आजादी नहीं, खाने की भी आजादी नहीं, तुम ये खाओ, तुम वो खाओ, फलाना छोड़ो और आजकल कोई व्‍यक्ति अगर सच बोलता है, उसको जेल भेजते हो, यहां तक मैंने देखा है, मुझे जनवरी में 51 साल पूरे हो गए।तो मैंने कभी नहीं देखा, महाधिवेशनों में, अधिवेशन चल रहा है, रेड धड़ाधड़ डाल रहे हैं, किसको डरा रहे हैं आप? अरे, छत्तीसगढ़ के लोग डरने वाले नहीं हैं और वो तो लोग जंगल में रहते हैं, हर पानी को देखा है, हर पानी को पिया है, नदी का पानी पिया, बावड़ी का पानी पिया है, तालाब का पानी पिया है, तुम तो सिर्फ एक बॉटल का पानी पीते हो बस, तो डरना है तो आप डरते हो, इसीलिए ऐसे रेड डालते हो। अगर आपको डर नहीं है, क्‍यों आपने जो फाइनेंस डिपार्टमेंट का ईडी है, उसको होम डिपार्टमेंट से क्‍यों जोड़ा। 70-75 साल में वो इलाका जो आर्थिक इलाके से संबंधित था, वो निकालकर शाह के हाथ में दिया, क्‍योंकि लाठी भी उसके पास और डराने के लिए… और वो डराते ही हर जगह ये काम कर रहे हैं और उतना ही नहीं, ये को-ऑपरेटिव सोसाइटीज़, को-ऑपरेटिव कारखाने, ये भी वहां के लोगों को डराकर, वो चाहते हैं कारखाने लेना, डीसीसी बैंक लेना, क्रेडिट को-ऑपरेटिव लेना, मिल्‍क डेयरीज लेना, हर चीज लेना, इस‍के लिए वो को-ऑपरेटिव भी होम डिपार्टमेंट के साथ जोड़ दिए। अब तक मैंने 75 साल में नहीं देखा, होम डिपार्टमेंट में तो लॉ एंड ऑर्डर रहता है, बहुत से आईएएस, आईपीएस, इनकी समस्‍याएं रहती हैं और देश के बॉर्डर को देखने का काम रहता है, लेकिन ये सब शाह ने अपने हाथ में लिया और दोनों मिलकर देश में अपनी तानाशाही चलाना चाहते हैं।तो यही खतरा है लोकतंत्र के लिए, इसके लिए आपको डटकर मुकाबला करना है। अगर लोकतंत्र नहीं, अगर संविधान नहीं बचा, सबसे ज्यादा मार अगर किसी पर पड़ेगी, तो वो आदिवासियों को, दलितों को, अल्‍पसंख्‍यकों को, महिलाओं पर पड़ेगी, दूसरे और किसी को नहीं क्‍योंकि आज रिजर्वेशन है, इसीलिए तो मोदी जी कम कर रहे हैं। देश में 30 लाख सरकारी नौकरियां है, वैकेंसीज हैं, डिफेंस में, बीएसएनएल में, रेलवे में…, लेकिन वो नौकरियां नहीं भर रहे। क्‍य नहीं भर रहे हैं, क्योंकि इसमें कम से कम 60 प्रतिशत नौकरियाँ गरीब लोगों को मिलती हैं। अगर गरीब लोगों की 16-17 लाख नौकरियाँ भर देते हैं, तो वो पैसे से मजबूत हो जाएंगे और पैसे से जब मजबूत होते हैं, तो उनमें बोलने की ताकत आती हैं, जब बोलने की ताकत भी आती है, बच्‍चों को वे पढ़ा सकते हैं और ठीक ढंग से अपना संसार भी चला सकते हैं। इसलिए मोदी जी ये नहीं चाहते हैं कि वो वैकेंसी भरो, लेकिन वो करते क्‍या हैं? किसी स्टेट में जाते हैं, जहां चुनाव हो रहा है, वहाँ के चीफ सेक्रेटरी को बुलाकर पूछते हैं कि भाई, आपके पास कितनी नौकरियाँ खाली हैं? साहब, हमारे पास पांच लाख खाली हैं। पांच लाख छोड़ो भाई, मेरे को 70,000 का सर्टिफिकेट प्रिंट करके दो, ताकि नौकरियों को मैं किसी फंक्‍शन में बाटूंगा। तो वो आपने देखा होगा 2-3 जगह उन्‍होंने अपॉइंटमेंट के सर्टिफिकेट खुद प्रधानमंत्री ने बांटे। कहीं सुना आपने? वो डिप्‍टी सेक्रेटरी करता है काम, उसकी ऑर्डर आती है क्‍लर्क से, लेकिन हमारे देश के प्रधानमंत्री वो खुद अपॉइंटमेंट के ऑर्डर बांटते हैं, इसलिए कि इलेक्‍शन में उन बच्‍चों को मालूम हो न कि मोदी जी हमको अपॉइंटमेंट दिए। अरे वो तो आपका हक है और 30 लाख वैकेंसीज हैं, ये पब्लिक सेक्‍टर में हैं और सरकारी नौकरियाँ हैं। तो ऐसे बहुत से नाटक मोदी जी करते हैं और लोगों को डराते भी हैं और ऐसे बोलते हैं कि मोदी अकेला सारे अपोजिशन पर भारी है, आपने देखा होगा, राज्‍यसभा में जब रिप्‍लाइ कर रहे थे, छाती ठोककर कहते थे- ये मोदी किसी से डरेगा नहीं, सब अपोजिशन के लिए बस एक मोदी है। भाई, तेरे जैसे लोग बहुत इस देश में आए हैं और चले गए और जनता डेमोक्रसी में जनता डरती नहीं, जनता के पास शक्ति है

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