खेमचंद पटेल की रिपोर्ट
मथुरा : सरकार भले ही बदल गई हो मगर किसान आज भी सुखी नहीं है कर्ज से मुक्ति नहीं मिल पाने के कारण किसान आए दिन आत्महत्या कर रहे है। मगर सरकार किसानों की मदद की बात करती है तो क्यों किसान आत्महत्या कर रहा है। ये सवाल सरकार के दावों की पोल खोलता है। सरकार की वजह से एक और किसान की हुई मौत थाना राया इलाके के ईटोली गाॅव के किसान लक्ष्मण ने कर्ज से परेशान होकर नीम के पेड़ से फांसी लगाकर दी अपनी जान।
राया इलाके के ईटोली गाॅव मे रहने वाला लक्ष्मण किसान कर्ज से काफी दिनो से परेशान चल रहा था आलू की फसल बर्बाद होने पर कर्जा न चुका पाने से तंग आकर लक्ष्मण ने मौत को गले लगाना उचित समझा । लखमन ने घर के अंदर लगे नेम के पेड़ से गले में फांसी का फंदा लगाकर आत्म हत्या कर ली। ग्रामीण एवं मृत किसान के परिजनों का कहना है कि लक्ष्मण पर काफी कर्जा हो गया था क्यों की जो फसल महनत से करते है पूरी लागत लगते है उसके बाद भी भाव नहीं मिलता है जबकि फसल पैदा करने के लिए कर्ज ले लेते है की जब फसल अच्छी हो जाएगी तो कर्जा चूका देंगे। मगर सरकार की तरफ से कहना हैं तो बहुत होता है कि किसानों का कर्ज माफ़ कर दिया है तो फसल का उचित रेट क्यों नहीं मिलता है इसे लेकर वह कई दिनो से परेशान चल रहा था परेशान होकर लक्ष्मण ने अपनी जान ही गवा दी। किसान की मौत के बारे मे जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन का कोई भी आला अधिकारी कुछ भी बोलने या बतलाने को तैयार नही हे ।
किसान के परिजनों का गुस्सा सरकार पर भी है अब देखना होगा की सरकार और प्रशासन से इस परिवार को क्या मदद मिलती है