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दिल्ली नई दिल्ली

महामारी के बीच जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए कई हाथ आगे आ रहे हैं और आरजे रौनक उनमें से एक हैं।

नई दिल्ली/अजीत सिन्हा 
आरजे रौनक भी अपने अनूठे चरित्र बउआ के माध्यम से मुफ्त डॉक्टर कंसल्टेशन से लेकर कोविड रोगियों के इलाज के लिए धन जुटाने,फ्रंटलाइन कोविड योद्धा की मानसिक थकान के लिए नियमित कार्यशालाओं तक की कई पहल शुरू की हैं। इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए आरजे रौनक ने कहा, “मैं दुनिया भर में अपने दर्शकों और प्रशंसकों से मिले प्यार के लिए हमेशा आभारी हूं। महामारी ने मुझे जमीनी स्तर पर काम करने और विनाशकारी समय में एक जागरूक आवाज बनने के कुछ सार्थक अवसर दिए। यह उन सभी प्यार और सम्मान के लिए अपना काम करने का समय था, जो लोगों ने मुझ पर और मेरी पहल पर बरसों से प्यार बरसाया हैं।”

पहले लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था जहा सारे जाने माने आरजे आमंत्रित थे उस वीडियो कांफ्रेंस में उन पहलों पर चर्चा की थी जो आरजे के द्वारा की जा सकती हैं, उसी भावना को जारी रखते हुए रौनक ने ऑन-एयर और अपने सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से सकारात्मकता फैलाने का फैसला किया-कोविड योद्धाओं और कोविड से बचे लोगों की रिकवर करते हुए कहानियों सुनाते। आरजे रौनक की सीएसआर पहल ‘बऊआ केयर्स’ द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सरप्राइज बिरयानी पार्टियों और प्रशंसा सत्रों का आयोजन किया गया। रौनक भारत के सबसे अधिक फॉलो किए जाने वाले रेडियो व्यक्तित्व हैं और अपनी जुबां हास्य और मजाकिया बातों के लिए जाने जाते हैं। वह मूल रूप से किसी भी चीज पर और आम आदमी को प्रभावित करने वाली हर चीज पर बोलते हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान रेडियो स्टेशन पूरी तरह से वर्क फ्रॉम होम पैटर्न पर चले गए हैं, हालांकि, यह आरजे रौनक के प्रयासों को नहीं रोक पाया और इसके विपरीत, उन्होंने अपने अभियान को तेज कर दिया। आरजे को कोविड लर्निंग पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में महामारी के दौरान उनके निरंतर और अभिनव प्रयासों के कारण सम्मानित अतिथि के रूप में भी आमंत्रित किया गया था, जिसमें उन्होंने ‘समाज के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और इस तरह कोविड-19 का प्रबंधन करने में मीडिया की भूमिका’के बारे में बताया। इस सम्मेलन में दक्षिण एशियाई देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। “इस तरह के अभूतपूर्व समय के दौरान कंटेंट क्रिएटरस के कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां होती हैं। मेरा निरंतर प्रयास था कि मैं आशा की किरण बनूं और लोगों को इस अशांत समय के दौरान मुस्कुराने का कारण दूं। मीडिया आउटलेट्स को भी इस समाधान का हिस्सा होना चाहिए और समाज को दिशा देनी चाहिए” आरजे रौनक ने कहा।

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