खेमचंद पटेल की रिपोर्ट
मथुरा : समायोजित शिक्षामित्रों को रास नहीं आया कोर्ट का फैसला बड़ी संख्या में कलक्ट्रेट पहुंचे प्रभावित सहायक अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन कोर्ट के फैसले से प्रभावित सहायक अध्यापक कर रहे हैं एक काम एक भुगतान की मांग। शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने सम्बंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आदर्श समायोजित शिक्षक (शिक्षामित्र) वेलफेयर एसोसिएशन ने समायोजित शिक्षकों के हितों के विरुद्ध बताया है। मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मथुरा जनपद में 22 समायोजित अध्यापक प्रभावित हुए हैं।
जैसे ही न्यायालय के ओदश की सूचना समायोजित अध्यापकों को मिली हर ओर यही चर्चा होने लगी। बुधवार को सुबह से ही समायोजित अध्यापक भगत सिंह पार्क डैम्पीयर नगर पर जुटने लगे और दोपहर 12 बजे तक करीब चार सौ प्रभावित सहायक अध्यापक कलक्ट्रेट पर पहुंच गये। नारेबाजी करते हुए उन्होेंने प्रदेश सरकार से उनके हित में कदम उठाने की मांग की। आदर्श समायोजित शिक्षक(शिक्षामित्र)वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दुश्यंत कुमार ने बताया कि अगर प्रदेश सरकार उनके हितों का ध्यान नहीं रखती है तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाये। फिलहाल प्रभावित सहायक अध्यापकों ने गुरुवार से कलक्ट्रेट पर धरना शुरू करने की बात कही है। प्रदेश सरकार से मांग की है वह समायोजित शिक्षामित्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में पुन:विचार याचिका दाखिल करे, संवधिान पीठ में फैसले के विरुद्ध अपील करने तथा समान कार्य समान वेतन नीति तत्काल लागू करने जैसे विकल्पों पर विचार करने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से प्रभावित समायोजित अध्यापकों ने कलक्ट्रेट पहुंच कर अपनी मांगों के पक्ष में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
जिलाधिकारी की गैर मौजूदगी में एडीएम वित्त एवं राजस्व रविंद्र कुमार ने ज्ञापन लिया। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ज्ञात रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की अखिलेश सरकार के कार्यकाल के दौरान शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त करने संबंधी विवाद पर मंगलवार को फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित शिक्षकों को टीईटी परीक्षा पास करने का विकल्प दिया है। इसके लिए ऐसे उम्मीदवारों को दो मौके दिये जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए यह निर्णय सुनाया। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट समायोजन को नियमविरुद्ध करार दे चुका है। समायोजन के बाद शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार से कुछ कदम उठाने की मांग की है।